भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक को समझना
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) एक वार्षिक रिपोर्ट है जिसे Transparency International द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार की धारणा पर आधारित स्कोर देती है — जिसमें 0 स्कोर अत्यधिक भ्रष्ट और 100 स्कोर अत्यंत ईमानदार देशों को दर्शाता है। यह सूचकांक सरकारी संस्थानों की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और जवाबदेही का वैश्विक मानक माना जाता है।
डेनमार्क: दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश
2025 के CPI में डेनमार्क ने एक बार फिर 90 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। इस स्कैंडिनेवियाई देश की पारदर्शी शासन व्यवस्था, कठोर कानूनी प्रवर्तन, और मजबूत नागरिक संस्थाएं इसे भ्रष्टाचार-मुक्त बनाए रखती हैं। नागरिकों का विश्वास इस प्रणाली में बना हुआ है, जो कि जवाबदेही और नीति में सतर्कता पर आधारित है।
2025 के शीर्ष 10 सबसे कम भ्रष्ट देश
इस वर्ष भी शीर्ष स्थानों पर नॉर्डिक और पश्चिमी यूरोपीय देशों का वर्चस्व रहा। ये देश लंबे समय से कानून के शासन, न्यूनतम लालफीताशाही, और स्वतंत्र निगरानी संस्थाओं की नीति का पालन करते हैं।
2025 में सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची:
- डेनमार्क – 90
- फिनलैंड – 88
- सिंगापुर – 84
- न्यूज़ीलैंड – 83
- लक्ज़मबर्ग – 81
- नॉर्वे – 81
- स्विट्ज़रलैंड – 81
- स्वीडन – 80
- नीदरलैंड – 78
- ऑस्ट्रेलिया – 77
इन देशों में पारदर्शी शासन, नागरिक भागीदारी, और कानूनी प्रवर्तन की ताकत भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रभावी साबित हुई है। सिंगापुर जैसे देश एशिया में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के लिए जाने जाते हैं।
भारत की स्थिति CPI 2025 में
भारत 2025 में 180 देशों में 96वें स्थान पर रहा है, और स्कोर 38 दर्ज किया गया है। यह 2024 की तुलना में थोड़ा गिरा है, जब भारत का स्कोर 39 और रैंक 93 थी। यह गिरावट दर्शाती है कि भारत में अभी भी निचले और ऊपरी दोनों स्तरों पर भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ बनी हुई हैं, विशेषकर नौकरशाही और राजनीतिक नेटवर्क में।
डिजिटल इंडिया, ई–गवर्नेंस, लोकपाल, और निगरानी आयोगों जैसे प्रयासों के बावजूद, प्रभावी क्रियान्वयन अभी भी एक बड़ी चुनौती है। भारत का स्कोर वैश्विक औसत 43 से कम है, जो संस्थागत जवाबदेही की कमजोरियों को दर्शाता है।
वैश्विक रुझान और भारत के लिए संकेत
CPI 2025 बताता है कि नागरिकों के विश्वास को बढ़ाना, सरकारी खर्च में पारदर्शिता, और व्हिसलब्लोअर सुरक्षा आवश्यक हैं। भारत ने डिजिटल सार्वजनिक सेवाओं में कुछ प्रगति की है, लेकिन उच्च स्तर के भ्रष्टाचार और सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता जरूरी है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
रिपोर्ट का नाम | भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2025 |
प्रकाशित द्वारा | ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल |
भारत की रैंक (2025) | 96वां स्थान (180 में से) |
भारत का स्कोर (2025) | 38 |
भारत का स्कोर (2024) | 39 (रैंक: 93) |
वैश्विक औसत स्कोर | 43 |
शीर्ष देश | डेनमार्क (स्कोर: 90) |
अन्य शीर्ष देश | फिनलैंड, सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड |
भारत की भ्रष्टाचार विरोधी पहल | लोकपाल, सतर्कता आयोग, CVC |
संबंधित परीक्षाएँ | UPSC, SSC, TNPSC, बैंकिंग परीक्षाएँ |