भारत की विश्व में दुग्ध उत्पादन में अग्रणी स्थिति
भारत अब आधिकारिक रूप से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया है, जो वैश्विक उत्पादन में 24% योगदान देता है। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारत का दुग्ध उत्पादन 239 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) तक पहुँच चुका है। सरकार अब अगले पाँच वर्षों में इसे 300 MMT तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है। प्रति व्यक्ति दूध खपत वर्तमान में 471 ग्राम प्रतिदिन है, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है, और यह भारत की डेयरी नेतृत्व स्थिति को सशक्त करता है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) का प्रभाव
2014 में शुरू किया गया राष्ट्रीय गोकुल मिशन भारतीय डेयरी उद्योग को आधुनिक रूप देने में केंद्रबिंदु रहा है। इसका उद्देश्य देशी नस्लों जैसे गिर, साहिवाल, रेड सिंधी और राठी का संरक्षण करना है और कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से आनुवंशिक सुधार को बढ़ावा देना है। इस मिशन के अंतर्गत आधुनिक दुग्ध अवसंरचना, दूध प्रसंस्करण संयंत्र, और पशु चिकित्सा सेवाओं की बेहतर उपलब्धता विकसित की गई है। मिशन ने महिला सहभागिता को भी बढ़ावा दिया है—75% डेयरी कार्यबल में महिलाएं हैं, और इससे लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा है।
भारत के डेयरी क्षेत्र की चुनौतियाँ
तेज़ विकास के बावजूद, भारत के दुग्ध क्षेत्र को कई संरचनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रति पशु कम उत्पादकता एक प्रमुख बाधा है। साथ ही, खुर–पका रोग (FMD) जैसे संक्रमण नियमित संकट बनते हैं। जलवायु परिवर्तन पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को प्रभावित करता है। भंडारण सुविधा की कमी के कारण बाद की हानि (post-harvest loss) अधिक होती है, और कीमत में अस्थिरता किसानों की आय को प्रभावित करती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप और आधुनिकीकरण की आवश्यकता है।
2030 तक डेयरी क्षेत्र का दृष्टिकोण
2030 तक 300 MMT दुग्ध उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार कृत्रिम गर्भाधान कवरेज बढ़ाने, जलवायु लचीले खेती को बढ़ावा देने और टीकाकरण कार्यक्रमों को विस्तार देने पर ध्यान दे रही है। सहकारी और निजी डेयरी इकाइयों के विस्तार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का निर्माण किया जा रहा है ताकि अपव्यय में कमी लाई जा सके। यह प्रयास दुग्ध किसानों की स्थायी आय और भारत की वैश्विक कृषि निर्यात स्थिति को मजबूत करने की दिशा में अग्रसर हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)
विषय | विवरण |
वर्तमान दुग्ध उत्पादन | 239 मिलियन मीट्रिक टन (2025) |
वैश्विक योगदान | विश्व के कुल उत्पादन का 24% |
2030 का लक्ष्य | 300 मिलियन मीट्रिक टन |
प्रति व्यक्ति दूध खपत | 471 ग्राम प्रतिदिन |
जीडीपी में योगदान | 4.5% |
डेयरी क्षेत्र में रोजगार | 10 करोड़ लोग (75% महिलाएं) |
प्रमुख योजना | राष्ट्रीय गोकुल मिशन (2014 में शुरू) |
बढ़ावा दी गई देशी नस्लें | गिर, साहिवाल, रेड सिंधी, राठी |
प्रमुख चुनौतियाँ | कम उत्पादकता, बीमारियाँ, जलवायु प्रभाव, भंडारण की कमी |
भविष्य का ध्यान | कृत्रिम गर्भाधान, रोग नियंत्रण, कोल्ड चेन, जलवायु लचीलापन |