जुलाई 27, 2025 12:55 अपराह्न

नमामि गंगे मिशन 2.0: भारत की जीवनरेखा को नई ऊर्जा के साथ पुनर्जीवित करना

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Namami Gange Mission 2.0: Renewing the Lifeline of India with Enhanced Efforts

गंगा पुनर्जीवन के लिए सशक्त पहल

नमामि गंगे मिशन 2.0 (NGM 2.0) वर्ष 2014 में शुरू किए गए प्रमुख मिशन का सुदृढ़ विस्तार है। इसका उद्देश्य गंगा नदी की शुद्धता और प्रवाह को बहाल करना है। इसे मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है और यह मिशन जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जा रहा है।

मिशन के लक्ष्य और व्यापक प्रभाव

NGM 2.0 केवल प्रदूषण नियंत्रण तक सीमित नहीं है। यह सीवेज ट्रीटमेंट, नदी तट विकास, सतही सफाई, वनरोपण और जैव विविधता संरक्षण जैसे पहलुओं को शामिल करता है। इसका उद्देश्य पारिस्थितिक पुनरुद्धार के साथसाथ गंगा से जुड़ी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी पुनर्जीवित करना है।

कार्यान्वयन और राज्यों की प्रगति

2024 की शुरुआत तक, मिशन के तहत 457 परियोजनाएँ स्वीकृत की गईं, जिनमें से 280 पूर्ण हो चुकी हैं। 139 जिला गंगा समितियाँ जमीनी स्तर पर कार्यों की निगरानी में सक्रिय हैं। 2024–25 की दूसरी छमाही में, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में 7 प्रमुख परियोजनाएँ चालू हो गईं, जिससे जल उपचार की संरचना और परिणाम बेहतर हुए।

सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता का विस्तार

NGM 2.0 के अंतर्गत 157 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की स्थापना की गई है, जिनकी कुल उपचार क्षमता 3,722 MLD है। प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • फर्रुखाबाद: 70 MLD (₹261 करोड़)
  • अयोध्या: 33 MLD (₹222 करोड़)
  • बख्तियारपुर, फतुहा, फुलवारी शरीफ: 10–15 MLD प्रत्येक

ये सभी DBOT मॉडल (डिज़ाइननिर्माणसंचालनहस्तांतरण) के तहत स्थापित किए गए हैं जिससे संचालन में लंबी अवधि की दक्षता सुनिश्चित होती है।

एशिया का सबसे बड़ा STP: दिल्ली जल प्रबंधन को सशक्त करता हुआ

इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि है एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (564 MLD), जो दिल्ली में ₹666 करोड़ की लागत से स्थापित हुआ है। यह A2O (Anaerobic-Anoxic-Oxic) तकनीक से सुसज्जित है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मानकों को पूरा करता है। यह यमुना नदी की सफाई में अहम भूमिका निभाता है, जो आगे चलकर गंगा में मिलती है।

फंडिंग और भविष्य की दिशा

केवल 2024–25 के वित्तीय वर्ष में ही ₹3,184 करोड़ खर्च किए गए, जो यह दर्शाता है कि सरकार जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है। नमामि गंगे मिशन 2.0, भारत के लिए सतत जल प्रबंधन, नगरीय स्वच्छता और नदी पुनरुद्धार के व्यापक प्रयासों में एक नींव का पत्थर है।

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विषय विवरण
योजना का नाम नमामि गंगे मिशन 2.0 (NGM 2.0)
प्रारंभ वर्ष 2014 (मूल रूप), मार्च 2026 तक विस्तारित
लागू संस्था राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)
प्रायोजक मंत्रालय जल शक्ति मंत्रालय
कुल परियोजनाएँ (2024 तक) 457 (280 पूर्ण)
STP क्षमता 3,722 MLD (157 संयंत्रों के माध्यम से)
दिल्ली STP विशेषता 564 MLD, ₹666 करोड़, एशिया का सबसे बड़ा, A2O तकनीक
FY25 व्यय ₹3,184 करोड़
मॉडल DBOT (Design-Build-Operate-Transfer)
मुख्य उद्देश्य गंगा प्रदूषण नियंत्रण और पारिस्थितिकी पुनरुद्धार

 

Namami Gange Mission 2.0: Renewing the Lifeline of India with Enhanced Efforts
  1. नमामि गंगे मिशन की शुरुआत 2014 में की गई थी।
  2. मिशन0 को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
  3. इसे नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) द्वारा लागू किया जा रहा है।
  4. इसका प्रमुख मंत्रालय जल शक्ति मंत्रालय है।
  5. अब तक कुल 457 परियोजनाओं को स्वीकृति, जिनमें से 280 परियोजनाएं 2024 की शुरुआत तक पूरी हो चुकी हैं
  6. 139 जिला गंगा समितियों को निगरानी कार्य में लगाया गया है।
  7. इसका उद्देश्य गंगा प्रदूषण नियंत्रण और पारिस्थितिक पुनरोत्थान है।
  8. इसमें मलजल उपचार, वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण, और सतह सफाई शामिल है।
  9. कुल 157 एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 3,722 MLD है।
  10. फर्रुखाबाद (47.70 MLD), अयोध्या (33 MLD) और पटना में प्रमुख संयंत्र स्थापित हैं।
  11. संयंत्रों के लिए DBOT मॉडल (डिज़ाइनबिल्डऑपरेटट्रांसफर) अपनाया गया है।
  12. दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी (564 MLD क्षमता) मौजूद है।
  13. दिल्ली एसटीपी की लागत ₹666 करोड़ रही।
  14. इसमें A2O तकनीक (Anaerobic-Anoxic-Oxic) का उपयोग किया गया है।
  15. संयंत्र राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के मानकों के अनुरूप हैं।
  16. ये एसटीपी यमुना और गंगा नदियों की सफाई में योगदान करते हैं।
  17. वित्त वर्ष 2024–25 में ₹3,184 करोड़ खर्च किए गए पूर्ण परियोजनाओं पर।
  18. यह शहरी स्वच्छता और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देता है।
  19. मिशन पारिस्थितिक पुनरुद्धार के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जीवन को भी समर्थन देता है।
  20. यह भारत की सबसे बड़ी केंद्रीय प्रायोजित पर्यावरणीय योजनाओं में से एक है।

 

Q1. मूल नमामि गंगे मिशन कब शुरू किया गया था?


Q2. नमामि गंगे मिशन 2.0 के तहत दिल्ली में चालू किए गए एशिया के सबसे बड़े एसटीपी की क्षमता क्या है?


Q3. दिल्ली के 564 एमएलडी एसटीपी में कौन सी तकनीक का उपयोग किया गया है?


Q4. 2024 की शुरुआत तक नमामि गंगे मिशन 2.0 के तहत कुल कितनी परियोजनाओं को स्वीकृति मिली थी?


Q5. वित्त वर्ष 2024–25 में नमामि गंगे मिशन की पूर्ण परियोजनाओं पर कुल कितना व्यय हुआ?


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