तमिलनाडु की ऐतिहासिक आर्थिक छलांग
2024–25 में तमिलनाडु ने 9.69% की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर के साथ भारत का सबसे तेज़ी से बढ़ता राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह पिछले एक दशक की सर्वोच्च वृद्धि है और यह संकेत देती है कि राज्य की अर्थव्यवस्था महामारी जैसे झटकों से उबरकर अब मजबूती से आगे बढ़ रही है। नाममात्र वृद्धि दर 14.02% तक पहुँची, जबकि वास्तविक वृद्धि मुद्रास्फीति को हटा कर दी गई है—जिससे यह आंकड़ा विकास की सच्ची तस्वीर दर्शाता है।
आंकड़े क्या कहते हैं?
तमिलनाडु की राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 2023–24 में ₹15.71 लाख करोड़ से बढ़कर 2024–25 में ₹17.23 लाख करोड़ (2011–12 की स्थिर कीमतों पर) हो गई। तुलना करें तो, 2017–18 में यह वृद्धि 8.59% थी, और 2020–21 में कोविड के कारण केवल 0.07% रही। मौजूदा विकास दर राज्य की दीर्घकालिक स्थिरता और कुशल प्रशासन को दर्शाती है।
सेवा क्षेत्र बना विकास की रीढ़
सेवा क्षेत्र (Tertiary Sector) ने इस वर्ष की वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान दिया, 12.7% की वृद्धि के साथ। रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेवाओं में 13.6%, संचार और प्रसारण में 13% और व्यापार, होटल व रेस्तरां में 11.7% की वृद्धि दर्ज की गई। आज सेवाएँ तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था का 53% हिस्सा हैं और शहरी व ग्रामीण रोजगार का बड़ा स्रोत भी।
निर्माण और विनिर्माण क्षेत्रों की मजबूती
माध्यमिक क्षेत्र (Secondary Sector) में भी 9% की प्रभावशाली वृद्धि हुई। निर्माण क्षेत्र में 10.6%, और विनिर्माण क्षेत्र में 8% की वृद्धि देखी गई। यह औद्योगिक गतिविधि और अधोसंरचना विकास का स्पष्ट संकेत है। यह क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग 37% का योगदान देता है।
कृषि क्षेत्र में हल्का प्रदर्शन
कुल वृद्धि सकारात्मक होने के बावजूद, प्राथमिक क्षेत्र की वृद्धि केवल 0.15% रही। इसका मुख्य कारण फसल उत्पादन में -5.93% की गिरावट है। हालांकि, पशुपालन क्षेत्र में 3.84% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे गिरावट का प्रभाव कुछ हद तक संतुलित हुआ। यह स्पष्ट करता है कि जलवायु और लागत कारकों के कारण खेती प्रभावित हुई है।
आगे की राह: 2032 तक $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था?
मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉ. के.आर. शन्मुगम का मानना है कि यदि तमिलनाडु यही गति बनाए रखे, तो यह 2032–33 तक $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन सकता है। उनका आकलन है कि हर क्षेत्र में 0.5% अतिरिक्त वृद्धि दर्ज हो तो 2025–26 में 10.7% वास्तविक वृद्धि संभव है। राज्य बजट पहले ही 14.5% नाममात्र वृद्धि का अनुमान जता चुका है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
विषय | विवरण |
वास्तविक वृद्धि दर (2024–25) | 9.69% (भारत में सबसे अधिक) |
नाममात्र वृद्धि दर | 14.02% |
जीएसडीपी 2023–24 | ₹15.71 लाख करोड़ |
जीएसडीपी 2024–25 | ₹17.23 लाख करोड़ |
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र | तृतीयक (सेवाएँ) – 12.7% वृद्धि |
सबसे कमज़ोर क्षेत्र | प्राथमिक क्षेत्र – केवल 0.15% वृद्धि |
फसल उत्पादन वृद्धि | -5.93% |
विशेषज्ञ पूर्वानुमान | $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक 2032–33 (डॉ. शन्मुगम) |
परीक्षा प्रासंगिकता | UPSC, TNPSC, SSC, Banking |