अंतरिक्ष तापीय अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की नई पहल
भारत ने अंतरिक्ष तकनीक नवाचार में एक बड़ा कदम उठाया है, जहाँ आईआईटी मद्रास में फ्लुइड और थर्मल साइंस अनुसंधान में श्री एस. रामकृष्णन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई। इसका उद्घाटन ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन द्वारा किया गया। यह केंद्र उपग्रहों के ओवरहीटिंग और लॉन्च वाहनों पर थर्मल तनाव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए समर्पित है। यह केंद्र IIT मद्रास के पूर्व छात्र और प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर एस. रामकृष्णन के नाम पर रखा गया है।
अंतरिक्ष तापीय चुनौतियों से निपटना: मुख्य उद्देश्य
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य माइक्रो हीट पाइप्स, वेपर चैंबर्स और स्प्रे कूलिंग तकनीकों जैसे एडवांस्ड कूलिंग सिस्टम का विकास करना है, जो अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अत्यधिक तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये तकनीकें उपग्रहों की उम्र बढ़ाने और गहरे अंतरिक्ष मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा, यह केंद्र स्पेस तापमान स्थितियों की नकल करने वाले उच्च–सटीक सिमुलेशन और परीक्षण उपकरण भी विकसित करेगा।
ISRO और IIT मद्रास के बीच साझेदारी को नई दिशा
यह पहल ISRO और IIT मद्रास के बीच सहयोग को और गहरा करती है। वैज्ञानिक अब साथ मिलकर चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहीय मिशनों के लिए समाधान तैयार कर सकेंगे। केंद्र ISRO वैज्ञानिकों को शोध डिग्री हासिल करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे शैक्षणिक उत्कृष्टता और मिशन–केंद्रित R&D एक साथ आगे बढ़ सकें। यह उद्योग और शिक्षा के बीच की दूरी को पाटते हुए भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए नवाचार का रास्ता खोलेगा।
भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान स्थिति को सुदृढ़ करना
यह केंद्र थर्मल विज्ञान में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह भारत को थर्मल स्पेस टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेगा। अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा और फंडिंग को आमंत्रित करके यह केंद्र न केवल ISRO की भविष्य की परियोजनाओं को समर्थन देगा, बल्कि वैश्विक अनुसंधान नेटवर्क में भारत की स्थिति को भी मज़बूत करेगा। इससे नेक्स्ट–जेनरेशन सैटेलाइट और डीप–स्पेस मिशनों की सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | जानकारी |
उद्घाटनकर्ता | ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन |
केंद्र का नाम | श्री एस. रामकृष्णन उत्कृष्टता केंद्र (फ्लुइड एवं थर्मल अनुसंधान) |
स्थान | IIT मद्रास, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग |
नामित व्यक्ति | एस. रामकृष्णन – IIT मद्रास पूर्व छात्र, एयरोस्पेस इंजीनियर |
मुख्य उद्देश्य | उपग्रहों और लॉन्च वाहनों के लिए ताप प्रबंधन |
प्रमुख तकनीकें | माइक्रो हीट पाइप्स, वेपर चैंबर्स, स्प्रे कूलिंग, टू-फेज डिवाइसेस |
सहयोगी संस्थाएँ | ISRO वैज्ञानिक + IIT मद्रास फैकल्टी |
लाभ | सैटेलाइट की लंबी उम्र, मिशन सुरक्षा, आत्मनिर्भर तकनीक |
रणनीतिक प्रभाव | वैश्विक अनुसंधान नेतृत्व, मिशन सफलता, R&D विकास |