तमिलनाडु ने खनन कराधान के लिए एक ऐतिहासिक ढांचा पेश किया
खनन गतिविधियों पर निगरानी को मजबूत करने की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में, तमिलनाडु विधान सभा ने 20 फरवरी 2025 को तमिलनाडु खनिज युक्त भूमि कर अधिनियम, 2024 पारित किया। यह अधिनियम उसी दिन राज्य राजपत्र में प्रकाशित किया गया। यह कानून उन भूमियों से होने वाली आय को सुव्यवस्थित करता है जहाँ खनिजों का दोहन होता है, ताकि भूमि मालिक और खनन पट्टाधारी दोनों राज्य की आय में उचित योगदान दें। यह खनिज संसाधन प्रबंधन और वित्तीय पारदर्शिता को सुधारने के लिए एक रणनीतिक पहल है।
चूना पत्थर एवं अन्य खनिजों पर टन के हिसाब से कर
इस नए कानून के तहत, खनिज युक्त भूमि पर कर लगाया गया है, जिसमें विशेष रूप से चूना पत्थर की खुदाई पर ₹160 प्रति मीट्रिक टन कर निर्धारित किया गया है। यह प्रत्यक्ष कर प्रणाली खनन वाले जिलों से राज्य की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना दर्शाती है। यह टन आधारित मॉडल खनिज उत्पादन को सटीक रूप से मापने में सहायता करता है और कर अनुपालन को लागू करने में प्रशासन को मदद करता है। यह नीति भारत के खनिज विकास लक्ष्यों के अनुरूप पारदर्शी कराधान प्रणाली को बढ़ावा देती है।
कार्यान्वयन दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा
हालांकि अधिनियम प्रभाव में आ चुका है, परंतु इसके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नियमों की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है। तमिलनाडु सरकार कर के आकलन, वसूली, भुगतान और रसीद की प्रक्रियाओं को निर्धारित करने वाले दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बना रही है। आगामी नियमों में अभिलेख रखरखाव, ऑडिट प्रोटोकॉल और उल्लंघन के मामलों में दंड के प्रावधान भी शामिल होंगे। इस कानून की सफलता उन नियमों की स्पष्टता और दक्षता पर निर्भर करेगी जिनका पालन राज्य के खनिज-समृद्ध क्षेत्रों में किया जाएगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | विवरण |
अधिनियम का नाम | तमिलनाडु खनिज युक्त भूमि कर अधिनियम, 2024 |
राजपत्र अधिसूचना की तिथि | 20 फरवरी 2025 |
कर दर | ₹160 प्रति मीट्रिक टन (चूना पत्थर पर) |
उद्देश्य | खनिज युक्त भूमि से कर वसूली एवं विनियमन |
प्रवर्तन की स्थिति | कार्यान्वयन नियमों की अधिसूचना लंबित |
लंबित प्रावधान | मूल्यांकन, कर निर्धारण, भुगतान और संग्रह से संबंधित |
उत्तरदायी प्राधिकरण | तमिलनाडु विधान सभा |