नो स्मोकिंग डे क्यों जरूरी है?
हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है और 2025 में यह 12 मार्च को पड़ रहा है। यह दिन धूम्रपान और तंबाकू सेवन से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है—धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करना, तंबाकू के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना, और तंबाकू से होने वाली बीमारियों का बोझ घटाना। इसे स्वास्थ्य विशेषज्ञों, सरकारी योजनाओं और वैश्विक स्वास्थ्य अभियानों का समर्थन प्राप्त है।
धूम्रपान से होने वाले दिखने वाले नुकसान
धूम्रपान का एक ऐसा पहलू जो अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, वह है शारीरिक स्वरूप पर इसका प्रभाव। धूम्रपान करने वालों में अक्सर त्वचा में झुर्रियाँ, रक्त संचार में कमी, और त्वचा का असमान रंग देखा जाता है। साथ ही यह दाँतों का पीला पड़ना, मुंह से बदबू, मसूड़ों की बीमारियाँ, और मुख कैंसर का खतरा भी बढ़ाता है। लंबे समय तक तंबाकू सेवन से बालों का झड़ना, नाखून टूटना, और आँखों के नीचे काले घेरे जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
दिखावे से आगे, शरीर के भीतर की तबाही
धूम्रपान शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करता है। सबसे पहले फेफड़े प्रभावित होते हैं, जिससे सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और फेफड़ों का कैंसर होता है। धूम्रपान करने वालों में अक्सर सांस फूलना, लगातार खाँसी और थकान जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। इसके अलावा, यह धमनी संकुचन कर उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। आँखों में मोतियाबिंद और दृष्टि क्षीणता भी इससे जुड़ी समस्याएं हैं।
धूम्रपान छोड़ने के उपाय
धूम्रपान छोड़ना कठिन हो सकता है—but संभव है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि एक स्पष्ट तिथि निर्धारित करें और मित्रों, परिवार या ऑनलाइन समूहों से समर्थन लें। निकोटीन रिप्लेसमेंट थैरेपी (गम, पैच आदि) से लक्षणों को कम किया जा सकता है। पैदल चलना, योग, भरपूर पानी पीना जैसे स्वस्थ विकल्प अपनाकर इच्छाओं को नियंत्रित किया जा सकता है। तनाव और साथियों के दबाव जैसे ट्रिगर से बचना और डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लेना, सफलता की दर को बढ़ाता है।
सरकारी प्रयास और वैश्विक प्रभाव
भारत में कई धूम्रपान विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य है जन शिक्षा, विज्ञापन प्रतिबंध, और उपचार सहायता देना। यह सब राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) के तहत किया जाता है। नो स्मोकिंग डे, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तंबाकू नियंत्रण अभियानों से भी जुड़ा है, क्योंकि तंबाकू से हर साल दुनिया में 80 लाख से अधिक मौतें होती हैं। धूम्रपान–मुक्त वातावरण न केवल धूम्रपान करने वालों, बल्कि आसपास के लोगों को भी सुरक्षित बनाता है।
STATIC GK SNAPSHOT FOR EXAMS (हिंदी में)
विषय | विवरण |
नो स्मोकिंग डे 2025 की तिथि | 12 मार्च, 2025 (मार्च का दूसरा बुधवार) |
उद्देश्य | धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना |
सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं | सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर, मुख कैंसर, हृदय रोग |
दिखाई देने वाले लक्षण | झुर्रियाँ, दाँतों का धब्बा, नाखून कमजोर, बाल झड़ना |
भारत में नियंत्रण योजना | राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) |
धूम्रपान छोड़ने की रणनीतियाँ | तिथि निर्धारित करें, थैरेपी लें, ट्रिगर से बचें, डॉक्टर से सलाह |
वैश्विक तंबाकू मृत्यु दर | प्रति वर्ष 80 लाख+ मौतें (WHO आंकड़े अनुसार) |