भारतीय उपभोक्ताओं के लिए वैश्विक लेनदेन को सुरक्षित बनाना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत में जारी कार्डों से किए जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय “कार्ड नॉट प्रेज़ेंट” (CNP) लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण कारक (AFA) लागू करने की घोषणा की है। यह कदम बढ़ते साइबर धोखाधड़ी मामलों और भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के व्यापक उपयोग को देखते हुए उठाया गया है। इससे अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में भी वही सुरक्षा मिलेगी जो घरेलू ऑनलाइन भुगतान में पहले से लागू है।
AFA क्या है और यह क्यों ज़रूरी है?
AFA (Additional Factor Authentication) वह प्रणाली है जिसमें एक से अधिक प्रमाणीकरण चरण शामिल होते हैं जैसे पासवर्ड और OTP। भारत में घरेलू भुगतान के लिए यह पहले से अनिवार्य है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में इसके अभाव के कारण धोखाधड़ी का खतरा बढ़ गया था। अब AFA को वैश्विक लेनदेन में लागू कर, RBI उपभोक्ताओं को हर स्तर पर सुरक्षित करना चाहता है।
अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए नई सुरक्षा व्यवस्था
अब प्रत्येक CNP लेनदेन में OTP सत्यापन या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसे अतिरिक्त चरण लागू होंगे। चूंकि CNP भुगतान में कार्ड का शारीरिक उपयोग नहीं होता, यह धोखाधड़ी के लिए अधिक संवेदनशील होता है। ये नए उपाय उपभोक्ता की पहचान की पुष्टि करके लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाएंगे।
यह बदलाव क्यों आवश्यक था
पिछले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स लेनदेन में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन कई विदेशी व्यापारी भारतीय सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते। इससे चोरी किए गए कार्ड विवरणों से अवैध खरीदारी बढ़ी है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए RBI का यह हस्तक्षेप बेहद आवश्यक हो गया था।
आरबीआई का कार्यान्वयन ढांचा
RBI पहले एक ड्राफ्ट परिपत्र जारी करेगा ताकि बैंक, पेमेंट प्रोसेसर और व्यापारी सुझाव दे सकें। इसके बाद अंतिम नियम लागू किए जाएंगे। AFA ढांचा तीन स्तर के प्रमाणीकरण पर आधारित होगा:
- उपयोगकर्ता को ज्ञात जानकारी (जैसे PIN)
- उपयोगकर्ता के पास मौजूद वस्तु (जैसे फोन या कार्ड)
- उपयोगकर्ता की जैविक पहचान (जैसे फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन)
उपभोक्ताओं और बैंकों पर प्रभाव
भारतीय उपभोक्ताओं को अब बेहतर सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय खरीदारी में अधिक आत्मविश्वास मिलेगा। इससे अवैध लेनदेन में कमी आएगी। बैंकों और कार्ड जारी करने वालों को अपने तकनीकी ढांचे में बदलाव करने होंगे। उपभोक्ताओं को भी अपने मोबाइल नंबर और संपर्क विवरण अद्यतन रखने होंगे ताकि OTP और अलर्ट आसानी से प्राप्त हो सकें।
सुरक्षित डिजिटल कॉमर्स की ओर एक कदम
RBI का यह निर्णय भारत की सुरक्षित और समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में एक ठोस कदम है। जैसे-जैसे भारत वैश्विक डिजिटल बाज़ार में मजबूत होता जा रहा है, ऐसे उपाय उपभोक्ता विश्वास को बनाए रखने में सहायक होंगे। AFA के साथ, भारत एक ऐसी डिजिटल प्रणाली की ओर बढ़ रहा है जहाँ सुविधा के साथ–साथ सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
घोषणा करने वाली संस्था | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) |
उद्देश्य | अंतरराष्ट्रीय CNP लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण |
कवर किए गए लेनदेन | अंतरराष्ट्रीय “कार्ड नॉट प्रेज़ेंट” (CNP) भुगतान |
प्रमुख सुरक्षा उपाय | OTP सत्यापन, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण |
घरेलू AFA स्थिति | पहले से अनिवार्य (OTP, बायोमेट्रिक) |
परिपत्र की स्थिति | ड्राफ्ट परिपत्र विचार हेतु जारी होगा |
अंतिम कार्यान्वयन | हितधारकों से सुझावों के बाद लागू होगा |
प्रमाणीकरण प्रकार | ज्ञान (PIN), स्वामित्व (फोन/कार्ड), जैविक पहचान (बायोमेट्रिक) |
उपभोक्ता लाभ | धोखाधड़ी से सुरक्षा, वैश्विक खरीद में भरोसा |
बैंक की ज़िम्मेदारी | प्रणाली में सुधार, OTP और बायोमेट्रिक सुविधा लागू करना |