खनिज उपयोग वाली भूमि के नियमन हेतु नया कानून
तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 2024 में ‘तमिलनाडु खनिज संपन्न भूमि कर अधिनियम’ पारित कर एक महत्वपूर्ण राजकोषीय सुधार लागू किया है। इस अधिनियम का उद्देश्य खनिजों के दोहन में प्रयुक्त भूमि पर कर लगाने के माध्यम से राजस्व जुटाना है। सरकारी अनुमान के अनुसार, यह अधिनियम प्रत्येक वर्ष ₹2,400 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न कर सकता है। यह राज्य की प्राकृतिक संसाधनों से प्रभावी रूप से लाभ उठाने की रणनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
कर संरचना और कवरेज
इस नए अधिनियम के तहत, 32 पहचाने गए खनिजों से युक्त भूमि पर कर लगाया जाएगा। इसमें प्रमुख और गौण दोनों प्रकार के खनिज शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कार्यरत पट्टाधारकों को यह कर देना होगा। 4 अप्रैल 2024 से, सभी पट्टाधारकों को नियमों में दिए गए नए दरों के अनुसार कर भुगतान प्रारंभ करना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि खनन और संसाधन निष्कर्षण से जुड़ी उद्योगें राज्य की अर्थव्यवस्था में न्यायसंगत योगदान दें।
खनिज के प्रकार के अनुसार दरों में अंतर
इस अधिनियम के तहत खनिज के प्रकार और मूल्य के आधार पर कर दरें भिन्न हैं। उच्च मूल्य के खनिजों में, सिलिमेनाइट — जो कि उच्च तापसह काच/सिरेमिक उद्योग में प्रयोग होता है — पर ₹7,000 प्रति टन कर लगाया गया है, जो सूची में सबसे अधिक है। वहीं, ईंट और टाइल निर्माण में प्रयुक्त चिकनी मिट्टी पर ₹40 प्रति टन कर लगाया गया है। यह दर भिन्नता, आर्थिक विकास और संसाधन संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर न्यायपूर्ण कर संरचना सुनिश्चित करती है।
राजस्व और निगरानी की दिशा में अनुशासन
यह पहल केवल राजस्व वृद्धि पर केंद्रित नहीं है, बल्कि खनिज पट्टाधारकों की निगरानी के लिए एक औपचारिक तंत्र भी स्थापित करती है। पूर्व में इस क्षेत्र में केवल रॉयल्टी या पट्टा शुल्क के आधार पर कर वसूली होती थी। अब यह अधिनियम खनिज संपन्न भूमि पर एक समर्पित कर के साथ जवाबदेही और पारदर्शिता को कानूनी स्वरूप प्रदान करता है। यह पहल स्थायी खनन तंत्र की स्थापना की दिशा में तमिलनाडु सरकार का एक ठोस प्रयास है, जिससे कल्याण और अधोसंरचना योजनाओं को वित्तपोषित किया जा सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान जानकारी
तमिलनाडु में चूना पत्थर, ग्रेनाइट, गार्नेट, ग्रेफाइट और चिकनी मिट्टी जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यह राज्य भारत के सीमेंट और सिरेमिक निर्माण में प्रयुक्त प्रमुख खनिजों के शीर्ष उत्पादकों में शामिल है। इस अधिनियम के माध्यम से तमिलनाडु, राष्ट्रीय खनिज नीति सुधारों के साथ अपने आप को संसाधन दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में संरेखित करता है।
STATIC GK SNAPSHOT
पहलू | विवरण |
अधिनियम का नाम | तमिलनाडु खनिज संपन्न भूमि कर अधिनियम, 2024 |
प्रभावी तिथि | 4 अप्रैल 2024 |
अनुमानित वार्षिक राजस्व | ₹2,400 करोड़ |
सर्वाधिक कर दर | ₹7,000 प्रति टन (सिलिमेनाइट) |
न्यूनतम कर दर | ₹40 प्रति टन (चिकनी मिट्टी) |
किन पर लागू | प्रमुख व गौण खनिजों के पट्टाधारकों पर |
कुल कवर किए गए खनिज | 32 खनिज |
तमिलनाडु की खनिज संपदा | चूना पत्थर, ग्रेनाइट, चिकनी मिट्टी, ग्रेफाइट, गार्नेट |