जनासू में ऐतिहासिक सुरंग ब्रेकथ्रू
16 अप्रैल 2025 को, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तराखंड के जनासू में भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू की घोषणा की। यह सफलता ऋषिकेश–कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है, जो 125 किमी लंबा ट्रैक है और गढ़वाल हिमालय के तीर्थ क्षेत्रों को जोड़ता है। यह घटना भारत की पहली यात्री रेल सेवा की 172वीं वर्षगांठ पर हुई, जो इस उपलब्धि को और भी ऐतिहासिक बनाती है।
इंजीनियरिंग और पर्यावरणीय नवाचार
यह सफलता टनल नंबर 8, एक 14.57 किमी लंबी जुड़वां सुरंग, में प्राप्त हुई। पहली बार भारत के पहाड़ी रेल निर्माण में जर्मनी निर्मित टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) ‘शक्ति’ का उपयोग किया गया, जिससे पर्यावरणीय क्षति कम हुई। इसके साथ न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) भी अपनाया गया ताकि भूकंपीय क्षेत्र IV में स्थित इस परियोजना में सुरक्षित और नियंत्रित खुदाई सुनिश्चित की जा सके।
रेल लाइन का सामरिक और धार्मिक महत्व
यह रेल मार्ग ऋषिकेश को कर्णप्रयाग से सीधे जोड़ता है और केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चारधाम तीर्थों के लिए रेल आधार तैयार करता है। जहाँ पहले यह यात्रा 6–7 घंटे लगती थी, अब यह केवल 2 घंटे में पूरी हो सकेगी। यह न केवल तीर्थ यात्रियों को सुविधा देगा, बल्कि भूस्खलन और बाढ़ के समय सड़क यात्रा का सुरक्षित विकल्प भी प्रदान करेगा।
भूगोलिक और लॉजिस्टिक चुनौतियों को पार करना
परियोजना को साकार करने के लिए 165 मीट्रिक टन की मशीनरी को मुंद्रा पोर्ट से हिमालयी स्थलों तक पहुँचाया गया, जो संकीर्ण और भूस्खलन–प्रवण सड़कों से होकर गया। इंजीनियरों को चट्टान की बदलती प्रकृति, मौसम की बाधाएं और पारिस्थितिक संवेदनशीलता से निरंतर जूझना पड़ा। इसके बावजूद, 2025 की शुरुआत तक 70% कार्य पूर्ण हो चुका है। पूरी रेल लाइन दिसंबर 2026 तक चालू होने की उम्मीद है, जबकि सभी सुरंग और संरचनात्मक कार्य 2025 के अंत तक पूरे हो जाएंगे।
उत्तराखंड के लिए परिवर्तनकारी संभावना
यह परियोजना केवल यातायात सुविधा नहीं, बल्कि स्थानीय रोजगार, ईको–टूरिज्म और निवेश को बढ़ावा देगी।
- 12 नए रेलवे स्टेशन,
- 16 मुख्य सुरंगें,
- 19 बड़े पुल,
इस क्षेत्र को आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन का केंद्र बनाएँगे। बेहतर परिवहन से स्थानीय हस्तशिल्प, मौसमी व्यापार, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
परियोजना का नाम | ऋषिकेश–कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लिंक |
सबसे लंबी सुरंग | टनल नंबर 8, जनासू (14.57 किमी) |
राज्य | उत्तराखंड |
प्रयुक्त तकनीक | टीबीएम ‘शक्ति’ (जर्मन निर्मित), NATM |
संबंधित मंत्री | अश्विनी वैष्णव |
जुड़े धार्मिक स्थल | केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री |
भूकंपीय क्षेत्र | ज़ोन IV |
पहला सुरंग ब्रेकथ्रू | 16 अप्रैल 2025 |
पूर्ण लाइन चालू होगी | दिसंबर 2026 |
कुल लंबाई | 125 किमी (83% सुरंग में) |