वैश्विक स्वास्थ्य में बदलाव: टाइप 5 डायबिटीज को मिली पहचान
2025 में बैंकॉक में आयोजित विश्व मधुमेह कांग्रेस के दौरान, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) ने टाइप 5 डायबिटीज को एक अलग और विशिष्ट प्रकार के रूप में आधिकारिक मान्यता दी। यह प्रकार मुख्य रूप से कुपोषण से प्रभावित लोगों को होता है, जिन्हें अब तक मधुमेह की वैश्विक देखरेख में पर्याप्त पहचान नहीं मिली थी। इस निर्णय से लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य नीति और निदान प्रणाली में बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है।
टाइप 5 डायबिटीज क्या है?
टाइप 5 डायबिटीज, जिसे पहले जे–टाइप डायबिटीज भी कहा जाता था, कुपोषण से जुड़ा मधुमेह है। यह रोग अक्सर दुबले–पतले किशोरों और युवाओं को प्रभावित करता है, विशेषकर एशिया और अफ्रीका के कम और मध्यम आय वाले देशों में। यह न तो टाइप 1 की तरह ऑटोइम्यून है, और न ही टाइप 2 की तरह इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ा है, बल्कि इसमें इंसुलिन स्राव में गंभीर कमी पाई जाती है। यही वजह है कि पारंपरिक इंसुलिन थेरेपी इन रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है।
पहचान तक की लंबी यात्रा
टाइप 5 डायबिटीज को 1955 में जमैका में पहली बार पहचाना गया, और बाद में भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में भी 1960 के दशक में इसके केस सामने आए। WHO ने 1985 में इसे मान्यता दी थी लेकिन 1999 में इसे वापस ले लिया क्योंकि पर्याप्त अध्ययन मौजूद नहीं थे। अब नए वैज्ञानिक समर्थन के साथ IDF ने इसे फिर से वैश्विक पहचान प्रदान की है।
इसे अलग क्या बनाता है?
हाल के शोधों से पता चला है कि टाइप 1 के लिए प्रभावी इंसुलिन उपचार, टाइप 5 डायबिटीज के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके लिए पोषण आधारित पुनर्वास और गैर–इंसुलिन उपचार की आवश्यकता होती है। अब IDF एक नया कार्यबल गठित कर चुका है जो निदान, उपचार और डेटा संग्रहण के लिए दिशा-निर्देश बनाएगा। साथ ही, एक वैश्विक रजिस्ट्री भी बनाई जाएगी।
चुनौतियां और आगे का रास्ता
हालांकि यह रोग 20 से 25 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है, फिर भी इसकी पहचान अब तक टीबी या एचआईवी/एड्स जैसी नहीं हो पाई थी। अब IDF इस नई पहल के तहत डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल, जागरूकता कार्यक्रम, और संरचित निदान मानदंड तैयार कर रहा है। इससे विशेष रूप से संसाधन–वंचित क्षेत्रों में इलाज के तरीकों में बदलाव आएगा।
STATIC GK SNAPSHOT
श्रेणी | विवरण |
रोग का नाम | प्रकार 5 मधुमेह (कुपोषण से संबंधित डायबिटीज) |
मान्यता प्राप्त | इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) |
मान्यता वर्ष | 2025 |
पहली रिपोर्ट | 1955 – जमैका (जे-टाइप डायबिटीज) |
अनुमानित वैश्विक मामले | 20 से 25 मिलियन |
प्रमुख विशेषता | इंसुलिन स्राव में कमी (प्रतिरोध नहीं) |
सामान्य क्षेत्र | एशिया, अफ्रीका (कम और मध्यम आय वाले देश) |
WHO की पूर्व मान्यता | 1985 में दी, 1999 में हटा दी गई |
IDF की नई योजना | वैश्विक रजिस्ट्री, निदान दिशा-निर्देश, उपचार प्रोटोकॉल |