11 अप्रैल: करोड़ों के लिए मायने रखने वाला दिन
हर वर्ष 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस मनाया जाता है, जो डॉ. जेम्स पार्किंसन की जयंती है—उन्होंने 1817 में इस रोग का पहला वर्णन किया था। 1997 में WHO और Parkinson’s Europe द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त यह दिन, इस न्यूरोलॉजिकल विकार के बारे में वैश्विक जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। लाल ट्यूलिप, जो इस बीमारी का वैश्विक प्रतीक है, संघर्ष और एकता का संकेत बन चुका है।
पार्किंसन रोग क्या है?
पार्किंसन रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो मस्तिष्क के सबस्टैंशिया नाइग्रा नामक भाग में डोपामिन उत्पादक तंत्रिकाओं के नष्ट होने के कारण होता है। इससे हिलना, कठोरता और संतुलन में कठिनाई जैसे मोटर लक्षण होते हैं, साथ ही डिप्रेशन, नींद में बाधा और गंध की कमी जैसे गैर-मोटर लक्षण भी देखे जाते हैं।
- दुनिया भर में 1 करोड़ से अधिक लोग, और
- भारत में लगभग 10 लाख लोग पार्किंसन से पीड़ित हैं।
- आमतौर पर यह बीमारी 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में देखी जाती है, लेकिन 10–15% मामलों में यह युवाओं में भी पाई जाती है।
लक्षण और रोग के पाँच चरण
शुरुआती लक्षण अक्सर अनदेखे रह जाते हैं या बढ़ती उम्र का हिस्सा समझ लिए जाते हैं।
- हाथ कांपना, मांसपेशियों की कठोरता, और चाल में असंतुलन प्रारंभिक संकेत हैं।
- गंध और स्वाद में कमी, कब्ज, याददाश्त की कमी जैसे गैर-मोटर लक्षण भी आम हैं।
- यह रोग पाँच चरणों में प्रगति करता है, जो एक तरफ के हल्के लक्षणों से शुरू होकर पूर्ण आश्रित अवस्था या बिस्तर तक सीमित होने तक जाता है।
- न्यूरोलॉजिकल परीक्षण, DaT स्कैन और रोगी इतिहास समय पर पहचान में सहायक हैं।
उपचार विकल्प और जीवन की गुणवत्ता
हालाँकि पार्किंसन का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को निम्नलिखित माध्यमों से नियंत्रित किया जा सकता है:
- लेवोडोपा–कार्बिडोपा, डोपामिन एगोनिस्ट, MAO-B इन्हिबिटर्स जैसी दवाएं
- गंभीर मामलों में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) सर्जरी
- इसके साथ-साथ संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, स्पीच थेरेपी और भावनात्मक सहयोग
सही देखभाल के साथ रोगी स्वतंत्र और संतुलित जीवन जी सकते हैं।
इस दिवस का उद्देश्य
विश्व पार्किंसन दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन है।
2025 की थीम “व्यायाम और गति“ जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की महत्ता को दर्शाती है। इसका मकसद है:
- कलंक तोड़ना,
- जल्दी निदान को प्रोत्साहित करना, और
- अधिक अनुसंधान और फंडिंग की मांग करना।
सामुदायिक जागरूकता वॉक, ऑनलाइन अभियान, विशेषज्ञों के वेबिनार इस संदेश को और मजबूत करते हैं।
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
तत्व | विवरण |
आयोजन तिथि | हर साल 11 अप्रैल |
नामकरण | डॉ. जेम्स पार्किंसन (1817 में रोग वर्णित) |
आधिकारिक स्थापना | 1997 – Parkinson’s Europe और WHO द्वारा |
प्रतीक | लाल ट्यूलिप (लिज़ी ग्राहम द्वारा प्रस्तावित) |
वैश्विक रोगी संख्या | 1 करोड़ से अधिक |
भारत में रोगी संख्या | लगभग 10 लाख |
सामान्य आयु समूह | मुख्यतः 60+ वर्ष; 10–15% मरीज 50 वर्ष से कम |
प्रमुख लक्षण | हाथ कांपना, कठोरता, याददाश्त में कमी, मूड विकार, थकान |
प्रमुख उपचार | लेवोडोपा, DBS, जीवनशैली चिकित्सा, फिजिकल व स्पीच रिहैबिलिटेशन |
2025 फोकस विषय | बेहतर जीवन गुणवत्ता के लिए व्यायाम और गति पर बल |