1,000 से अधिक कवक प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर
IUCN (प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ) ने पहली बार जारी की गई वैश्विक चेतावनी में बताया कि 1,300 से अधिक कवक प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं, जिनमें से 411 को अत्यंत संकटग्रस्त (Critically Endangered) घोषित किया गया है। ये कवक पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण और पौधों को समर्थन देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, लेकिन वनों की कटाई, शहरी विस्तार और रासायनिक प्रदूषण के कारण इनका अस्तित्व खतरे में है। विशेष रूप से खेती से नाइट्रोजन और अमोनिया के बहाव से मृदा रसायन बदल रहा है, जिससे सूक्ष्म कवकीय संरचनाएं नष्ट हो रही हैं। इसके अलावा, अमेरिका में जंगल की आग के बदलते पैटर्न भी इन जीवों के लिए नया संकट पैदा कर रहे हैं।
शेरों की स्थिति ‘Largely Depleted’ घोषित, कुछ क्षेत्रों में संरक्षण सफलता
पौराणिक प्रतीक शेर (Panthera leo) को IUCN की ग्रीन स्टेटस रिपोर्ट 2025 में ‘Largely Depleted’ (अत्यधिक घटा हुआ) दर्जा दिया गया है। हालाँकि शेर रेड लिस्ट में अब भी Vulnerable (कमजोर) श्रेणी में हैं, फिर भी भारत (गिर वन), पश्चिम और दक्षिण अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में संरक्षण के प्रयासों ने उनके पूर्ण विलुप्त होने से बचा लिया है। फिलहाल, भारत में केवल 670 एशियाई शेर हैं और अफ्रीका में लगभग 23,000 शेर बचे हैं। अब शेरों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है:
- Panthera leo leo (मध्य/पश्चिम अफ्रीका और भारत)
- Panthera leo melanochaita (दक्षिण और पूर्व अफ्रीका)
इनकी जनसंख्या को प्राकृतिक आवास की हानि, मानव विस्तार और शिकार के कारण लगातार खतरा बना हुआ है।
लुबान वृक्ष जलवायु और चराई के कारण संकटग्रस्त
IUCN ने यमन के सोकत्रा द्वीप में पाए जाने वाले लुबान (Boswellia) वृक्षों की गिरती स्थिति पर भी प्रकाश डाला है। यह वृक्ष धूप (incense) और औषधीय उपयोग के लिए प्रसिद्ध सुगंधित राल (resin) उत्पन्न करते हैं। अब इन्हें Endangered (संकटग्रस्त) या Critically Endangered (अत्यंत संकटग्रस्त) घोषित किया गया है, जिसमें से 5 प्रजातियाँ उच्च खतरे की श्रेणी में स्थानांतरित की गई हैं। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
- बिना नियंत्रण के बकरी चराई
- जलवायु परिवर्तन
- चक्री तूफान और अचानक बाढ़
ये सभी पौधों की वृद्धि को रोकते हैं, जिससे भविष्य में लुबान उत्पादन खतरे में है। स्थानीय प्रयास, जैसे कि छोटे पौधों की बाड़ से रक्षा और लुबान-आधारित शहद उद्योगों का विकास, समुदाय-आधारित संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए अपनाए जा रहे हैं।
Static GK जानकारी सारांश
श्रेणी | विवरण |
संगठन | IUCN (International Union for Conservation of Nature) |
IUCN रेड लिस्ट पर कुल प्रजातियाँ | 1,69,420 |
विलुप्ति खतरे वाली प्रजातियाँ | 47,187 |
संकटग्रस्त कवक प्रजातियाँ | 1,300+ (411 अत्यंत संकटग्रस्त) |
शेरों की संख्या | 23,000 (अफ्रीका), 670 (भारत) |
शेर वर्गीकरण (2025) | Panthera leo leo, Panthera leo melanochaita |
शेर ग्रीन स्टेटस | Largely Depleted |
लुबान वृक्ष प्रजातियाँ | Boswellia spp. – संकटग्रस्त/अत्यंत संकटग्रस्त |
प्रमुख खतरे | आवास हानि, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक चराई, प्रदूषण |
क्षेत्रीय ध्यान | सोकत्रा द्वीप, यमन |
संरक्षण प्रणाली | IUCN रेड लिस्ट + ग्रीन स्टेटस सिस्टम (2021 से लागू) |