जुलाई 19, 2025 1:21 पूर्वाह्न

नीलगिरी तहर जनगणना 2025: तमिलनाडु के राज्य पशु के संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

वर्तमान मामले : नीलगिरि तहर जनगणना 2025: तमिलनाडु के राज्य पशु के लिए संरक्षण प्रयास, नीलगिरि तहर जनगणना 2025, परियोजना नीलगिरि तहर, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान 50 वर्ष, लुप्तप्राय प्रजातियाँ भारत, पश्चिमी घाट जैव विविधता, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, आईयूसीएन रेड लिस्ट भारत

Nilgiri Tahr Census 2025: Conservation Efforts for Tamil Nadu's State Animal

पर्वतीय शासक पर केंद्रित विशेष ध्यान

नीलगिरी तहर जिसे नीलगिरी इबेक्स भी कहा जाता है, केवल वेस्टर्न घाट का एक वन्य जीव ही नहीं बल्कि तमिलनाडु की पारिस्थितिक विरासत का प्रतीक है। यह तमिलनाडु का राज्य पशु है और इसका जैविक और सांस्कृतिक दोनों महत्व है। वयस्क नर को सैडलबैक कहा जाता है, क्योंकि उसकी पीठ पर चांदी जैसी धारी होती है। यह प्राचीन तमिल साहित्य में भी वर्णित प्रजाति है। अब यह 2025 की एक संयुक्त वन्यजीव जनगणना (24 से 27 अप्रैल तक) का केंद्र बिंदु बनी हुई है।

अंतर-राज्यीय सहयोग से संरक्षण प्रयास

केरल और तमिलनाडु मिलकर इस वर्ष की नीलगिरी तहर जनगणना आयोजित कर रहे हैं। सर्वेक्षण केरल के 89 ब्लॉक और तमिलनाडु के 176 ब्लॉक को कवर करेगा। कैमरा ट्रैप और डीएनए विश्लेषण के लिए पैलेट सैंपलिंग जैसी तकनीकों से जनसंख्या का सटीक अनुमान लगाया जाएगा। इसमें बाउंडेड काउंटविधि अपनाई गई है, जो खुले क्षेत्रों में घनत्व गणना के लिए प्रसिद्ध है।

वेस्टर्न घाट: प्राकृतिक आवास

यह दुर्लभ पर्वतीय जीव केवल दक्षिणी वेस्टर्न घाट में पाया जाता है। यह उच्च ऊंचाई वाली घासभूमियों, चट्टानी ढलानों और शोलावन वनों को पसंद करता है। इसकी सबसे बड़ी आबादी एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (केरल) में पाई जाती है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 50 वर्ष मना रहा है। ये तहर दिन में सक्रिय रहते हैं और कठोर, ढलानदार इलाकों में जीवित रहने की असाधारण क्षमता दिखाते हैं।

संकटग्रस्त स्थिति में संरक्षित

नीलगिरी तहर को IUCN रेड लिस्ट मेंसंकटग्रस्त (Endangered)” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-I के तहत कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। आवास विखंडन, मानव हस्तक्षेप और अवैध शिकार के कारण इसकी आबादी में भारी गिरावट आई है। WWF की 2015 रिपोर्ट के अनुसार, इसकी जंगली आबादी केवल लगभग 3,122 थी, जबकि पहले यह घाटों में व्यापक रूप से फैली हुई थी।

प्रोजेक्ट नीलगिरी तहर: आशा की किरण

दिसंबर 2022 में, तमिलनाडु सरकार ने ₹25.14 करोड़ की लागत से पांच वर्षीयप्रोजेक्ट नीलगिरी तहर की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य रेडियो कॉलर ट्रैकिंग, पुनः प्रवर्तन की संभावना की जांच, और आक्रामक प्रजातियों जलवायु परिवर्तन जैसी तात्कालिक चुनौतियों का मूल्यांकन करना है। यह पहल विज्ञान, परंपरा और नीति का मिश्रण है, जो इस दक्षिण भारतीय संस्कृति में पूजनीय प्रजाति को नया जीवन देने का वादा करती है।

स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)

विषय विवरण
प्रजाति नाम नीलगिरी तहर (Nilgiri Tahr)
उपनाम सैडलबैक (वयस्क नर)
स्थिति संकटग्रस्त – IUCN रेड लिस्ट
कानूनी संरक्षण अनुसूची-I, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972
मुख्य आवास वेस्टर्न घाट – तमिलनाडु और केरल
सबसे बड़ी आबादी एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, केरल
जनगणना तिथियाँ 24 से 27 अप्रैल 2025
सर्वेक्षण तकनीक बाउंडेड काउंट, पैलेट सैंपलिंग
परियोजना प्रारंभ 2022 (तमिलनाडु सरकार द्वारा)
परियोजना बजट ₹25.14 करोड़ (5 वर्षों के लिए)
2015 अनुमानित जनसंख्या लगभग 3,122 (WWF रिपोर्ट)
तमिलनाडु का राज्य पशु नीलगिरी तहर
Nilgiri Tahr Census 2025: Conservation Efforts for Tamil Nadu's State Animal
  1. नीलगिरी तहर (नीलगिरी आइबेक्स) तमिलनाडु का राज्य पशु है, जिसका उल्लेख प्राचीन तमिल साहित्य में भी मिलता है।
  2. नीलगिरी तहर जनगणना 2025, 24 से 27 अप्रैल तक केरल और तमिलनाडु में आयोजित की जा रही है।
  3. प्रौढ़ नर तहर को उनकी पीठ पर सिल्वर रंग की पट्टी के कारण सैडलबैक कहा जाता है।
  4. यह प्रजाति IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त श्रेणी में सूचीबद्ध है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत संरक्षित है।
  5. यह जनगणना केरल के 89 ब्लॉक और तमिलनाडु के 176 ब्लॉक को कवर करेगी।
  6. अधिकारी कैमरा ट्रैप और मल सैंपलिंग (pellet sampling) के जरिए DNA विश्लेषण और जनसंख्या का अनुमान लगाएंगे।
  7. बाउंडेड काउंटतकनीक का उपयोग जनसंख्या घनत्व का आकलन करने के लिए किया जा रहा है।
  8. केरल का एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, नीलगिरी तहर की सबसे बड़ी आबादी का घर है और 2025 में 50 साल पूरे कर रहा है।
  9. नीलगिरी तहर मुख्यतः पश्चिमी घाट के ऊंचे घास के मैदानों, चट्टानी ढलानों और शोला वनों में पाया जाता है।
  10. ये दिन में सक्रिय रहने वाले (diurnal) जानवर हैं।
  11. इनके सामने वास स्थल विखंडन, मानव हस्तक्षेप और अवैध शिकार जैसी बड़ी चुनौतियाँ हैं।
  12. 2015 की पिछली गणना में लगभग 3,122 नीलगिरी तहर दर्ज किए गए थे।
  13. प्रोजेक्ट नीलगिरी तहर दिसंबर 2022 में तमिलनाडु सरकार द्वारा शुरू किया गया था।
  14. इस परियोजना के लिए ₹25.14 करोड़ का बजट पांच वर्षीय संरक्षण योजना हेतु निर्धारित किया गया है।
  15. संरक्षण उपायों में रेडियो कॉलर ट्रैकिंग और पूर्व के निवास स्थानों में पुनःस्थापन भी शामिल हैं।
  16. यह परियोजना जलवायु परिवर्तन और आक्रामक प्रजातियों को तात्कालिक खतरे के रूप में भी मूल्यांकन कर रही है।
  17. नीलगिरी तहर केवल पश्चिमी घाट, विशेषकर तमिलनाडु और केरल में ही पाया जाता है।
  18. 2025 की जनगणना तमिलनाडु और केरल की संयुक्त पहल है, जो अंतरराज्यीय सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  19. यह पहल विज्ञान, नीति और परंपरा का समन्वय कर एक सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रजाति के पुनरुद्धार का प्रयास है।
  20. यह परियोजना भारत की संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा और जैव विविधता संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

 

Q1. नीलगिरी तहर का वैज्ञानिक नाम क्या है?


Q2. 2025 की जनगणना में नीलगिरी तहर की आबादी का अनुमान लगाने के लिए कौन-सी विधि का उपयोग किया गया है?


Q3. किस राष्ट्रीय उद्यान में नीलगिरी तहर की सबसे अधिक आबादी पाई जाती है?


Q4. नीलगिरी तहर को किस कानूनी अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित किया गया है?


Q5. तमिलनाडु सरकार द्वारा ‘नीलगिरी तहर परियोजना’ कब शुरू की गई थी?


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