जुलाई 19, 2025 12:17 अपराह्न

आईआईटी मद्रास में ISRO अध्यक्ष ने थर्मल रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया

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ISRO Chairman Launches Thermal Research Centre at IIT Madras

अंतरिक्ष तापीय अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की नई पहल

भारत ने अंतरिक्ष तकनीक नवाचार में एक बड़ा कदम उठाया है, जहाँ आईआईटी मद्रास में फ्लुइड और थर्मल साइंस अनुसंधान में श्री एस. रामकृष्णन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई। इसका उद्घाटन ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन द्वारा किया गया। यह केंद्र उपग्रहों के ओवरहीटिंग और लॉन्च वाहनों पर थर्मल तनाव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए समर्पित है। यह केंद्र IIT मद्रास के पूर्व छात्र और प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर एस. रामकृष्णन के नाम पर रखा गया है।

अंतरिक्ष तापीय चुनौतियों से निपटना: मुख्य उद्देश्य

इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य माइक्रो हीट पाइप्स, वेपर चैंबर्स और स्प्रे कूलिंग तकनीकों जैसे एडवांस्ड कूलिंग सिस्टम का विकास करना है, जो अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अत्यधिक तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये तकनीकें उपग्रहों की उम्र बढ़ाने और गहरे अंतरिक्ष मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा, यह केंद्र स्पेस तापमान स्थितियों की नकल करने वाले उच्चसटीक सिमुलेशन और परीक्षण उपकरण भी विकसित करेगा।

ISRO और IIT मद्रास के बीच साझेदारी को नई दिशा

यह पहल ISRO और IIT मद्रास के बीच सहयोग को और गहरा करती है। वैज्ञानिक अब साथ मिलकर चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहीय मिशनों के लिए समाधान तैयार कर सकेंगे। केंद्र ISRO वैज्ञानिकों को शोध डिग्री हासिल करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे शैक्षणिक उत्कृष्टता और मिशनकेंद्रित R&D एक साथ आगे बढ़ सकें। यह उद्योग और शिक्षा के बीच की दूरी को पाटते हुए भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए नवाचार का रास्ता खोलेगा।

भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान स्थिति को सुदृढ़ करना

यह केंद्र थर्मल विज्ञान में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह भारत को थर्मल स्पेस टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेगा। अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा और फंडिंग को आमंत्रित करके यह केंद्र न केवल ISRO की भविष्य की परियोजनाओं को समर्थन देगा, बल्कि वैश्विक अनुसंधान नेटवर्क में भारत की स्थिति को भी मज़बूत करेगा। इससे नेक्स्टजेनरेशन सैटेलाइट और डीपस्पेस मिशनों की सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका

पहलु जानकारी
उद्घाटनकर्ता ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन
केंद्र का नाम श्री एस. रामकृष्णन उत्कृष्टता केंद्र (फ्लुइड एवं थर्मल अनुसंधान)
स्थान IIT मद्रास, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग
नामित व्यक्ति एस. रामकृष्णन – IIT मद्रास पूर्व छात्र, एयरोस्पेस इंजीनियर
मुख्य उद्देश्य उपग्रहों और लॉन्च वाहनों के लिए ताप प्रबंधन
प्रमुख तकनीकें माइक्रो हीट पाइप्स, वेपर चैंबर्स, स्प्रे कूलिंग, टू-फेज डिवाइसेस
सहयोगी संस्थाएँ ISRO वैज्ञानिक + IIT मद्रास फैकल्टी
लाभ सैटेलाइट की लंबी उम्र, मिशन सुरक्षा, आत्मनिर्भर तकनीक
रणनीतिक प्रभाव वैश्विक अनुसंधान नेतृत्व, मिशन सफलता, R&D विकास

 

ISRO Chairman Launches Thermal Research Centre at IIT Madras
  1. इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने 2025 में आईआईटी मद्रास में श्री एस रामकृष्णन उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया।
  2. यह केंद्र अंतरिक्ष अभियानों के लिए द्रव एवं ऊष्मा विज्ञान अनुसंधान पर केंद्रित है।
  3. इसका नाम प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर और आईआईटी के पूर्व छात्र एस रामकृष्णन के नाम पर रखा गया है।
  4. इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में उपग्रहों के अधिक गर्म होने जैसी ऊष्मीय चुनौतियों से निपटना है।
  5. यह केंद्र भारत के मंगल, चंद्रमा और अन्य ग्रहों तक के अंतरिक्ष मिशनों का समर्थन करता है।
  6. यहां विकसित की जा रही तकनीकों में माइक्रो हीट पाइप्स, वेपर चैंबर्स और स्प्रे कूलिंग सिस्टम्स शामिल हैं।
  7. ये प्रणालियाँ कठिन अंतरिक्ष परिस्थितियों में प्रभावी ऊष्मा अपवहन सुनिश्चित करती हैं।
  8. केंद्र में अंतरिक्ष यानों के लिए उच्चपरिशुद्धता थर्मल सिमुलेशन की सुविधा उपलब्ध है।
  9. यह केंद्र इसरो वैज्ञानिकों और आईआईटी मद्रास शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
  10. इस सहयोग के माध्यम से इसरो वैज्ञानिक उच्च स्तरीय अनुसंधान डिग्रियाँ प्राप्त कर सकेंगे।
  11. यह पहल शैक्षणिक अनुसंधान एवं विकास और अंतरिक्ष तकनीकी नवाचार के बीच सेतु का कार्य करती है।
  12. यह थर्मल तनाव को नियंत्रित करके उपग्रहों की उम्र बढ़ाने में मदद करता है।
  13. यह परियोजना कम लागत वाली और आत्मनिर्भर अंतरिक्ष मिशनों को समर्थन देती है।
  14. अनुसंधान के परिणामस्वरूप अंतरिक्ष यानों की सुरक्षा और स्थायित्व में वृद्धि होगी।
  15. यह केंद्र थर्मल साइंस नवाचार के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
  16. यह भारत को अंतरिक्ष थर्मल अनुसंधान में वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा।
  17. अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं और फंडिंग को आमंत्रित कर अनुसंधान क्षमता को मजबूत किया जाएगा।
  18. यह केंद्र इसरो की अगली पीढ़ी की उपग्रह प्रौद्योगिकियों की दृष्टि को समर्थन देता है।
  19. यह सुविधा आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित है और पूरी तरह से क्रियाशील है।
  20. यह पहल अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति को दर्शाती है।

Q1. आईआईटी मद्रास में हाल ही में शुरू किए गए इसरो अनुसंधान केंद्र का नाम क्या है?


Q2. इस नए केंद्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q3. इस केंद्र में कौन-सी तकनीकों पर काम किया जा रहा है?


Q4. इस केंद्र का उद्घाटन 2025 में किसने किया?


Q5. यह केंद्र इसरो मिशनों को क्या लाभ प्रदान करता है?


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