चेन्नई और सेलम की नदियाँ खतरे की घंटी बजा रही हैं
एक चिंताजनक पर्यावरणीय विकास में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने तमिलनाडु की चार नदियों—अड्यार, कूम, थिरुमनिमुथार और वसिष्ठा—को प्राथमिकता वर्ग I में सबसे अधिक प्रदूषित जलधाराओं के रूप में चिह्नित किया है। इसका अर्थ है कि इन नदियों में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (Biochemical Oxygen Demand – BOD) का स्तर अत्यधिक खतरनाक सीमा से ऊपर है।
‘प्राथमिकता-I’ श्रेणी का अर्थ क्या है?
सीपीसीबी नदियों को प्रदूषण के आधार पर पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिनमें प्राथमिकता-I सबसे खराब मानी जाती है। इस श्रेणी की नदियों में BOD स्तर 30 मिलीग्राम/लीटर से अधिक होता है, जबकि स्नान योग्य जल के लिए अनुमेय सीमा मात्र 3 मिलीग्राम/लीटर होती है।
उदाहरण के लिए, कूम नदी (अवाडी से सत्य नगर खंड) का BOD स्तर 345 मिलीग्राम/लीटर पाया गया—जो स्नान योग्य मानक से 100 गुना अधिक है। यह इसे भारत का संभवतः सबसे प्रदूषित शहरी नदी खंड बनाता है।
तमिलनाडु की अन्य प्रमुख प्रदूषित नदियाँ
कुल मिलाकर, तमिलनाडु की 10 प्रदूषित नदी धाराओं को सीपीसीबी द्वारा चिन्हित किया गया है। इसमें अड्यार और कूम के अलावा कावेरी, भवानी और अमरावती जैसी नदियाँ भी शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, जीवनदायिनी मानी जाने वाली कावेरी नदी अब मेट्टूर से पिचावरम तक कई स्थानों पर गंभीर प्रदूषण का सामना कर रही है—विशेषकर एरोड और त्रिची जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में। सेलम की दो नदियाँ, थिरुमनिमुथार (BOD: 56 mg/L) और वसिष्ठा (BOD: 230 mg/L) भी बेहद चिंताजनक स्थिति में हैं।
यह समस्या इतनी गंभीर क्यों है?
ये नदियाँ केवल भौगोलिक संरचनाएँ नहीं हैं—ये तमिलनाडु के ग्रामों और शहरों की जीवनरेखा हैं। लोग इन पर स्नान, कपड़े धोने, यहाँ तक कि कई बार पीने के लिए निर्भर रहते हैं। इस स्तर का प्रदूषण जन स्वास्थ्य, जलजीवों की जीवन क्षमता और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
यदि किसान इस जल का उपयोग सिंचाई के लिए करते हैं, तो यह खाद्य श्रृंखला में विषैले तत्व पहुंचा सकता है। मछलीपालन पर निर्भर लोगों की आजीविका भी प्रभावित हो सकती है।
समाधान क्या है?
सरकार को चाहिए कि वह उद्योगों और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के लिए कड़े अपशिष्ट निपटान मानकों को लागू करे। साथ ही जन–जागरूकता अभियान चलाए जाएँ ताकि लोग अपशोधित जल के खतरों और नदी संरक्षण के महत्व को समझ सकें।
हालाँकि राज्य सरकार द्वारा शहरी नदी पुनरुद्धार योजनाएँ चलाई जा रही हैं, लेकिन इन नदियों को बचाने के लिए अधिक तेज़, पारदर्शी और प्रतिबद्ध प्रयास की आवश्यकता है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
सबसे प्रदूषित नदी खंड | कूम (अवाडी से सत्य नगर) – BOD: 345 mg/L |
स्नान योग्य जल का BOD मानक | 3 mg/L |
तमिलनाडु में चिन्हित प्रदूषित धाराएँ | 10 |
प्राथमिकता-I में शामिल नदियाँ | अड्यार, कूम, थिरुमनिमुथार, वसिष्ठा |
CPCB का पूरा नाम | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड |
CPCB मुख्यालय | नई दिल्ली |
कावेरी प्रदूषण क्षेत्र | मेट्टूर, एरोड, त्रिची, पिचावरम |