कृषि जोखिम प्रबंधन में एक मील का पत्थर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), जो 18 फरवरी 2016 को शुरू हुई थी, ने 2025 में अपने 9 सफल वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह योजना विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा पहलों में से एक बन चुकी है। अब तक ₹1.75 लाख करोड़ से अधिक दावे का भुगतान किया गया है और 23.22 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। इस योजना ने प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूती दी है।
सस्ती बीमा योजना और व्यापक कवरेज
PMFBY को इसकी कम प्रीमियम दरों के कारण लोकप्रियता मिली है। किसान खरीफ फसलों के लिए केवल 2%, रबी फसलों के लिए 1.5%, और वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम चुकाते हैं। शेष राशि केंद्र और राज्य सरकारें देती हैं। यह मॉडल छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी फसल बीमा को सुलभ बनाता है।
तकनीक के माध्यम से बढ़ती दक्षता
इस योजना में तकनीकी सुधारों के तहत उपग्रह चित्रों, ड्रोन सर्वेक्षण, और रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। Kharif 2023 में शुरू किया गया YES-TECH (Yield Estimation System Based on Technology), फसल नुकसान के सटीक मूल्यांकन में एक क्रांतिकारी कदम रहा है, जिससे दावों के निपटारे में तेजी आई है।
2025-26 के लिए सरकार की नई मंज़ूरी
सरकार ने इस योजना को 2025-26 तक जारी रखने के लिए जनवरी 2025 में ₹69,515.71 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसके साथ ही Restructured Weather-Based Crop Insurance Scheme (RWBCIS) को भी समर्थन मिला है, जिससे सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता झलकती है।
गैर-ऋणी किसानों में बढ़ा विश्वास
2023-24 में 55% गैर–ऋणी किसानों ने स्वेच्छा से योजना में भाग लिया, जो कि जागरूकता और भरोसे के बढ़ने का संकेत है। अब किसान स्वेच्छा से बीमा करा रहे हैं, न कि केवल बैंक ऋण के कारण। यह कृषक व्यवहार में बड़ा बदलाव दर्शाता है।
एक मजबूत और स्थायी कृषि भविष्य की ओर
PMFBY केवल बीमा नहीं बल्कि भारतीय कृषि के लिए एक सुरक्षा जाल बन चुका है। यह किसानों को जलवायु परिवर्तन के जोखिमों से उबरने में मदद करता है और सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है। इस योजना की निरंतरता और नवाचार ही ग्रामीण भारत में खेती को टिकाऊ आजीविका बनाए रखने की कुंजी है।
STATIC GK SNAPSHOT: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) |
प्रारंभ तिथि | 18 फरवरी 2016 |
प्रारंभकर्ता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
सम्बंधित मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
किसान प्रीमियम दर | खरीफ: 2%, रबी: 1.5%, वाणिज्यिक फसलें: 5% |
तकनीकी समावेशन | YES-TECH, उपग्रह एवं ड्रोन आधारित मूल्यांकन |
नवीनतम बजट आवंटन (2025) | ₹69,515.71 करोड़ (PMFBY एवं RWBCIS सम्मिलित) |
गैर-ऋणी किसान भागीदारी (2023-24) | 55% कुल बीमित किसानों में से |
कुल दावे भुगतान | ₹1.75 लाख करोड़ (23.22 करोड़ किसानों को) |
योजना का कवरेज | 23 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश |