समानता के लक्ष्य की ओर सशक्तिकरण के माध्यम से
देशभर में अनुसूचित जाति (SC) समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने और सामाजिक अंतर को पाटने के उद्देश्य से भारत सरकार ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) शुरू की है। यह परिवर्तनकारी योजना गरीबी को कम करने, रोजगार उत्पन्न करने और SC समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं जीविका के अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, विशेषकर आकांक्षी जिलों में।
पीएम-अजय का मूल उद्देश्य क्या है?
PM-AJAY योजना का केंद्रीय उद्देश्य SC समुदायों को विकास के माध्यम से सशक्त बनाना है। यह केवल वित्तीय सहायता नहीं देती, बल्कि कौशल विकास, शिक्षा में सुधार और स्थायी आय स्रोतों के माध्यम से पीढ़ियों से चली आ रही गरीबी को समाप्त करने की दिशा में काम करती है। इसका लक्ष्य निर्भरता से गरिमा की ओर परिवर्तन है।
पीएम-अजय योजना के तीन मुख्य स्तंभ
यह योजना “एक समाधान सभी के लिए” नहीं है। इसके तीन मुख्य घटक हैं:
1. आदर्श ग्राम विकास
जिन गांवों में SC आबादी बहुमत में है, उन्हें ‘आदर्श ग्राम’ के रूप में चुना जाता है और 10 प्रमुख क्षेत्रों (जैसे आवास, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पेयजल और डिजिटल पहुंच) में समग्र विकास किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, बिहार के किसी दूरस्थ गांव में बेहतर सड़क, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और विद्यालय इस योजना के अंतर्गत स्थापित किए जा सकते हैं।
2. अनुदान सहायता (Grants-in-Aid)
राज्य और जिला स्तर पर ऐसी परियोजनाओं को सहायता दी जाती है, जो SC समुदायों के लिए जीविका एवं कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देती हैं। इसका उद्देश्य आर्थिक आत्मनिर्भरता है—जैसे सिलाई इकाइयों की स्थापना, कृषि व्यवसाय मॉडल या युवाओं के लिए डिजिटल लर्निंग सेंटर।
3. छात्रावास निर्माण
शिक्षा अभी भी कई SC छात्रों के लिए एक प्रमुख बाधा है। इस चुनौती को हल करने हेतु PM-AJAY योजना विद्यालयों और कॉलेजों के पास छात्रावासों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे विशेष रूप से लड़कियों और दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के बीच ड्रॉपआउट दर को कम करने में मदद मिलेगी।
अब तक की प्रगति
वित्तीय वर्ष 2023–24 के अंत तक इस योजना ने ठोस प्रगति दर्ज की है। लगभग 1,834 गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। 17 राज्यों ने अनुदान सहायता घटक के अंतर्गत जीविका कार्यक्रमों को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, 15 नए छात्रावासों को मंजूरी दी गई है, जिससे SC छात्रों की शिक्षा तक पहुंच को और बेहतर बनाया गया है।
सहभागिता आधारित सफलता की रणनीति
इस योजना की सफलता मजबूत साझेदारी पर निर्भर करती है। हाल ही में केंद्र सरकार की सलाहकार समिति की बैठक हुई जिसमें योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और आगे की योजना पर चर्चा हुई। यह स्पष्ट किया गया कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी, स्थानीय आंकड़ों का उपयोग और निरंतर निगरानी योजना के क्रियान्वयन में आवश्यक हैं। जिला स्तर पर बेहतर समन्वय से अधिक तीव्र और लक्षित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
आगे की दिशा: पीएम-अजय का भविष्य
आगे देखते हुए, सरकार इस योजना के अंतर्गत अधिक वित्त पोषण, अवसंरचना में सुधार और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विस्तार की योजना बना रही है। लक्ष्य सीधा और सशक्त है—समावेशी विकास जहां कोई भी समुदाय पीछे न छूटे। चाहे वह ओडिशा के किसी छोटे से गांव का बच्चा हो या मध्य प्रदेश का युवा उद्यमी, यह योजना एक बेहतर भविष्य के द्वार खोलना चाहती है।
STATIC GK SNAPSHOT (स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक)
विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) |
शुरू करने वाली संस्था | सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय |
मुख्य उद्देश्य | अनुसूचित जाति समुदायों की गरीबी, शिक्षा और रोजगार में सुधार |
कवर किए गए गांव (2023–24) | 1,834 आदर्श ग्राम |
मंजूर छात्रावास परियोजनाएं | 15 |
अनुदान लागू करने वाले राज्य | 17 |
प्रमुख घटक | आदर्श ग्राम विकास, अनुदान सहायता, छात्रावास निर्माण |
लक्षित समूह | अनुसूचित जाति समुदाय |
संबद्ध लक्ष्य | समावेशी विकास एवं सामाजिक उत्थान |