तमिलनाडु में एक महत्वपूर्ण खोज
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के शिलालेख विभाग ने तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई जिले में प्राचीन शिलालेखों की एक महत्वपूर्ण खोज की है। मलैयडीपट्टी और पोननामरावथी जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गांवों में मिले इन शिलालेखों को परंपरागत एस्ट्रैम्पेज तकनीक के माध्यम से मैपलिथो कागज़ पर संरक्षित किया गया। ये अभिलेख जल प्रबंधन, समुदायिक सहभागिता और मंदिर जीवन पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
मलैयडीपट्टी में प्राचीन जल योजना
कुदम्बीश्वरर मंदिर के समीप एक 16वीं शताब्दी का शिलालेख सुंदर चोलापुरम और सैवल्लूर के बीच ज़मीन विभाजन समझौते को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य एक ऊरानी (जलाशय) का निर्माण था। यह समझौता गांव समुदायों द्वारा स्थायी जल प्रबंधन में निभाई गई भूमिका को दर्शाता है।
वहीं एक अन्य शिलालेख में राजा राजन सुंदरपांडियन का उल्लेख है, जहाँ सैवल्लूर के उदैयन पेरुमल द्वारा जलस्रोत निर्माण के लिए वित्त पोषण किए जाने का विवरण है—यह व्यक्तिगत सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण है।
पोननामरावथी में मंदिर अर्थव्यवस्था और अनुष्ठानिक परंपराएँ
पोननामरावथी स्थित चोलेश्वरर मंदिर की पश्चिमी दीवार पर मिले एक शिलालेख में मरवर्मन कुलशेखर पांडियन के आठवें शासकीय वर्ष का उल्लेख है। इसमें मंदिर को ‘चोलेश्वरर उदैय नयनार मंदिर‘ और प्रशासनिक रूप से उझवलै नाडु के अंतर्गत बताया गया है।
इसमें पांच विशेष स्थानों पर दीप जलाने हेतु 40 पनम (मुद्रा) दान किए जाने का विवरण मिलता है।
पूर्वी दीवार पर राजराजा III के छठे शासन वर्ष का एक शिलालेख मंदिर को राजेंद्र चोल वाला नाडु के अधीन बताता है, जिसमें चावल, घी, दूध जैसे अर्पणों का उल्लेख है—जो मंदिर की अनुष्ठानिक गतिविधियों और स्थानीय प्रशासनिक संरचना को उजागर करता है।
आज के परिप्रेक्ष्य में इन खोजों का महत्व
ये शिलालेख सिर्फ ऐतिहासिक अभिलेख नहीं, बल्कि प्राचीन तमिल समाज की साक्षरता, नागरिक सहभागिता और पर्यावरणीय चेतना के साक्ष्य हैं।
यह दिखाते हैं कि किस प्रकार समुदायों ने संसाधनों का संरक्षण, मंदिरों का समर्थन और पत्थर पर विस्तृत रिकॉर्ड बनाए।
ASI की यह पहल तमिलनाडु की एपिग्राफिक धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
शिलालेख का स्थान | मलैयडीपट्टी और पोननामरावथी, पुदुक्कोट्टई जिला |
खोजकर्ता | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) – शिलालेख विभाग |
संरक्षण तकनीक | एस्ट्रैम्पेज तकनीक (मैपलिथो कागज़ पर) |
प्रमुख मंदिर | कुदम्बीश्वरर मंदिर, चोलेश्वरर उदैय नयनार मंदिर |
उल्लेखित प्रशासनिक क्षेत्र | उझवलै नाडु, राजेंद्र चोल वाला नाडु |
सांस्कृतिक शब्द | ऊरानी (जलाशय), सुनै (झरना), पनम (मुद्रा) |
अनुष्ठानिक अर्पण | चावल, घी, दूध, तेल दीपक |