पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में विशाल सफारी की योजना
हरियाणा सरकार द्वारा गुरुग्राम और नूह जिलों में 3,858 हेक्टेयर क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क बनाने का प्रस्ताव बहस का विषय बन गया है। इस परियोजना में पशु संगरोध क्षेत्र, लक्ज़री लॉज और मनोरंजन जोन शामिल हैं और इसे अब वन विभाग को सौंपा गया है। परंतु पर्यावरणविदों और पूर्व वन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह योजना अरावली की पारिस्थितिकी तंत्र को अपूरणीय नुकसान पहुँचा सकती है।
अरावली श्रृंखला का पारिस्थितिक महत्व
अरावली पर्वतमाला विश्व की सबसे पुरानी मुड़ी हुई पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है, जो दिल्ली से गुजरात तक 670 किमी में फैली हुई है। इसका निर्माण प्रोटेरोजोइक युग में अरावली–दिल्ली ऑरोजेनिक बेल्ट के रूप में हुआ था। राजस्थान का गुरु शिखर (1,722 मीटर) इसका सबसे ऊँचा शिखर है। ये पहाड़ियाँ रेगिस्तान के फैलाव को रोकती हैं, प्राकृतिक जलभंडार का कार्य करती हैं और गुरुग्राम–नूह जैसे सूखे क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण में सहायक होती हैं।
विशेषज्ञों का तीव्र विरोध
37 सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों के समूह ने इस परियोजना का सार्वजनिक रूप से विरोध किया है। उनका मानना है कि यह सफारी पार्क पर्यावरण संरक्षण के बजाय पर्यटन को प्राथमिकता देता है। उनका कहना है कि इससे निर्माण और यातायात में वृद्धि होगी, जिससे भूजल संकट और वन्यजीव निवास स्थान में बाधा आ सकती है। यह विरोध सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के पर्यावरणीय फैसलों के आधार पर वैध है।
मौजूदा कानूनी सुरक्षा प्रावधान
पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 1900 और भारतीय वन अधिनियम 1927 पहले से ही अरावली क्षेत्र को कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं। वर्तमान में लगभग 24,000 हेक्टेयर क्षेत्र संरक्षित वन घोषित है। ये अधिनियम निर्माण, वनों की कटाई और व्यावसायिक दोहन पर रोक लगाते हैं। न्यायपालिका ने भी समय-समय पर इन कानूनों को सख्ती से लागू करने की पुष्टि की है।
संरक्षण आधारित वैकल्पिक समाधान
पर्यावरण विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को पर्यटन–केंद्रित सफारी पार्क की बजाय राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य स्थापित करना चाहिए। इसका उद्देश्य स्थानीय प्रजातियों का संरक्षण, पारिस्थितिक पुनर्स्थापन और प्राकृतिक आवास की पुनर्बहाली होना चाहिए। यह कदम भारत की जैव विविधता प्रतिबद्धताओं और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप होगा।
STATIC GK SNAPSHOT: अरावली सफारी पार्क योजना
विषय | विवरण |
परियोजना स्थान | गुरुग्राम और नूह, हरियाणा (अरावली पर्वतमाला) |
अरावली की लंबाई | 670 किमी (दिल्ली से गुजरात तक) |
सर्वोच्च शिखर | गुरु शिखर, 1,722 मीटर, राजस्थान |
उद्गमित नदियाँ | लूनी, बनास, साहिबी (यमुना सहायक) |
कानूनी सुरक्षा अधिनियम | पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (1900), वन अधिनियम (1927) |
संरक्षित वन क्षेत्र | 24,000 हेक्टेयर |
निर्माण काल | प्रोटेरोजोइक युग (अरावली-दिल्ली ऑरोजेनिक बेल्ट) |
विरोध करने वाला समूह | 37 सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा अधिकारी |
न्यायिक समर्थन | सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी द्वारा पारिस्थितिक संरक्षण की पुष्टि |
सुझाया गया विकल्प | जैव विविधता केंद्रित राष्ट्रीय उद्यान/अभयारण्य |