जुलाई 21, 2025 6:33 अपराह्न

ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे 2025: भविष्य के लिए तैयार यात्रा उद्योग

करेंट अफेयर्स: वैश्विक पर्यटन लचीलापन दिवस 2025, संयुक्त राष्ट्र पर्यटन दिवस, पर्यटन जलवायु कार्रवाई, सतत पर्यटन भारत, इकोटूरिज्म एसडीजी लक्ष्य, यात्रा उद्योग चुनौतियां, महामारी प्रभाव पर्यटन, पर्यटन और एसडीजी

Global Tourism Resilience Day 2025: Building a Future-Ready Travel Industry

पर्यटन के लिए लचीलापन दिवस क्यों ज़रूरी है

हर साल 17 फरवरी को पूरी दुनिया में ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे मनाया जाता है ताकि यह समझा जा सके कि यात्रा और पर्यटन उद्योग को संकटों से उबरने की कितनी आवश्यकता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुरू किया था ताकि यह बताया जा सके कि एक मजबूत और अनुकूल पर्यटन क्षेत्र रोज़गार, स्थानीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक सांस्कृतिक आदानप्रदान के लिए कितना महत्वपूर्ण है। महामारी हो, आर्थिक मंदी या मौसम की मार—पर्यटन को तेज़ी से फिर से पटरी पर आना चाहिए, यही इस दिन का उद्देश्य है।

पर्यटन: वैश्विक विकास की रीढ़

पर्यटन केवल छुट्टियों या घूमने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विकासशील देशों के लिए एक प्रमुख आर्थिक इंजन है। मालदीव, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में लाखों लोगों की आजीविका इससे जुड़ी है। एक स्थिर पर्यटन उद्योग से कर राजस्व, स्थानीय रोज़गार और विदेशी मुद्रा में वृद्धि होती है। साथ ही, सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) से SDG लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलती है जैसे कि गरीबी घटाना, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण।

यह दिन अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी क्यों है

COVID-19 महामारी ने दुनिया को झकझोर दिया और पर्यटन उद्योग एकदम से ठप हो गया। अब, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के चलते यह क्षेत्र और भी अधिक संकटग्रस्त हो गया है। यह दिन सरकारों और व्यवसायों को आपदा तैयारी, टिकाऊ योजनाओं और विविधिकरण की ओर प्रेरित करता है, ताकि पर्यटन क्षेत्र भविष्य में भी टिक सके।

वैश्विक गतिविधियाँ और संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी

इस दिन को चिन्हित करने के लिए दुनियाभर में सम्मेलन, कार्यशालाएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। 2025 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक प्रमुख चर्चा में पर्यटन में जलवायु कार्रवाई पर ज़ोर दिया गया। इसमें देशों से आग्रह किया गया कि वे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दें, जलवायुलचीला ढांचा विकसित करें और कमउत्सर्जन यात्रा विकल्पों को अपनाएं।

सरकारों और हितधारकों की साझी ज़िम्मेदारी

लचीलापन निर्माण केवल किसी एक पक्ष का कार्य नहीं है। सरकारों, पर्यटन संचालकों, एयरलाइनों और स्थानीय समुदायों को मिलकर काम करना होगा। भारत ने पूर्वोत्तर राज्यों में ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देना शुरू किया है, जिससे जंगलों के पास बसे गांव आय के स्रोत बन रहे हैं। वहीं, जमैका, जिसने इस दिन का प्रस्ताव दिया था, अब जलवायुप्रूफ पर्यटन मॉडल बना रहा है जिससे अन्य देश भी सीख सकते हैं।

STATIC GK SNAPSHOT: ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे 2025

विषय विवरण
दिवस की तिथि 17 फरवरी (हर वर्ष)
स्थापना संस्था संयुक्त राष्ट्र महासभा
प्रथम प्रस्तावक देश जमैका
प्रमुख उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र की लचीलापन और अनुकूलन क्षमता को मजबूत बनाना
संबद्ध SDGs गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण
2025 की थीम पर्यटन में जलवायु कार्रवाई
भारत की भूमिका ईको-टूरिज्म, घरेलू पर्यटन और हरित अवसंरचना को बढ़ावा देना
वैश्विक भागीदारी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश, निजी क्षेत्र, पर्यटन बोर्ड
प्रमुख चुनौती महामारी से उबरना, जलवायु अनुकूलन
UN की भागीदारी सम्मेलन, नीति संवाद, सतत पर्यटन मॉडल
Global Tourism Resilience Day 2025: Building a Future-Ready Travel Industry
  1. वैश्विक पर्यटन लचीलापन दिवस हर वर्ष 17 फरवरी को मनाया जाता है।
  2. इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वैश्विक पर्यटन में लचीलापन बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया।
  3. इसकी शुरुआत जमैका ने की थी, जो पर्यटन पर आधारित आय के लिए अत्यधिक निर्भर देश है।
  4. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पर्यटन क्षेत्र महामारी, जलवायु आपदाएं, या आर्थिक संकट जैसी परिस्थितियों से तेजी से उबर सके
  5. 2025 में इस दिवस की थीम थी – पर्यटन में जलवायु कार्रवाई और पर्यावरणीय तैयारी
  6. पर्यटन रोज़गार, विदेशी मुद्रा, और स्थानीय विकास का एक प्रमुख स्त्रोत है, विशेष रूप से विकासशील देशों में।
  7. यह गरीबी उन्मूलन, रोज़गार सृजन, और पर्यावरण संरक्षण जैसे SDG लक्ष्यों को समर्थन देता है।
  8. COVID-19 महामारी ने वैश्विक पर्यटन उद्योग की कमजोरियों को उजागर किया।
  9. लचीले पर्यटन के लिए संकट की तैयारी, सतत नीति, और विविधीकरण आवश्यक हैं।
  10. भारत पूर्वोत्तर राज्यों में ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रहा है।
  11. इस दिन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की बैठकों और कार्यशालाओं का आयोजन वैश्विक स्तर पर होता है।
  12. सरकारों को जलवायुलचीला अवसंरचना और हरित यात्रा समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  13. थाईलैंड, मालदीव, और भारत जैसे देश आर्थिक स्थिरता के लिए पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर हैं।
  14. जमैका को जलवायुसुरक्षित पर्यटन नीतियों का उदाहरण माना जाता है।
  15. इस आयोजन में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, पर्यटन बोर्ड, और निजी क्षेत्र भाग लेते हैं।
  16. स्थानीय पर्यटन विकास अब महामारी के बाद की पुनर्बहाली रणनीति का हिस्सा है।
  17. यह दिवस बताता है कि सतत पर्यटन वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  18. 17 फरवरी को कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान भविष्य के लिए तैयार यात्रा प्रणालियों को बढ़ावा देते हैं।
  19. पर्यटन को अब कमउत्सर्जन प्रथाएं, डिजिटल नवाचार, और स्थानीय साझेदारी को अपनाना होगा।
  20. ग्लोबल टूरिज्म रेजिलिएंस डे यह याद दिलाता है कि अनुकूलनशीलता पर्यटन के दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए आवश्यक है।

Q1. ग्लोबल टूरिज्म रेजिलियंस डे हर वर्ष किस तिथि को मनाया जाता है?


Q2. संयुक्त राष्ट्र में ग्लोबल टूरिज्म रेजिलियंस डे का प्रस्ताव किस देश ने रखा था?


Q3. ग्लोबल टूरिज्म रेजिलियंस डे 2025 का मुख्य फोकस क्या था?


Q4. पर्यटन विकास किस सतत विकास लक्ष्य (SDG) का प्रत्यक्ष समर्थन करता है?


Q5. पर्यटन लचीलापन (resilience) के हिस्से के रूप में कौन सा भारतीय क्षेत्र इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है?


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