11 फरवरी को मनाया गया एंटी-स्मगलिंग दिवस
हर साल 11 फरवरी को एंटी–स्मगलिंग दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य तस्करी की खतरनाक गतिविधियों के प्रति जन–जागरूकता फैलाना है। इसे FICCI की CASCADE समिति द्वारा शुरू किया गया था, जो सरकारी एजेंसियों, कानून प्रवर्तन निकायों और आम जनता के सहयोग को बढ़ावा देता है। तस्करी भारत की सुरक्षा और आर्थिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है, इसलिए इस दिन सीमा सुरक्षा और कानूनी उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है।
क्यों तस्करी एक राष्ट्रीय खतरा है
तस्करी केवल अवैध व्यापार नहीं है; यह देश की आंतरिक स्थिरता को खतरे में डालती है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसी सीमावर्ती देशों से भारत में हथियार, नकली मुद्रा, मादक पदार्थ आदि की तस्करी होती है। ये नेटवर्क अक्सर आतंकवाद से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, तस्करी से सरकार को करों में भारी नुकसान होता है और वैध व्यापार प्रभावित होता है।
भारत की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सीमा से होने वाली तस्करी का सीधा संबंध संगठित अपराध से होता है। नकली भारतीय मुद्रा (FICN) का प्रसार आर्थिक नुकसान और आपराधिक नेटवर्क को सहायता देता है। ड्रग तस्करी से सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा और नशाखोरी फैलती है। BSF के अनुसार, अब तक 12,298 किलोग्राम मादक पदार्थ, 177 किलोग्राम सोना, और ₹3.27 मिलियन की नकली मुद्रा जब्त की गई है, जो समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
भारत कैसे कर रहा है सीमा सुरक्षा को मजबूत
भारत सरकार ने सीमा पर सुरक्षा ढांचे और निगरानी प्रणाली को आधुनिक बनाया है। BSF की अतिरिक्त टुकड़ियाँ, एंटी–ड्रोन सिस्टम, और लैटरल व एक्सियल सड़कें तैनात की गई हैं। ये सड़कें सैनिकों की त्वरित तैनाती में मदद करती हैं। इसके अलावा, CCTV और बुलेट कैमरे संवेदनशील इलाकों में 24×7 निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और INTERPOL की भूमिका
तस्करी एक वैश्विक समस्या है। भारत INTERPOL जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। INTERPOL का कहना है कि अपराधी अब एन्क्रिप्टेड ऐप्स और डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। इसलिए स्मार्ट सर्विलांस और इंटेलिजेंस साझा करना आवश्यक है।
मानव तस्करी और सीमाओं का शोषण
भारत–बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं। तस्कर नकली दस्तावेजों के सहारे गरीब लोगों को सीमा पार करवाते हैं। यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि एक मानवीय संकट है जिसमें महिलाओं और बच्चों का भी शोषण होता है।
क्यों महत्वपूर्ण है 11 फरवरी
11 फरवरी केवल एक तिथि नहीं है, यह भारत की एकजुटता और सजगता का प्रतीक है। इस दिन सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम और जन-जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि नागरिक और पुलिस तस्करी के विरुद्ध सतर्क रहें। यह तकनीकी नवाचार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नागरिक सहभागिता की मांग को भी बल देता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
आयोजन तिथि | 11 फरवरी |
आयोजनकर्ता | FICCI – CASCADE (Committee Against Smuggling and Counterfeiting Activities Destroying the Economy) |
मुख्य चिंता | हथियार, सोना, नकली मुद्रा, ड्रग्स और मानव तस्करी की तस्करी |
उच्च जोखिम वाले देश | पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार |
प्रमुख जब्ती आंकड़े | 12,298 किग्रा मादक पदार्थ, 177 किग्रा सोना, 179 किग्रा चांदी, ₹3.27 मिलियन FICN |
सीमा नियंत्रण उपाय | BSF सुदृढ़ीकरण, एंटी–ड्रोन टेक्नोलॉजी, सड़क नेटवर्क, CCTV निगरानी |
INTERPOL की भूमिका | अंतरराष्ट्रीय तस्करी, डार्क वेब और मानव तस्करी की निगरानी |
मानव तस्करी का क्षेत्र | भारत–बांग्लादेश सीमा, नकली दस्तावेजों से अवैध प्रवेश |
आर्थिक प्रभाव | राजस्व हानि, काला धन, सार्वजनिक निवेश में कमी |
दिवस का उद्देश्य | जागरूकता, बहु–एजेंसी सहयोग, नागरिक सहभागिता |