जुलाई 21, 2025 8:43 अपराह्न

पशु औषधि पहल: भारत के किसानों के लिए सस्ती पशु चिकित्सा दवाइयाँ

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Pashu Aushadhi Initiative: Affordable Veterinary Medicines for India’s Farmers

पशु स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से किसानों को सहारा

पशु औषधि पहल, जिसे पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा शुरू किया गया है, भारत की कृषि नीति में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) मॉडल पर आधारित है और इसका उद्देश्य देश के पशुधन मालिकों को कम लागत में जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। इसका मुख्य लक्ष्य है सस्ती पशु स्वास्थ्य सेवाओं के ज़रिए उत्पादकता और ग्रामीण आय में वृद्धि करना।

बजट आवंटन और एलएचडीसीपी से जुड़ाव

पशु औषधि कोई स्वतंत्र योजना नहीं है, बल्कि यह संशोधित पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के अंतर्गत आती है। केंद्र सरकार ने 2024–25 और 2025–26 के लिए ₹3,880 करोड़ LHDCP के तहत आवंटित किए हैं, जिसमें से ₹75 करोड़ विशेष रूप से पशु औषधि पहल के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस वित्तीय सहयोग के तहत इसे प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) और सहकारी समितियों के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिससे FMD और ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों के इलाज की लागत किसानों के लिए कम हो सके।

पशुधन जनगणना और योजना की व्यापकता

20वीं पशुधन जनगणना (2019) के अनुसार, भारत में कुल पशुधन जनसंख्या 535.78 मिलियन है, जिसमें 302.79 मिलियन बोवाइन पशु शामिल हैं। इतनी बड़ी आबादी को देखते हुए, रोग नियंत्रण की पहुँच एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गई है। ये रोग दूध उत्पादन, कार्य क्षमता और प्रजनन को प्रभावित करते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। पशु औषधि योजना का उद्देश्य इन आवश्यक दवाओं को स्थानीय स्तर पर और किफायती दामों में उपलब्ध कराकर इस अंतर को पाटना है।

एकीकृत दुकान: पारंपरिक और आधुनिक दवाओं का समावेश

इस योजना की एक खास विशेषता यह है कि इसमें एथ्नोवेटरनरी (पारंपरिक पशु औषधि) दवाइयों को भी शामिल किया गया है। ये दवाएँ स्थानीय पशु चिकित्सा ज्ञान पर आधारित हैं और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इनके साथ-साथ सामान्य संक्रमण, बुखार, घाव और परजीवी संक्रमण के लिए आधुनिक जेनेरिक दवाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी। इस तरह यह योजना आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान को मिलाकर किसानों में स्वीकृति और उपयोग दोनों को बढ़ावा देती है।

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विषय विवरण
योजना का नाम पशु औषधि पहल
मंत्रालय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
बजट आवंटन (2024–26) ₹75 करोड़ (₹3,880 करोड़ के LHDCP के अंतर्गत)
मॉडल प्रेरणा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK)
कार्यान्वयन एजेंसियाँ पीएमकेएसके, सहकारी समितियाँ, NDDB
पशुधन जनसंख्या (2019) 535.78 मिलियन (302.79 मिलियन बोवाइन)
लक्षित प्रमुख रोग फुट एंड माउथ डिज़ीज़ (FMD), ब्रुसेलोसिस
पारंपरिक दवा समावेश NDDB द्वारा एथ्नोवेटरनरी फॉर्मुलेशन
लॉन्च वर्ष 2025 (पूर्ण कार्यान्वयन अपेक्षित)
योजना का उद्देश्य सस्ती पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से उत्पादकता में सुधार

 

Pashu Aushadhi Initiative: Affordable Veterinary Medicines for India’s Farmers
  1. पशु औषधि पहल का उद्देश्य किसानों को कम लागत पर पशु चिकित्सा दवाएं उपलब्ध कराना है।
  2. इसे मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा 2025 में शुरू किया गया।
  3. यह पहल प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) की तर्ज पर आधारित है।
  4. यह पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के अंतर्गत संचालित होती है।
  5. LHDCP के लिए ₹3,880 करोड़ (2024–26) आवंटित किए गए हैं, जिसमें से ₹75 करोड़ पशु औषधि के लिए निर्धारित हैं।
  6. दवाओं का वितरण प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSKs) और सहकारी समितियों के माध्यम से होगा।
  7. यह पहल खुरपकामुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसे रोगों को लक्षित करती है।
  8. 2019 की पशुधन जनगणना के अनुसार भारत की पशुधन संख्या78 मिलियन है।
  9. इसमें से 79 मिलियन मवेशी हैं, जो इस योजना के प्रभाव क्षेत्र को दर्शाता है।
  10. इसका उद्देश्य आर्थिक नुकसान को कम करना और ग्रामीण उत्पादकता बढ़ाना है।
  11. सस्ती दरों पर जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
  12. योजना में पारंपरिक ज्ञान पर आधारित पारंपरिक पशु औषधीय निर्माण (Ethnoveterinary formulations) शामिल हैं।
  13. ये औषधीय निर्माण राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा पहचाने गए हैं।
  14. दवाएं बुखार, संक्रमण, परजीवी संक्रमण और घाव देखभाल को कवर करेंगी।
  15. रिटेल मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की स्थानीय उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करता है।
  16. यह पहल पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर दूध उत्पादन और किसान की आय में वृद्धि करती है।
  17. यह पारंपरिक और आधुनिक पशु चिकित्सा विज्ञान के समन्वय को सुनिश्चित करती है।
  18. पशु औषधि पहल से किसानों के पशु स्वास्थ्य पर खर्च में कमी आने की उम्मीद है।
  19. यह योजना डेयरी, पोल्ट्री और कृषि कार्य में लगे पशुओं के परिणामों को सुधारने में सहायक होगी।
  20. यह भारत की कृषि और ग्रामीण विकास नीति के ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

Q1. पशु औषधि योजना किस प्रमुख कार्यक्रम के तहत लागू की जा रही है?


Q2. वर्ष 2024–26 के लिए पशु औषधि घटक के तहत कुल कितनी राशि आवंटित की गई है?


Q3. 20वीं पशुधन जनगणना (2019) के अनुसार भारत में कुल पशुधन जनसंख्या कितनी है?


Q4. पशु औषधि योजना में किस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को शामिल किया गया है?


Q5. पशु औषधि योजना के तहत मुख्य रूप से किन बीमारियों को लक्षित किया गया है?


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