जुलाई 19, 2025 11:26 पूर्वाह्न

दार्जिलिंग चिड़ियाघर ने हिमालयी वन्यजीवों के लिए भारत का पहला डीएनए भंडार स्थापित किया

करेंट अफेयर्स: दार्जिलिंग चिड़ियाघर ने हिमालयी वन्यजीवों के लिए भारत का पहला डीएनए वॉल्ट स्थापित किया, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, वन्यजीव डीएनए आर्काइव इंडिया, रेड पांडा जेनेटिक कंजर्वेशन, हिम तेंदुआ डीएनए स्टोरेज, सीसीएमबी हैदराबाद भागीदारी, क्रायोजेनिक जैव विविधता संरक्षण, भारतीय वन्यजीव जीनोम बैंक

Darjeeling Zoo Sets Up India’s First DNA Vault for Himalayan Wildlife

संकटग्रस्त पर्वतीय प्रजातियों के लिए देश का पहला आनुवंशिक भंडार

दार्जिलिंग स्थित पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क ने भारत का पहला वन्यजीव डीएनए संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जो हिम क्षेत्र में पाई जाने वाली प्रजातियों के लिए समर्पित है। सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद के सहयोग से इस चिड़ियाघर ने एक जेनेटिक बैंक स्थापित किया है, जिसमें रेड पांडा और स्नो लेपर्ड जैसी संकटग्रस्त प्रजातियों का डीएनए संग्रहीत किया गया है। अब तक 60 डीएनए नमूने एकत्र किए जा चुके हैं और क्रायोजेनिक स्थितियों में सुरक्षित रखे गए हैं।

संरक्षण में डीएनए बैंकिंग की भूमिका

इस परियोजना में उन्नत क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक अपनाई गई है, जिसमें तरल नाइट्रोजन की मदद से अत्यंत कम तापमान पर डीएनए संरक्षित किया जाता है। इसका उद्देश्य हिमालयी जैव विविधता की आनुवंशिक जानकारी को लंबे समय तक सुरक्षित रखना है, जिससे भविष्य में वैज्ञानिक अनुसंधान, पुनरुत्पादन कार्यक्रम और संभव प्रजाति पुनर्जीवन संभव हो सके। यह प्रयास पारंपरिक संरक्षण के साथ आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी को जोड़ने का संकेत देता है।

वैश्विक संरक्षण में दार्जिलिंग चिड़ियाघर की भूमिका और बढ़ी

2,150 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह चिड़ियाघर पहले से ही ठंडे जलवायु वाले जीवों के संरक्षण और प्रजनन के लिए प्रसिद्ध है। 67.8 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस चिड़ियाघर में हिमालयन भेड़िया, रेड पांडा और स्नो लेपर्ड जैसे जीवों की रक्षा की जाती है। डीएनए भंडार की स्थापना से यह न केवल एक संरक्षण केंद्र बल्कि अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान के रूप में भी स्थापित हो गया है।

भारत में वन्यजीव आनुवंशिकी में नई प्रगति

CCMB हैदराबाद के साथ यह साझेदारी पर्यावरणीय लक्ष्यों के लिए जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग में एक नया मोड़ है। चिड़ियाघर के भीतर एक समर्पित शोध केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ दीर्घकालिक आनुवंशिक विश्लेषण, संरक्षण आनुवंशिकी, और जैव विविधता योजना का कार्य होगा। यह पहल भारत को उन देशों की सूची में शामिल करती है जो पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में आणविक उपकरणों का उपयोग कर संरक्षण को सुदृढ़ कर रहे हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)

श्रेणी जानकारी
परियोजना स्थान पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग
ऊँचाई 2,150 मीटर समुद्र तल से ऊपर
परियोजना प्रकार बर्फीले क्षेत्रों के जानवरों के लिए भारत का पहला डीएनए संरक्षण कार्यक्रम
सहयोगी संस्था सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद
एकत्र किए गए डीएनए नमूने 60 (रेड पांडा, स्नो लेपर्ड सहित)
संरक्षण पद्धति तरल नाइट्रोजन द्वारा क्रायोजेनिक भंडारण
चिड़ियाघर का क्षेत्रफल 67.8 एकड़
संरक्षण फोकस हिमालयन वुल्फ, रेड पांडा, स्नो लेपर्ड
परियोजना की शुरुआत 2023
परीक्षा प्रासंगिकता पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन्यजीव संरक्षण – UPSC, SSC, TNPSC
Darjeeling Zoo Sets Up India’s First DNA Vault for Himalayan Wildlife
  1. पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क ने भारत का पहला वन्यजीव डीएनए वॉल्ट लॉन्च किया है।
  2. यह पहल रेड पांडा और स्नो लेपर्ड जैसी हिमालयी प्रजातियों से आनुवंशिक सामग्री संरक्षित करती है।
  3. यह चिड़ियाघर दार्जिलिंग में 2,150 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  4. डीएनए बैंक का निर्माण CCMB हैदराबाद के सहयोग से किया गया।
  5. अब तक 60 डीएनए नमूने एकत्रित कर संग्रहीत किए जा चुके हैं
  6. नमूनों को क्रायोजेनिक विधियों और द्रव नाइट्रोजन द्वारा संरक्षित किया गया है।
  7. यह पहल प्रजातियों के पुनरुत्थान, प्रजनन, और जैव विविधता योजना को समर्थन देती है।
  8. चिड़ियाघर 8 एकड़ में फैला है और शीतकालीन प्रजातियों के प्रजनन के लिए प्रसिद्ध है।
  9. अन्य संरक्षित जानवरों में हिमालयी भेड़िया और तिब्बती लोमड़ी शामिल हैं।
  10. यह डीएनए वॉल्ट 2023 में एक संरक्षण उपलब्धि के रूप में शुरू किया गया था।
  11. यह भारत की आणविक वन्यजीव संरक्षण में भूमिका को सुदृढ़ करता है।
  12. चिड़ियाघर में एक समर्पित आनुवंशिक अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
  13. यह परियोजना केवल आवास संरक्षण से हटकर आनुवंशिक सुरक्षा की ओर संकेत करती है।
  14. डीएनए डेटा से भविष्य में क्लोनिंग, अनुसंधान, और रोग प्रतिरोध क्षमता पर अध्ययन संभव है।
  15. यह भारत की जलवायुसंवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा क्षमता को मजबूत करता है।
  16. यह परियोजना वैश्विक वन्यजीव डीएनए बैंकों के प्रयासों के साथ संगत है।
  17. अब यह चिड़ियाघर एक अनुसंधान संस्थान और आनुवंशिक भंडार दोनों बन गया है।
  18. इसमें आधुनिक जैव प्रौद्योगिकीय उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
  19. यह भारतीय चिड़ियाघरों में पहली बार डीएनए संरक्षण तकनीक अपनाने की मिसाल है।
  20. यह परियोजना भारत के विज्ञान आधारित सतत वन्यजीव संरक्षण दृष्टिकोण के अनुरूप है।

Q1. किस चिड़ियाघर ने हिमालयी वन्यजीवों के लिए भारत की पहली डीएनए संरक्षण परियोजना शुरू की है?


Q2. डीएनए संरक्षण के लिए दार्जिलिंग चिड़ियाघर ने किस संस्थान के साथ साझेदारी की है?


Q3. परियोजना में डीएनए संरक्षण के लिए मुख्य विधि क्या है?


Q4. पद्मजा नायडू हिमालयन चिड़ियाघर किस ऊंचाई पर स्थित है?


Q5. किन दो जानवरों के डीएनए नमूने विशेष रूप से इस तिजोरी में संरक्षित किए गए हैं?


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