कवच 5.0 का परिचय: रेलवे सुरक्षा में एक बड़ी छलांग
रेल मंत्रालय ने कवच 5.0 नामक भारत के स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम का नया संस्करण लॉन्च किया है। यह प्रणाली तब अपने आप ब्रेक लगाती है जब लोको पायलट खतरनाक सिग्नल पर कार्रवाई करने में विफल रहता है। नवीनतम संस्करण में सुरक्षा, संचालन दक्षता और ट्रैफिक प्रबंधन को खासतौर से उच्च-दबाव वाले मार्गों पर बेहतर किया गया है।
कवच कैसे रोकता है टक्करों को
‘कवच’ का अर्थ हिंदी में “ढाल” होता है, और यह पूरी तरह से भारतीय प्रणाली है जिसे ट्रैफिक कोलिजन अवॉयडेंस सिस्टम (TCAS) पर विकसित किया गया है। यह GPS, रेडियो सिग्नल और रीयल–टाइम संचार का उपयोग करके खतरों का पता लगाता है। जब दो ट्रेनें एक ही सिग्नल या ट्रैक की ओर बढ़ती हैं, तो कवच स्वतः ब्रेक लगाकर दुर्घटनाओं को सेकंडों में रोक सकता है।
यह प्रणाली उपग्रहों द्वारा गति और स्थान की लगातार निगरानी करती है और डेटा का आदान-प्रदान रेडियो टावरों और सिग्नल पोस्ट्स के माध्यम से करती है। यह संपूर्ण नेटवर्क को जोड़कर एक सिंक्ड सुरक्षा प्रणाली बनाती है।
कवच 5.0 क्यों है महत्वपूर्ण
कवच 5.0 की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह इंटर–ट्रेन हेडवे—यानी दो ट्रेनों के बीच की न्यूनतम सुरक्षित दूरी—को घटाता है। इससे एक ही ट्रैक पर अधिक ट्रेनें सुरक्षित रूप से चलाई जा सकती हैं, जो भारत जैसे व्यस्त नेटवर्क के लिए जरूरी है। 65,000 किलोमीटर से अधिक का रेलवे नेटवर्क, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है, अब इस स्वदेशी प्रणाली से लाभान्वित होगा।
यह संस्करण AI जैसी लॉजिक प्रोसेसिंग, स्वचालित प्रतिक्रियाएं और फेल–सेफ मेकेनिज़म के साथ आता है, जो हाल के वर्षों में हुई रेल दुर्घटनाओं के खिलाफ मजबूत उपाय है।
वैश्विक परिदृश्य में स्वदेशी नवाचार
जर्मनी और जापान जैसे देशों के पास पहले से ही परिष्कृत ATP सिस्टम हैं, लेकिन कवच को भारतीय परिस्थितियों के अनुसार डिजाइन किया गया है—जैसे अत्यधिक मौसम, ट्रैफिक भीड़ और जटिल सिग्नलिंग। यह कम लागत वाला, स्केलेबल और पूरी तरह से भारतीय समाधान है। वर्तमान में इसे साउथ सेंट्रल रेलवे जोन में लागू किया गया है, और जल्द ही यह वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों के साथ पूरे देश में विस्तार पाएगा।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
पूर्ण रूप | कवच – ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (स्वदेशी ATP) |
लॉन्च किया गया | भारतीय रेलवे (भारत सरकार का रेल मंत्रालय) |
नवीनतम संस्करण | कवच 5.0 (2025) |
प्रयुक्त तकनीक | GPS, रेडियो संचार, सिग्नल प्रोसेसिंग |
उद्देश्य | टक्कर रोकथाम, सिग्नल उल्लंघन पर स्वतः ब्रेकिंग |
नेटवर्क आकार | 65,000+ किमी (दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क) |
प्रमुख विशेषता | इंटर-ट्रेन हेडवे में कमी, अधिक ट्रेनें और बेहतर सुरक्षा |
पायलट क्षेत्र | साउथ सेंट्रल रेलवे |
वैश्विक तुलना | ETCS जैसी प्रणाली, लेकिन भारतीय स्थितियों के अनुरूप अनुकूलित |