पर्वतीय शासक पर केंद्रित विशेष ध्यान
नीलगिरी तहर जिसे नीलगिरी इबेक्स भी कहा जाता है, केवल वेस्टर्न घाट का एक वन्य जीव ही नहीं बल्कि तमिलनाडु की पारिस्थितिक विरासत का प्रतीक है। यह तमिलनाडु का राज्य पशु है और इसका जैविक और सांस्कृतिक दोनों महत्व है। वयस्क नर को “सैडलबैक“ कहा जाता है, क्योंकि उसकी पीठ पर चांदी जैसी धारी होती है। यह प्राचीन तमिल साहित्य में भी वर्णित प्रजाति है। अब यह 2025 की एक संयुक्त वन्यजीव जनगणना (24 से 27 अप्रैल तक) का केंद्र बिंदु बनी हुई है।
अंतर-राज्यीय सहयोग से संरक्षण प्रयास
केरल और तमिलनाडु मिलकर इस वर्ष की नीलगिरी तहर जनगणना आयोजित कर रहे हैं। सर्वेक्षण केरल के 89 ब्लॉक और तमिलनाडु के 176 ब्लॉक को कवर करेगा। कैमरा ट्रैप और डीएनए विश्लेषण के लिए पैलेट सैंपलिंग जैसी तकनीकों से जनसंख्या का सटीक अनुमान लगाया जाएगा। इसमें ‘बाउंडेड काउंट’ विधि अपनाई गई है, जो खुले क्षेत्रों में घनत्व गणना के लिए प्रसिद्ध है।
वेस्टर्न घाट: प्राकृतिक आवास
यह दुर्लभ पर्वतीय जीव केवल दक्षिणी वेस्टर्न घाट में पाया जाता है। यह उच्च ऊंचाई वाली घासभूमियों, चट्टानी ढलानों और शोलावन वनों को पसंद करता है। इसकी सबसे बड़ी आबादी एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (केरल) में पाई जाती है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 50 वर्ष मना रहा है। ये तहर दिन में सक्रिय रहते हैं और कठोर, ढलानदार इलाकों में जीवित रहने की असाधारण क्षमता दिखाते हैं।
संकटग्रस्त स्थिति में संरक्षित
नीलगिरी तहर को IUCN रेड लिस्ट में “संकटग्रस्त (Endangered)” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-I के तहत कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। आवास विखंडन, मानव हस्तक्षेप और अवैध शिकार के कारण इसकी आबादी में भारी गिरावट आई है। WWF की 2015 रिपोर्ट के अनुसार, इसकी जंगली आबादी केवल लगभग 3,122 थी, जबकि पहले यह घाटों में व्यापक रूप से फैली हुई थी।
प्रोजेक्ट नीलगिरी तहर: आशा की किरण
दिसंबर 2022 में, तमिलनाडु सरकार ने ₹25.14 करोड़ की लागत से पांच वर्षीय “प्रोजेक्ट नीलगिरी तहर” की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य रेडियो कॉलर ट्रैकिंग, पुनः प्रवर्तन की संभावना की जांच, और आक्रामक प्रजातियों व जलवायु परिवर्तन जैसी तात्कालिक चुनौतियों का मूल्यांकन करना है। यह पहल विज्ञान, परंपरा और नीति का मिश्रण है, जो इस दक्षिण भारतीय संस्कृति में पूजनीय प्रजाति को नया जीवन देने का वादा करती है।
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
विषय | विवरण |
प्रजाति नाम | नीलगिरी तहर (Nilgiri Tahr) |
उपनाम | सैडलबैक (वयस्क नर) |
स्थिति | संकटग्रस्त – IUCN रेड लिस्ट |
कानूनी संरक्षण | अनुसूची-I, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 |
मुख्य आवास | वेस्टर्न घाट – तमिलनाडु और केरल |
सबसे बड़ी आबादी | एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, केरल |
जनगणना तिथियाँ | 24 से 27 अप्रैल 2025 |
सर्वेक्षण तकनीक | बाउंडेड काउंट, पैलेट सैंपलिंग |
परियोजना प्रारंभ | 2022 (तमिलनाडु सरकार द्वारा) |
परियोजना बजट | ₹25.14 करोड़ (5 वर्षों के लिए) |
2015 अनुमानित जनसंख्या | लगभग 3,122 (WWF रिपोर्ट) |
तमिलनाडु का राज्य पशु | नीलगिरी तहर |