जीवन भर की सेवा को मिला वैश्विक सम्मान
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को स्लोवाकिया के नित्रा स्थित कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। यह सम्मान स्लोवाकिया और पुर्तगाल के चार दिवसीय राजकीय दौरे के अंतिम दिन (2025) दिया गया। उन्हें यह उपाधि लोक सेवा, सामाजिक न्याय और समावेशी शासन में उनके योगदान, विशेषकर महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और संथाली भाषा के संरक्षण के लिए दी गई।
विश्वविद्यालय और समारोह का महत्व
यह विश्वविद्यालय संत कॉन्स्टेंटाइन सिरिल के नाम पर है, जो स्लाविक संस्कृति में मानवतावाद और लोकतंत्र के प्रचारक माने जाते हैं। नित्रा, जो 870 ईस्वी से एक ऐतिहासिक नगर है, उसे “मदर ऑफ स्लोवाक सिटीज़” कहा जाता है। विश्वविद्यालय ने पूर्व में भी शिक्षा और संस्कृति के वैश्विक संवाहकों को सम्मानित किया है, जिनमें ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति फर्नांडो हेनरिक कार्डोसो भी शामिल हैं।
शिक्षा और एकता का राष्ट्रपति का संदेश
अपने भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर बल दिया और कहा कि यह न केवल व्यक्ति के विकास बल्कि राष्ट्र निर्माण का भी मूल आधार है। उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति (NEP) का हवाला देते हुए कहा कि स्लाविक सांस्कृतिक विरासत से सम्मान पाना इस बात का प्रतीक है कि ज्ञान, संस्कृति और सहयोग की वैश्विक शक्ति को मान्यता मिल रही है। उन्होंने “वसुधैव कुटुम्बकम्” के सिद्धांत को दोहराया।
वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति सशक्त
यह सम्मान राष्ट्रपति मुर्मू के व्यक्तिगत सफर को सराहने के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों की वैश्विक पहचान को भी सुदृढ़ करता है। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने भाषा संरक्षण, लैंगिक समानता और समुदाय–आधारित नेतृत्व को वैश्विक उदाहरण बना दिया है। यह अवसर भारत–स्लोवाकिया के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को नई दिशा देगा।
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
तत्व | विवरण |
कार्यक्रम | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को स्लोवाकिया में मानद डॉक्टरेट प्रदान |
अवसर | स्लोवाकिया और पुर्तगाल के राजकीय दौरे का अंतिम दिन |
सम्मान प्रदाता विश्वविद्यालय | कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर यूनिवर्सिटी, नित्रा, स्लोवाकिया |
सम्मान का कारण | लोक सेवा, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, संथाली भाषा का समर्थन |
विश्वविद्यालय नाम प्रेरणा | संत कॉन्स्टेंटाइन सिरिल – स्लाविक सांस्कृतिक प्रतीक |
नगर विशेषता | नित्रा – स्लोवाकिया का प्राचीनतम नगर (870 ई. से) |
पूर्व सम्मानित व्यक्ति | फर्नांडो हेनरिक कार्डोसो, ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति (2002) |
राष्ट्रपति का उद्धरण | “यह सम्मान 1.4 अरब भारतीयों का है” |
सांस्कृतिक दृष्टिकोण | भारत की भाषाई-सांस्कृतिक विविधता और शिक्षा सुधारों का वैश्विक प्रदर्शन |