जुलाई 19, 2025 12:25 अपराह्न

भोपाल में भीख मांगने पर प्रतिबंध: कानूनी और सामाजिक सवाल उठे

करेंट अफेयर्स: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, बीएनएसएस धारा 163, भोपाल इंदौर में भीख मांगने पर प्रतिबंध, बॉम्बे भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1959, भारतीय न्याय संहिता धारा 223, भारत में भीख मांगने को अपराध से मुक्त करना, दिल्ली उच्च न्यायालय का भीख मांगने का फैसला, सामाजिक न्याय मंत्रालय 2020 भिक्षा मुक्ति अभियान, निराश्रित व्यक्ति मॉडल विधेयक 2016, भारत में भीख मांगने से संबंधित कानून 2025

Bhopal Enforces Begging Ban: Legal and Social Questions Emerge

भोपाल में सार्वजनिक स्थानों पर भीख पर प्रतिबंध लागू

भोपाल के जिलाधिकारी द्वारा हाल ही में सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय इंदौर में पहले लागू किए गए आदेश के बाद आया है, जिससे मध्य प्रदेश में यह एक क्षेत्रीय प्रवृत्ति बनती दिख रही है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है, जो अधिकारियों को सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा पहुँचाने वाली स्थितियों में तुरंत कार्रवाई का अधिकार देता है।

यह प्रतिबंध ट्रैफिक सिग्नल, बाज़ार, मंदिरों जैसे स्थानों पर भीख मांगने से रोकता है। उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

कानूनी आधार: किस प्रावधान का उपयोग?

BNSS 2023 की धारा 163 अधिकारियों को ऐसे कार्यों पर रोक लगाने की अनुमति देती है जो सार्वजनिक स्थानों पर अव्यवस्था या खतरा उत्पन्न करते हैं। यह कानून पुराने CrPC प्रावधानों का स्थान लेता है और प्रशासन को अधिक त्वरित शक्ति प्रदान करता है।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि गरीबी को अपराध मानना संविधान के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध हो सकता है, विशेषकर तब जब भीख मांगने के लिए कोई केंद्रीय कानून मौजूद नहीं है। बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट, 1959 जैसे उपनिवेशकालीन कानून आज भी कई राज्यों में लागू हैं।

ऐतिहासिक और न्यायिक संदर्भ

1959 का बॉम्बे भीख अधिनियम शहरी क्षेत्रों को “स्वच्छ” बनाने के उद्देश्य से बना था, जिसमें भिखारियों को असीमित समय तक हिरासत में रखने का प्रावधान था। 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसे अमान्य करार देते हुए कहा कि भीख अपराध नहीं, बल्कि आर्थिक असमानता और अभाव का संकेत है।

हालांकि इस निर्णय ने केवल दिल्ली क्षेत्र को प्रभावित किया, देशभर में भीख मांगने को पूरी तरह अपराधमुक्त नहीं किया गया। बच्चों और जबरन भीख मंगवाने के मामलों पर अभी भी कठोर कानून लागू हैं।

वर्तमान कानूनी स्थिति और चुनौतियाँ

भारत में आज भी एकीकृत राष्ट्रीय नीति की कमी है। दिल्ली जैसे कुछ क्षेत्रों ने भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से हटाया है, जबकि अन्य राज्य अभी भी दंडात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं। इससे राज्यों में कानूनी असंगतियाँ पैदा होती हैं।

इसके अलावा, बेघर और मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए बनी सहायता योजनाओं का क्रियान्वयन भी बेहद सीमित है, और अधिकतर नीतियाँ दंड पर आधारित हैं, न कि पुनर्वास पर

सामाजिक प्रभाव और मानवाधिकार चिंताएं

सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार समूहों का मानना है कि भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह बेघरपन, बेरोजगारी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को और उपेक्षित करता है।

2016 के “Persons in Destitution (Protection, Care and Rehabilitation) Model Bill” जैसे विधेयक पुनर्वास आधारित समाधान प्रदान करते हैं—जैसे आश्रय गृह, कौशल प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाएं।

2020 में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 10 शहरों में भीखमुक्त क्षेत्र बनाने के लिए पायलट योजना शुरू की थी, लेकिन मौजूदा प्रतिबंध बताते हैं कि नियमन की गति, सहानुभूति से आगे निकल गई है

स्टैटिक GK स्नैपशॉट: भारत में भीख संबंधित कानून

विषय विवरण
प्रभावी कानून (प्रतिबंध का आधार) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 – धारा 163
दंडात्मक प्रावधान भारतीय न्याय संहिता (BNS), धारा 223
भारत का पहला भीख निषेध कानून बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट, 1959
प्रमुख न्यायिक निर्णय 2018 – दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में भीख अपराध नहीं माना
पुनर्वास मॉडल कानून 2016 – Persons in Destitution (Protection, Care and Rehabilitation) Bill
केंद्रीय सामाजिक पहल 2020 – सामाजिक न्याय मंत्रालय की “भीख मुक्त क्षेत्र” योजना
हाल ही में प्रतिबंध लगाने वाले शहर भोपाल, इंदौर
कानूनी ढांचे की प्रकृति कोई केंद्रीय कानून नहीं; राज्यवार कानून 1959 अधिनियम पर आधारित
Bhopal Enforces Begging Ban: Legal and Social Questions Emerge
  1. भोपाल में सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने पर BNSS 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाया गया।
  2. यह इंदौर में पहले लागू प्रतिबंध के बाद आया, जो मध्य प्रदेश में एक प्रवृत्ति दर्शाता है।
  3. उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत सजा दी जा सकती है।
  4. प्रतिबंध ट्रैफिक सिग्नल, बाज़ारों और मंदिरों जैसे स्थानों पर लागू होता है।
  5. BNSS 2023 जिला मजिस्ट्रेट को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है।
  6. यह प्रतिबंध गरीबी को अपराध मानने बनाम सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की बहस को जन्म देता है।
  7. अधिकांश राज्य आज भी बंबई भिक्षावृत्ति रोकथाम अधिनियम 1959 का उपयोग करते हैं।
  8. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में इस अधिनियम के कई प्रावधानों को रद्द कर भीख को अपराध मानने से इनकार किया।
  9. कोर्ट ने कहा, भीख मांगना गरीबी का लक्षण है, अपराध नहीं
  10. पर्सन्स इन डेस्टिट्यूशन मॉडल बिल 2016″ भिखारियों के लिए गैरदंडात्मक पुनर्वास का प्रस्ताव रखता है।
  11. सामाजिक न्याय मंत्रालय की 2020 योजना ने “भीख-मुक्त क्षेत्र” अभियान चलाया।
  12. बावजूद इसके, भीख पर कोई केंद्रीकृत राष्ट्रीय कानून नहीं है।
  13. धारा 223 सार्वजनिक उपद्रव के लिए कैद और जुर्माने का प्रावधान देती है।
  14. कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे प्रतिबंध संविधान में प्रदत्त गरीबों के अधिकारों का उल्लंघन कर सकते हैं।
  15. भीख पर प्रतिबंध अक्सर बेघरपन, बेरोजगारी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा करते हैं।
  16. सामाजिक कार्यकर्ता पुनर्वास की मांग करते हैं, अपराधीकरण की नहीं
  17. बच्चों को शामिल कर जबरन भीख मंगवाना अन्य अलग कानूनों के तहत दंडनीय है।
  18. ऐसे प्रतिबंध वेलफेयर और प्रवर्तन के बीच की नीतिगत दूरी को दर्शाते हैं।
  19. भारत में भीख से संबंधित कानून राज्यविशिष्ट और बिखरे हुए हैं, जिससे असंगत कानूनी स्थिति बनती है।
  20. यदि यह निर्देश मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना गया, तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

Q1. भोपाल में भिक्षावृत्ति पर किस नए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया गया है?


Q2. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की किस धारा में सार्वजनिक आदेशों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है?


Q3. 2018 के ऐतिहासिक निर्णय में किस उच्च न्यायालय ने भिक्षावृत्ति को अपराध की श्रेणी से हटाया था?


Q4. निराश्रितों के पुनर्वास हेतु प्रस्तावित मॉडल कानून का नाम क्या है?


Q5. मध्य प्रदेश के किन दो शहरों में हाल ही में सार्वजनिक भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगाया गया है?


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Daily Current Affairs February 7

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