जुलाई 21, 2025 8:46 अपराह्न

केरल ने भारत की पहली औषधि निपटान योजना ‘nPROUD’ की शुरुआत की

करेंट अफेयर्स: वाइल्डलाइफ बायोबैंक इंडिया 2024, दार्जिलिंग चिड़ियाघर रेड पांडा संरक्षण, क्रायोजेनिक बायोबैंक पीएनएचजेडपी, जेनेटिक कंजर्वेशन इंडिया सीसीएमबी, लुप्तप्राय प्रजाति जीनोम स्टोरेज, कंकाल संग्रहालय दार्जिलिंग, वाजा पुरस्कार जैव विविधता

Kerala Launches India’s First Drug Disposal Scheme: nPROUD

औषधियों के सुरक्षित निपटान के लिए केरल की नई पहल

केरल सरकार ने nPROUD (New Programme for Removal of Unused Drugs) नामक एक अनूठी योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अनुपयोगी और समाप्त हो चुकी औषधियों को सुरक्षित रूप से एकत्र कर नष्ट करना है। यह भारत की पहली ऐसी औपचारिक योजना है जो फार्मास्युटिकल कचरे के निपटान के लिए समुदाय स्तर पर एक संगठित प्रणाली स्थापित करती है। पायलट कार्यक्रम की शुरुआत 22 फरवरी 2025 को कोझिकोड नगर निगम और उलियेरी पंचायत में की जाएगी, जो लगभग 2 लाख परिवारों को कवर करेगा।

योजना का संचालन कैसे होगा

इस योजना के तहत हरिता कर्म सेना और कूड़ुंभश्री की महिलाएं घर-घर जाकर नि:शुल्क औषधियाँ एकत्रित करेंगी। इसके अतिरिक्त, सभी फार्मेसियों में नीले रंग के डिब्बे रखे जाएंगे, जिनमें आम नागरिक अनुपयोगी दवाइयाँ डाल सकेंगे। व्यावसायिक संस्थानों से दवा संग्रह के लिए ₹40 प्रति किलोग्राम शुल्क लिया जाएगा। एकत्रित दवाओं को केईआईएल (KEIL), एर्नाकुलम स्थित संयंत्र में सुरक्षित रूप से जलाया जाएगा।

पुराने अनुभव से सीखी गई सीख

nPROUD की नींव PROUD (2019) नामक एक पायलट योजना पर आधारित है, जिसे तिरुवनंतपुरम में लागू किया गया था और जिससे 21 टन से अधिक दवाइयाँ एकत्र की गईं। लेकिन उस समय स्थानीय निपटान सुविधाओं की कमी के कारण योजना को बड़े स्तर पर नहीं बढ़ाया जा सका। nPROUD अब इस कमी को दूर करता है और Clean Kerala Company Ltd (CKCL) के सहयोग से एक संगठित तंत्र प्रदान करता है।

नागरिकों को जागरूक करने की पहल

जनभागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सरकार गो ब्लू डे (Go Blue Day)” जैसे विशेष आयोजन करेगी, जिनमें नागरिकों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपनी समाप्त हो चुकी दवाओं को निर्धारित केंद्रों पर जमा करें। इस दिन सार्वजनिक स्तर पर औषधि दुरुपयोग, प्रदूषण, और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध जैसे मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

राष्ट्रीय नीति का मार्गदर्शक मॉडल

nPROUD के साथ, केरल भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने दवा कचरा प्रबंधन को संस्थागत रूप दिया है। इस पहल की सफलता अब दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों को भी प्रेरित कर रही है, जो समान योजनाओं की दिशा में विचार कर रहे हैं। यह परियोजना भविष्य में राष्ट्रीय औषधि अपशिष्ट प्रबंधन नीति का एक मॉडल बन सकती है।

STATIC GK SNAPSHOT: केरल की nPROUD औषधि निपटान योजना

श्रेणी विवरण
योजना का पूरा नाम New Programme for Removal of Unused Drugs (nPROUD)
शुरुआत तिथि 22 फरवरी 2025
पायलट क्षेत्र कोझिकोड निगम और उलियेरी पंचायत
संग्रह विधियाँ हरिता कर्म सेना, कूड़ुंभश्री, फार्मेसी डिब्बे, गो ब्लू डे
निपटान स्थान केईआईएल संयंत्र, एर्नाकुलम
घरेलू लागत नि:शुल्क
व्यवसायिक शुल्क ₹40 प्रति किलोग्राम
आधारित योजना PROUD पायलट 2019
लॉन्च करने वाले स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज
विचार कर रहे राज्य दिल्ली, कर्नाटक
Kerala Launches India’s First Drug Disposal Scheme: nPROUD
  1. केरल ने 22 फरवरी 2025 को भारत की पहली औपचारिक औषधि निपटान योजना ‘nPROUD’ शुरू की।
  2. nPROUD का पूर्ण रूप है – New Programme for Removal of Unused Drugs
  3. पायलट परियोजना कोझिकोड नगर निगम और उल्लियरी पंचायत में सक्रिय है।
  4. हरिता कर्म सेना और कुदुंबश्री के स्वयंसेवी घरों से दवाएं एकत्र करते हैं।
  5. फार्मेसियों में नीले रंग के डिब्बे रखे गए हैं, जहाँ पर पुरानी दवाएं जमा की जा सकती हैं।
  6. इन दवाओं को एर्नाकुलम स्थित KEIL संयंत्र में जलाकर नष्ट किया जाता है।
  7. घरों से निःशुल्क संग्रहण, जबकि व्यावसायिक इकाइयों से ₹40 प्रति किलोग्राम शुल्क लिया जाता है।
  8. यह योजना 2019 में तिरुवनंतपुरम में शुरू हुई PROUD पहल पर आधारित है।
  9. गो ब्लू डे’ जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए औषधि निपटान पर जनजागरूकता फैलाई जाएगी।
  10. योजना का उद्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध और गलत निपटान से उत्पन्न स्वास्थ्य खतरों से निपटना है।
  11. यह योजना क्लीन केरल कंपनी लिमिटेड (CKCL) द्वारा समन्वित की जा रही है।
  12. इस कार्यक्रम का उद्घाटन केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने किया।
  13. यह योजना सुरक्षित औषधि अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देती है।
  14. यह सामुदायिक स्तर पर औषधि संग्रहण के लिए एक राष्ट्रीय उदाहरण स्थापित करती है।
  15. पायलट चरण में 2 लाख से अधिक परिवारों को शामिल करने का अनुमान है।
  16. योजना का लक्ष्य औषधि निपटान को पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित और जन-सुलभ बनाना है।
  17. दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्य इस मॉडल को अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
  18. यह नागरिकों को जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है।
  19. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और पर्यावरण पर आधारित सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का समर्थन करता है।
  20. nPROUD योजना केरल के स्वास्थ्य शासन में नवाचार को दर्शाती है।

Q1. nPROUD का पूर्ण रूप क्या है?


Q2. nPROUD का पायलट चरण किन दो स्थानों पर शुरू किया गया?


Q3. nPROUD के तहत फार्मेसियां अनुपयोगी दवाओं को किस रंग के बिन में संग्रहित करेंगी?


Q4. मेडिकल दुकानों के लिए प्रति किलो व्यावसायिक निपटान शुल्क कितना है?


Q5. nPROUD किस 2019 की पहल पर आधारित है?


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