सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर की सख्त टिप्पणी
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि द्वारा 10 राज्य विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजना असंवैधानिक और कानूनी रूप से अमान्य है। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल अनुच्छेद 200 के तहत राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं, न कि एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में।
विवाद की समयरेखा और कानूनी प्रक्रिया
2020 से 2023 के बीच, तमिलनाडु विधानसभा ने कुलपति नियुक्तियों से जुड़े 12 विधेयकों को पारित किया। राज्यपाल ने इन विधेयकों पर सहमति देने में देरी की, जिसके चलते नवंबर 2023 में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँची। राज्यपाल ने 10 विधेयकों को अस्वीकृत कर दिया और 2 को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेज दिया। विधानसभा द्वारा इन्हें दोबारा पारित किए जाने के बाद भी राज्यपाल ने इन्हें राष्ट्रपति को भेज दिया, जिसे कोर्ट ने संवैधानिक रूप से अस्थिर करार दिया।
अनुच्छेद 200 की व्याख्या: पॉकेट वीटो की अनुमति नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं:
- विधेयक को स्वीकृति देना
- विधेयक को अस्वीकार करना
- विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखना
लेकिन अगर विधेयक दोबारा विधानसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो राज्यपाल को अनिवार्य रूप से स्वीकृति देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को राजनीतिक भूमिका नहीं निभानी चाहिए, और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करना संविधान की आत्मा के विरुद्ध है।
अनुच्छेद 142 के अंतर्गत निर्णय: सभी विधेयकों को स्वीकृत माना
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए सभी 10 विधेयकों को स्वतः स्वीकृत घोषित कर दिया। पीठ ने राज्यपाल की कार्यशैली को “संविधान के प्रति सम्मान की कमी“ बताया और पंजाब मामले जैसे पूर्व मामलों का हवाला दिया। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने डॉ. अंबेडकर के कथन को उद्धृत किया:
“कोई भी संविधान कितना ही अच्छा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे न हों, तो वह असफल हो जाएगा।”
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
तत्व | विवरण |
मुकदमे का शीर्षक | तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल |
न्यायालय | भारत का सर्वोच्च न्यायालय |
न्यायाधीश | न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन |
प्रमुख अनुच्छेद | अनुच्छेद 200 (राज्यपाल की स्वीकृति), अनुच्छेद 142 (विशेष शक्ति) |
राज्यपाल संबंधित | आर.एन. रवि |
केंद्रीय मुद्दा | 10 विधेयकों की देरी और राष्ट्रपति को भेजा जाना |
निर्णय | सभी विधेयकों को स्वीकृत माना गया; राज्यपाल की कार्रवाई अमान्य |
उल्लेखनीय उद्धरण | डॉ. अंबेडकर – “संविधान अच्छा हो या बुरा, उसे चलाने वालों पर निर्भर करता है” |
परीक्षा उपयोगिता | राजनीति, संविधान, शासन – UPSC, TNPSC, SSC |