जुलाई 19, 2025 12:19 अपराह्न

चक्रवात पूर्वानुमान में क्रांति: INCOIS ने भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूत किया

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Cyclone Prediction Breakthrough: INCOIS Enhances India’s Coastal Resilience

INCOIS के शोध से चक्रवात भविष्यवाणी प्रणाली हुई और सटीक

भारत की चक्रवात पूर्वानुमान प्रणाली को नई दिशा मिली है, भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना और सेवा केंद्र (INCOIS) द्वारा हाल ही में किए गए शोध के कारण। इस शोध में पहली बार यह मात्रात्मक रूप से निर्धारित किया गया है कि समुद्री और वायुमंडलीय कारक चक्रवातों की तीव्रता को कैसे प्रभावित करते हैं। इससे भारत के तटीय राज्यों में जलवायु आपदा पूर्व चेतावनी और तैयारी प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में सहायता मिलेगी।

भारत में चक्रवात मौसम और तटीय संवेदनशीलता

भारत के तटवर्ती क्षेत्र वर्ष में दो बार चरम चक्रवात मौसम से प्रभावित होते हैं—अप्रैल से मई और अक्टूबर से दिसंबरमई और नवंबर के तूफान सामान्यतः सबसे तीव्र होते हैं। जबकि बंगाल की खाड़ी में 75% चक्रवात उत्पन्न होते हैं, अब अरब सागर में भी तीव्र चक्रवातों की संख्या बढ़ रही है। इन तूफानों की त्वरित तीव्रता वृद्धि पूर्वानुमान को चुनौतीपूर्ण बनाती है।

ताउते चक्रवात: अनुसंधान का निर्णायक मोड़

चक्रवात ताउते (मई 2021) को INCOIS अध्ययन का केन्द्रबिंदु माना गया। यह तूफान 220 किमी/घंटा की रफ्तार तक पहुँचा और Barge P305 के डूबने जैसी दुखद घटनाएँ हुईं। इसका मार्ग भारत के पश्चिमी तट से 140 किमी के दायरे में आया। INCOIS ने पाया कि ताउते की तीव्रता में 54% योगदान वायुमंडलीय और 46% समुद्री कारकों का था—यह भारत में पहली बार इस प्रकार का मात्रात्मक विश्लेषण किया गया।

चक्रवातों को तीव्र बनाने वाले मुख्य कारक

INCOIS के अनुसार चक्रवातों की तीव्रता को बढ़ाने वाले प्रमुख तत्व हैं:
मध्यवायुमंडलीय आर्द्रता, निम्नस्तरीय वॉर्टिसिटी, वर्टिकल विंड शीयर, और ट्रॉपिकल साइकलोन हीट पोटेंशियल। ताउते से पहले उच्च आर्द्रता और गर्म समुद्री सतह तापमान से संकेत मिले थे कि यह चक्रवात तीव्र रूप लेगा। इस मॉडल को अब ओखी, अम्फान और मोचा जैसे अन्य तूफानों पर लागू कर सत्यापित किया गया है।

भविष्य की पूर्वानुमान प्रणाली और वैश्विक उपयोग

INCOIS अब इन वैज्ञानिक विश्लेषणों को संचालन प्रणाली में शामिल करने हेतु एक पूर्वानुमान टूल विकसित कर रहा है, जिसे भारत मौसम विभाग (IMD) उपयोग करेगा। यह टूल सटीक और तेज़ चेतावनी प्रणाली के माध्यम से भारत की आपदा तैयारियों को बेहतर बनाएगा। इसकी स्केलेबिलिटी इसे अन्य महासागरीय क्षेत्रों में भी लागू करने योग्य बनाती है—वैश्विक जलवायु अनुकूलन में भारत की भूमिका को मज़बूती मिलती है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका

पहलु जानकारी
प्रमुख संस्था INCOIS (भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना और सेवा केंद्र)
अध्ययन आधारित चक्रवात ताउते (मई 2021)
चरम चक्रवात मौसम अप्रैल–मई, अक्टूबर–दिसंबर
प्रमुख चक्रवात क्षेत्र बंगाल की खाड़ी (75%)
प्रमुख निष्कर्ष वायुमंडलीय (54%) बनाम समुद्री कारक (46%)
तीव्रता कारक आर्द्रता, समुद्री ऊष्मा, विंड शीयर, वॉर्टिसिटी
पूर्वानुमान टूल INCOIS द्वारा विकसित, IMD के लिए
सत्यापन हेतु चक्रवात ओखी, अम्फान, मोचा

 

Cyclone Prediction Breakthrough: INCOIS Enhances India’s Coastal Resilience
  1. INCOIS ने 2025 तक भारत में चक्रवात पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार किया है।
  2. यह अनुसंधान मई 2021 में आए अरब सागर के प्रमुख तूफानचक्रवात टाउते पर आधारित है।
  3. INCOIS ने पाया कि चक्रवात की तीव्रता 54% वायुमंडलीय और 46% समुद्री कारकों पर निर्भर करती है।
  4. यह परियोजना भारत की आपदा तत्परता और त्वरित चेतावनी प्रणाली को मज़बूत करती है।
  5. भारत में चक्रवात मुख्य रूप से अप्रैलमई और अक्टूबरदिसंबर के महीनों में आते हैं।
  6. भारत के 75% से अधिक चक्रवात बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होते हैं।
  7. अरब सागर में चक्रवात अधिक शक्तिशाली और लगातार होते जा रहे हैं।
  8. चक्रवात टाउते की हवा की गति 220 किमी/घंटा तक पहुँची थी, जिससे बार्ज P305 डूब गया था।
  9. अध्ययन में मध्यवायुमंडलीय आर्द्रता, समुद्री ऊष्मा और ऊर्ध्वाधर वायु कतरन का विश्लेषण किया गया।
  10. निम्न स्तर पर स्थित पूर्ण गुरुत्वीय चक्रवातीयता (absolute vorticity) को भी एक प्रमुख तीव्रता कारक पाया गया।
  11. INCOIS की इस पद्धति की Cyclones Amphan, Mocha और Ockhi के साथ पुष्टि की गई है।
  12. अब एक नई पूर्वानुमान प्रणाली भारतीय मौसम विभाग (IMD) के लिए विकसित की जा रही है।
  13. यह प्रणाली तेज़ चक्रवात चेतावनी और वास्तविक समय मॉडलिंग प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
  14. नया मॉडल चक्रवात तीव्रता के कारणों को मापने की क्षमता प्रदान करता है।
  15. यह उपकरण भारत के जलवायु अनुकूलन टूलकिट का हिस्सा बनेगा।
  16. यह नवाचार दुनिया के अन्य समुद्री क्षेत्रों में भी पूर्वानुमान के लिए प्रयोग योग्य होगा।
  17. यह प्रणाली तटीय समुदायों की प्रतिक्रिया समय को कम करने में मदद करेगी।
  18. इसके निष्कर्ष समुद्री और तटीय रक्षा की परिचालन तैयारी को सुदृढ़ करते हैं।
  19. यह प्रणाली दीर्घकालिक आपदा लचीलापन योजना में भी सहायक होगी।
  20. INCOIS का यह चक्रवात उपकरण भारत की पर्यावरण विज्ञान क्षमता में एक मील का पत्थर है।

Q1. INCOIS के चक्रवात पूर्वानुमान शोध के लिए प्रमुख केस स्टडी कौन-सा चक्रवात था?


Q2. INCOIS के अनुसार, चक्रवात की तीव्रता में कितने प्रतिशत योगदान वायुमंडलीय कारकों का होता है?


Q3. भारत में आने वाले 75% चक्रवात किस महासागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होते हैं?


Q4. INCOIS की रिपोर्ट के अनुसार निम्न में से कौन-सा चक्रवातों की तीव्रता बढ़ाने वाला तत्व नहीं है?


Q5. चक्रवात संबंधी यह अध्ययन किस संस्थान ने किया?


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