पीएम विश्वकर्मा योजना का राज्य स्तरीय विकल्प
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 2025 में कलाईञर कइविनई थिट्टम नाम से एक नई राज्य स्तरीय कारीगर कल्याण योजना शुरू की है। यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का विकल्प मानी जा रही है। यह योजना हस्तशिल्प विकास, पारंपरिक कौशलों के पुनर्जीवन और वित्तीय सहायता पर केंद्रित है।
जहाँ पीएम विश्वकर्मा योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल करती है, वहीं तमिलनाडु की योजना में 25 व्यवसाय शामिल किए गए हैं, जो इसे अधिक व्यापक और समावेशी बनाता है।
क्या बनाता है इस योजना को अलग?
पीएम विश्वकर्मा योजना को विशेष जातीय समुदाय तक सीमित रखने के लिए आलोचना मिली थी। इसके विपरीत, कलाईञर कइविनई थिट्टम एक पूरी तरह समावेशी योजना है। इसमें 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति का हो, किसी भी कारीगरी या हस्तकला में प्रशिक्षण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है।
यह योजना सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में कारीगरों तक पहुँचने पर ज़ोर देती है। इसमें महिलाओं की भागीदारी को भी प्राथमिकता दी गई है।
वित्तीय सहायता और योजना का दायरा
योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को ₹50,000 से ₹3 लाख तक ऋण दिया जाएगा, जिस पर सरकार सब्सिडी देगी, जिससे पुनर्भुगतान का बोझ कम होगा।
यह संरचना पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी है, परंतु यहाँ जाति या पारंपरिक पृष्ठभूमि की कोई सीमा नहीं है।
मध्यम आयु वर्ग के कारीगर, जिन्हें अक्सर पूंजी की कमी होती है, इस योजना से स्वरोजगार और लुप्त होती कलाओं के पुनर्जीवन में मदद पा सकेंगे।
शामिल कारीगरी और शिल्प
इस योजना में शामिल 25 पारंपरिक व्यवसायों में मिट्टी के बर्तन बनाना, बुनाई, लुहारगिरी, बढ़ईगिरी, सुनारगिरी, टोकरी बनाना आदि शामिल हैं।
इसके अलावा, नई स्थानीय कलाओं और आधुनिक हस्तकला कौशल को भी मान्यता दी गई है।
लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण, विपणन सहायता, और हस्तशिल्प मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी के अवसर मिलेंगे।
सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भ और राजनीतिक संदेश
इस योजना की शुरुआत का एक राजनीतिक संदेश भी है। यह दिखाता है कि तमिलनाडु सरकार स्थानीय सामाजिक–सांस्कृतिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएँ बना रही है।
यह द्रविड़ीय मॉडल की विचारधारा पर आधारित है, जिसमें समावेशिता, आत्म–सम्मान और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है।
जाति–आधारित सीमाओं को हटाकर यह योजना लोकतांत्रिक और प्रगतिशील कल्याण नीति की मिसाल बनती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
योजना का नाम | कलाईञर कइविनई थिट्टम |
लॉन्च करने वाला | तमिलनाडु सरकार |
वर्ष | 2025 |
तुलना योजना | पीएम विश्वकर्मा योजना (केंद्र, 2023) |
शामिल व्यवसायों की संख्या | 25 (तमिलनाडु) बनाम 18 (केंद्र) |
न्यूनतम पात्रता आयु | 35 वर्ष |
ऋण सीमा | ₹50,000 – ₹3,00,000 |
जाति आधारित प्रवेश | नहीं (सभी के लिए खुली योजना) |
योजना का उद्देश्य | कारीगर सशक्तिकरण, वित्तीय सहायता, कौशल पुनरुद्धार |
प्रशासक विभाग | तमिलनाडु एमएसएमई एवं हस्तशिल्प विभाग |