तमिलनाडु के लिए तीखे स्वाद को मिला वैश्विक सम्मान
विरुदुनगर सांबा वथल मिर्च, जिसे स्थानीय रूप से सत्तूर सांबा कहा जाता है, को आधिकारिक रूप से भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया गया है। इसकी चमकीली लाल रंगत, मध्यम तीखापन और विशिष्ट स्वाद इसे दक्षिण तमिलनाडु के घरों और होटलों में एक आम मसाला बनाते हैं। इस GI मान्यता के साथ, पारंपरिक किसान समुदाय को ब्रांडिंग और निर्यात संवर्धन में एक शक्तिशाली उपकरण प्राप्त हुआ है।
दक्षिण तमिलनाडु के जिलों में व्यापक खेती
हालाँकि इस मिर्च का नाम विरुदुनगर से जुड़ा है, लेकिन यह विशिष्ट किस्म की पतली मिर्च रामनाथपुरम, शिवगंगा और तूतीकोरिन जैसे पड़ोसी जिलों में भी उगाई जाती है। यहाँ की अनुकूल जलवायु और वर्षा पर निर्भर सूखा कृषि पद्धतियाँ, इस मिर्च को एक अलग ही सुगंध और स्वाद प्रदान करती हैं। सत्तूर, तूतीकोरिन, विरुदुनगर और रामनाथपुरम इस मिर्च के प्रमुख व्यापारिक केंद्र हैं, जहाँ दैनिक मिर्च बाजार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
तमिल साहित्य में ऐतिहासिक मान्यता
भारत सरकार का तमिलनाडु राजपत्र (Gazetteer of India – Tamil Nadu), जो 1972 में प्रकाशित हुआ, उसमें राजापालयम, सत्तूर और विरुदुनगर क्षेत्रों में सत्तूर सांबा मिर्च की खेती का उल्लेख मिलता है। यह दस्तावेज़ इस मिर्च की व्यावसायिक और निर्यात क्षमता को रेखांकित करता है। यह मिर्च तूतीकोरिन बंदरगाह के माध्यम से श्रीलंका (तत्कालीन सीलोन) को निर्यात की जाने वाली एक प्रमुख कृषि वस्तु रही है, जो भारत और पड़ोसी देशों के मसाला व्यापार संबंधों का प्रतीक है।
किसानों के लिए GI टैग का महत्व
GI टैग से सांबा वथल मिर्च की ब्रांड पहचान और नाम को कानूनी सुरक्षा मिलती है, जिससे कोई अन्य व्यक्ति इस नाम का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता। किसानों के लिए इसका अर्थ है – बेहतर बाजार मूल्य, पहचान की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय निर्यात के अधिक अवसर। साथ ही, यह देशी बीज किस्मों और पारंपरिक कृषि विधियों को संरक्षित करने में भी मदद करता है, जो जलवायु प्रतिरोधक कृषि पद्धतियों के लिए आवश्यक हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान अंतर्दृष्टि
भारत का भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री, भौगोलिक संकेतक वस्तुओं (पंजीकरण और सुरक्षा) अधिनियम, 1999 के तहत संचालित होती है। तमिलनाडु में पहले से ही कई GI टैग वाले उत्पाद हैं, जैसे – कांचीपुरम सिल्क साड़ी, मदुरै मल्लिगा (जैसमीन), पलानी पंचामृतम, और अब इसमें विरुदुनगर सांबा वथल मिर्च भी शामिल हो चुकी है। GI टैग पारंपरिक ज्ञान की रक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
उत्पाद का नाम | विरुदुनगर सांबा वथल (सत्तूर सांबा मिर्च) |
GI टैग प्राप्त वर्ष | 2025 |
खेती के जिले | विरुदुनगर, रामनाथपुरम, शिवगंगा, तूतीकोरिन |
प्रमुख बाजार | सत्तूर, तूतीकोरिन, विरुदुनगर, रामनाथपुरम |
विशिष्ट विशेषताएँ | मध्यम तीखापन, चमकीला लाल रंग, समृद्ध स्वाद |
ऐतिहासिक निर्यात मार्ग | तूतीकोरिन बंदरगाह से श्रीलंका (सीलोन) |
आधिकारिक उल्लेख | भारत सरकार का तमिलनाडु राजपत्र – 1972 |
कानूनी आधार | GI अधिनियम, 1999 |