जुलाई 20, 2025 11:00 अपराह्न

भारत और सिंगापुर ने हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर की शुरुआत के लिए साझेदारी की

करेंट अफेयर्स: भारत और सिंगापुर ने ग्रीन और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर लॉन्च करने के लिए साझेदारी की, भारत-सिंगापुर समुद्री सहयोग 2025, ग्रीन और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (जीडीएससी), सिंगापुर मैरीटाइम वीक 2025, मैरीटाइम डीकार्बोनाइजेशन, डिजिटल शिपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया, गोवा मुंबई चेन्नई क्रूज पोर्ट्स

India and Singapore Partner to Launch Green & Digital Shipping Corridor

समुद्री स्थिरता का नया युग

25 मार्च 2025 को भारत और सिंगापुर ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) की शुरुआत की। यह समझौता सिंगापुर मैरीटाइम वीक 2025 के दौरान किया गया और दोनों देशों की हरित और तकनीकी रूप से उन्नत समुद्री प्रथाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कॉरिडोर वैश्विक शिपिंग में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।

GDSC ढांचे के उद्देश्य

GDSC एक भविष्यमुखी पहल है जिसका लक्ष्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती और बंदरगाह संचालन के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है। इसका फोकस हरित ईंधन का उपयोग, समुद्री डिजिटलीकरण और द्विपक्षीय नवाचार प्लेटफॉर्म्स के विकास पर है। आने वाले महीनों में इस पहल को एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (MoU) के रूप में विस्तारित किया जाएगा, जिससे इंडोपैसिफिक क्षेत्र में स्थायी समुद्री अवसंरचना को बढ़ावा मिलेगा।

भारत और सिंगापुर की पूरक क्षमताएँ

भारत इस साझेदारी में डिजिटल नवाचार और हरित ईंधन उत्पादन की विशेषज्ञता लाता है, जबकि सिंगापुर वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में उन्नत लॉजिस्टिक्स और पोर्ट प्रबंधन में अग्रणी है। दोनों देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय समुद्री लॉजिस्टिक्स के लिए नए स्थिरता मानक स्थापित करना चाहते हैं।

समुद्री लॉजिस्टिक्स और नवाचार में क्रांति

GDSC के तहत स्मार्ट पोर्ट तकनीक, स्वचालित प्रणाली, और रियलटाइम शिपिंग एनालिटिक्स को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बंदरगाहों की दक्षता में भारी सुधार और पर्यावरणीय प्रभाव में कमी लाई जा सकेगी। इस पहल के तहत ऊर्जा उत्पादकों, लॉजिस्टिक्स कंपनियों, और तकनीकी प्रदाताओं के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि एक पर्यावरणअनुकूल और डिजिटल एकीकृत समुद्री क्षेत्र तैयार हो सके।

क्रूज़ पर्यटन और तटीय विकास की दिशा में भारत का विस्तार

इस साझेदारी के तहत भारत अब क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें सिंगापुर के सफल मॉडल से प्रेरणा ली जा रही है। गोवा, मुंबई और चेन्नई में नए क्रूज़ टर्मिनल परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जिससे भारत का तटीय आर्थिक क्षेत्र सशक्त होगा और वैश्विक क्रूज़ ऑपरेटरों को भारतीय बंदरगाहों की ओर आकर्षित किया जा सकेगा।

वैश्विक सहयोग और उद्योग सहभागिता

GDSC पहल को ऊर्जा, समुद्री लॉजिस्टिक्स और वित्तीय क्षेत्रों के 28 से अधिक उद्योग साझेदारों का समर्थन प्राप्त है। इनकी भागीदारी शून्यउत्सर्जन पोतों और डिजिटल पोर्ट समाधानों के त्वरित क्रियान्वयन में सहायक होगी। सिंगापुर मैरीटाइम वीक ने इस पहल को लॉन्च करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान किया, जिसमें समुद्री क्षेत्र के विशेषज्ञों और नेताओं ने शिरकत की।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)

विषय विवरण
आयोजन सिंगापुर मैरीटाइम वीक 2025
समझौते की तिथि 25 मार्च 2025
साझेदार देश भारत और सिंगापुर
समझौते का प्रकार ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर हेतु आशय पत्र (Letter of Intent)
पहल का नाम ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC)
मुख्य उद्देश्य डिजिटलीकरण, डीकार्बोनाइजेशन, उद्योग-नेतृत्व परियोजनाएं
भारत के क्रूज़ पोर्ट योजना गोवा, मुंबई, चेन्नई
भारत की भूमिका हरित ऊर्जा उत्पादन, डिजिटल नवाचार
सिंगापुर की भूमिका वैश्विक समुद्री गेटवे, उन्नत लॉजिस्टिक्स केंद्र
भागीदारी 28+ कंपनियाँ (ऊर्जा, समुद्री, वित्तीय क्षेत्र से)
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  1. 25 मार्च 2025 को भारत और सिंगापुर ने ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) शुरू करने के लिए Letter of Intent (LoI) पर हस्ताक्षर किए।
  2. यह समझौता सिंगापुर मेरीटाइम वीक 2025 के दौरान संपन्न हुआ।
  3. इस पहल का उद्देश्य सतत और डिजिटल समुद्री प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
  4. यह हरित ईंधन, बंदरगाह डिजिटलीकरण, और नौवहन डीकार्बोनाइजेशन को समर्थन देता है।
  5. भारत डिजिटल नवाचार और हरित ऊर्जा उत्पादन में अपनी ताकत का योगदान देगा।
  6. सिंगापुर अपनी वैश्विक समुद्री केंद्र की स्थिति और उन्नत बंदरगाह अवसंरचना लाएगा।
  7. यह साझेदारी आगे चलकर एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (MoU) में बदलेगी।
  8. यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स और पर्यावरण-अनुकूल नौवहन को मजबूती देगा।
  9. यह कॉरिडोर स्मार्ट पोर्ट सिस्टम, रीयल-टाइम एनालिटिक्स, और स्वचालित लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा।
  10. ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स और वित्त क्षेत्र से28 से अधिक हितधारक इस परियोजना का हिस्सा हैं।
  11. इसका लक्ष्य शून्य-उत्सर्जन जहाजों की तैनाती और कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है।
  12. GDSC बंदरगाह दक्षता बढ़ाएगा और पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाएगा।
  13. भारत इस मॉडल को गोवा, मुंबई और चेन्नई जैसे बंदरगाहों पर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लागू करेगा।
  14. यह भारत के तटीय विकास और ब्लू इकोनॉमी दृष्टिकोण का हिस्सा है।
  15. यह परियोजना समुद्री प्रौद्योगिकी के लिए द्विपक्षीय नवाचार मंचों को सक्षम बनाएगी।
  16. यह कॉरिडोर दोनों देशों की वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  17. सिंगापुर मेरीटाइम वीक इस साझेदारी के लिए प्रारंभिक मंच रहा।
  18. GDSC, भारत की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और मेरिटाइम इंडिया विजन 2030 का पूरक है।
  19. यह सहयोग हरित बुनियादी ढाँचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  20. यह भारत को सतत समुद्री प्रौद्योगिकी और व्यापार मार्गों में अग्रणी के रूप में स्थापित करता है।

Q1. भारत और सिंगापुर के बीच ग्रीन और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर समझौता कब साइन किया गया?


Q2. भारत-सिंगापुर समझौते में GDSC का पूरा नाम क्या है?


Q3. इस पहल के तहत किन भारतीय शहरों में क्रूज़ पोर्ट विकसित किए जाएंगे?


Q4. किस कार्यक्रम के दौरान भारत-सिंगापुर GDSC समझौते पर हस्ताक्षर किए गए?


Q5. GDSC परियोजना में भारत का प्रमुख योगदान क्या है?


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Daily Current Affairs March 27

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