दलहनों की शक्ति को सम्मानित करने का दिन
हर वर्ष 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है। यह केवल एक खाद्य समूह का उत्सव नहीं है, बल्कि स्थायी भविष्य के निर्माण में दलहनों की भूमिका को मान्यता देने का अवसर है। भारतीय दाल से लेकर भूमध्यसागरीय हुमस तक, दलहन न केवल पौष्टिक हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर किफायती आहार का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
दलहन क्या हैं?
दलहन वे सूखे, खाद्य बीज होते हैं जो लेग्यूम (फलियों वाली) पौधियों से प्राप्त होते हैं। इन्हें सूखे रूप में ही खाया जाता है और ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं। विकासशील देशों में, विशेषकर शाकाहारी और कम आय वाले लोगों के लिए, दलहन एक प्रमुख पोषण स्रोत हैं।
विश्व दलहन दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
इस वैश्विक उत्सव की शुरुआत 2016 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा “अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष“ घोषित करने से हुई थी। बुर्किना फासो की पहल पर, 2019 में इसे एक वार्षिक दिवस के रूप में मान्यता दी गई और FAO (संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन) ने इसे वैश्विक खाद्य प्रणालियों में बढ़ावा देने का कार्यभार संभाला।
क्यों महत्वपूर्ण है विश्व दलहन दिवस 2025?
2025 की थीम “दलहन: कृषि–खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना” है, जो यह दर्शाती है कि दलहन कैसे फसल विविधता और मिट्टी के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करते हैं। ये जलवायु-लचीले और पोषण-सक्षम कृषि मॉडल के लिए आवश्यक हैं।
पोषण से भरपूर एक सुपरफूड
दलहन को आज “सुपरफूड“ कहा जा रहा है क्योंकि ये पौध आधारित प्रोटीन, फाइबर, और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये पाचन में सहायक, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाले, और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को घटाने वाले माने जाते हैं। ये स्वास्थ्यवर्धक और किफायती दोनों हैं।
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सहायक
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में दलहन एक प्रमुख फसल हैं। ये कम जल, कम उर्वरक और रसायन में भी फलती-फूलती हैं, जिससे छोटे किसानों की आय में वृद्धि होती है और स्थानीय खाद्य सुरक्षा को बल मिलता है।
पर्यावरण के लिए भी लाभकारी
जलवायु–स्मार्ट फसल के रूप में दलहन की भूमिका महत्वपूर्ण है। ये नाइट्रोजन को मिट्टी में जोड़ते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है। साथ ही, इनकी जल खपत और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बहुत कम है — जो सतत कृषि और जलवायु कार्रवाई के लिए जरूरी है।
STATIC GK SNAPSHOT (स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक)
विषय | विवरण |
दिवस | विश्व दलहन दिवस |
तिथि | 10 फरवरी |
घोषित किया | संयुक्त राष्ट्र (2019) |
पहली बार मनाया गया | अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष (2016) |
मुख्य संस्था | खाद्य और कृषि संगठन (FAO) |
2025 की थीम | “दलहन: कृषि-खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना” |
प्रमुख फसलें | चना, मसूर, राजमा, लोबिया |
SDG प्रासंगिकता | SDG 2 (शून्य भूख), SDG 15 (स्थायी भूमि उपयोग) |
भारत की स्थिति | दुनिया में शीर्ष 3 दलहन उत्पादक और उपभोक्ता |
प्रमुख राज्य | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान |