सरकार ने झूठी जीएसटी अफवाहों को खारिज किया
कुछ मीडिया रिपोर्टों द्वारा ₹2,000 से अधिक की UPI लेनदेन पर जीएसटी लगाए जाने की गलत सूचना प्रसारित की गई थी। इसके जवाब में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसे लेनदेन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। मंत्रालय ने इस तरह की खबरों को “पूरी तरह निराधार और भ्रामक” बताया है। यह बयान सरकार की डिजिटल इंडिया और कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
UPI भुगतान पर जीएसटी क्यों नहीं लागू होता
इस मुद्दे का मुख्य बिंदु यह है कि व्यक्ति से व्यापारी (P2M) UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पहले ही जनवरी 2020 से हटा दिया गया है। जीएसटी कानून के अनुसार, जहां कोई शुल्क या सेवा शुल्क नहीं है, वहां जीएसटी नहीं लगाया जाता। चूंकि MDR नहीं है, इसलिए UPI भुगतान पर जीएसटी भी नहीं लगाया जा सकता। यह नीति छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान को अपनाने में प्रोत्साहित करती है।
भारत में UPI का तेज़ी से विकास
वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में UPI लेनदेन का मूल्य ₹21.3 लाख करोड़ था, जो मार्च 2025 तक बढ़कर ₹260.56 लाख करोड़ हो गया है। यह असाधारण वृद्धि दर्शाती है कि डिजिटल भुगतान प्रणाली ने शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण भारत में भी गहरी पैठ बनाई है, जिससे भारत वास्तविक समय भुगतान प्रणालियों में अग्रणी बन चुका है।
सरकार की UPI प्रोत्साहन योजना
डिजिटल भुगतान को और अधिक बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में UPI प्रोत्साहन योजना शुरू की। इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को न्यून–मूल्य P2M लेनदेन स्वीकार करने के लिए पुरस्कृत किया जाता है, जिसमें उनसे कोई MDR नहीं लिया जाता। वित्त वर्ष 2022-23 में ₹2,210 करोड़ और वित्त वर्ष 2023-24 में ₹3,631 करोड़ वितरित किए गए, जो योजना की सफलता को दर्शाता है।
तकनीक के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
MDR माफ कर देने और UPI पर जीएसटी लागू न करने जैसे कदम छोटे दुकानदारों, ठेला–रेहड़ी वालों और ग्रामीण किराना दुकानों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने में सहायक बन रहे हैं। डिजिटल समावेशन केवल क्यूआर कोड और मोबाइल ऐप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य है हर नागरिक को बिना किसी शुल्क के औपचारिक वित्तीय प्रणाली तक पहुंच देना।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
स्पष्टीकरण जारी किया | वित्त मंत्रालय, भारत सरकार |
₹2,000 से ऊपर UPI पर जीएसटी | लागू नहीं |
P2M UPI पर MDR | जनवरी 2020 से हटाया गया |
जीएसटी नियम | केवल शुल्क होने पर ही लागू |
वित्त वर्ष 2020 में UPI मूल्य | ₹21.3 लाख करोड़ |
वित्त वर्ष 2025 में UPI मूल्य | ₹260.56 लाख करोड़ |
प्रोत्साहन योजना शुरू | वित्त वर्ष 2021–22 |
FY23 प्रोत्साहन भुगतान | ₹2,210 करोड़ |
FY24 प्रोत्साहन भुगतान | ₹3,631 करोड़ |
उद्देश्य | डिजिटल भुगतान व वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना |