दिसम्बर 31, 2025 6:34 अपराह्न

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की शताब्दी

समसामयिक मामले: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, कानपुर कम्युनिस्ट सम्मेलन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, एम.एन. रॉय, भूमि सुधार, ट्रेड यूनियन आंदोलन, संविधान सभा, सामाजिक न्याय, वामपंथी राजनीति

Centenary of the Communist Party of India

उत्पत्ति और वैचारिक नींव

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) 1925 में अपनी औपचारिक स्थापना के 100 साल पूरे कर रही है, जिससे यह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टियों में से एक बन गई है। इसका उदय ऐसे समय में हुआ जब 1917 की रूसी क्रांति के बाद क्रांतिकारी विचार विश्व स्तर पर फैल रहे थे।

CPI की सबसे शुरुआती जड़ें 1920 में खोजी जा सकती हैं, जब एम.एन. रॉय, मोहम्मद अली, एम.पी.टी. आचार्य और मोहम्मद शफीक जैसे भारतीय क्रांतिकारी ताशकंद में मिले थे। इस बैठक ने निर्वासन में पार्टी के गठन को चिह्नित किया और शुरुआती भारतीय साम्यवाद के अंतर्राष्ट्रीय चरित्र को दर्शाया।

स्टेटिक जीके तथ्य: 20वीं सदी की शुरुआत में औपनिवेशिक राष्ट्रवादियों के बीच क्रांतिकारी राजनीतिक गतिविधि के लिए ताशकंद एक प्रमुख केंद्र था।

कानपुर में औपचारिक स्थापना

CPI की औपचारिक स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर कम्युनिस्ट सम्मेलन में हुई थी। इस सम्मेलन ने ब्रिटिश भारत में काम कर रहे बिखरे हुए कम्युनिस्ट समूहों को एक अखिल भारतीय संगठन में एकजुट किया।

सिंगारवेलु चेट्टियार CPI के पहले अध्यक्ष बने। एस.वी. घाटे और जे.पी. बगरहट्टा ने पहले महासचिव के रूप में कार्य किया, जिससे पार्टी का संगठनात्मक ढांचा तैयार हुआ।

स्टेटिक जीके टिप: कानपुर एक औद्योगिक केंद्र था, जिससे यह शुरुआती मजदूर आंदोलनों के लिए एक स्वाभाविक केंद्र बन गया।

नेतृत्व और संगठनात्मक विस्तार

दशकों से, CPI नेतृत्व में एस.ए. डांगे, ई.एम.एस. नंबूदरीपाद, पी.सी. जोशी, ए.के. गोपालन, पी. सुंदरैया और अजय घोष जैसे व्यक्ति शामिल थे। एवलिन ट्रेंट-रॉय और रोजा फिटिंगोव सहित कई महिला क्रांतिकारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पार्टी ने मजदूरों, किसानों, छात्रों और महिलाओं के बीच मजबूत जन संगठनों का निर्माण करके अपना प्रभाव बढ़ाया। इस दृष्टिकोण ने CPI को ग्रामीण और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों में पैठ बनाने में मदद की।

स्टेटिक जीके तथ्य: अंतर-युद्ध काल के दौरान दुनिया भर में कम्युनिस्ट आंदोलनों की जन संगठन एक मुख्य रणनीति थी।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

CPI ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जन लामबंदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने मजदूरों और किसानों को इकट्ठा करने के लिए ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) और ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) जैसे संगठनों के ज़रिए काम किया।

पार्टी ने लगातार ज़मीन के अधिकारों, न्यूनतम मज़दूरी और सामूहिक सौदेबाजी की वकालत की, जिससे आर्थिक मुद्दे राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हुए। CPI के कार्यकर्ता हड़तालों, किसान विद्रोहों और साम्राज्यवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय थे।

स्टैटिक GK टिप: 1920 में स्थापित AITUC, भारत के सबसे पुराने ट्रेड यूनियन फेडरेशनों में से एक है।

सामाजिक सुधार और केरल का अनुभव

CPI ने दलित अधिकारों, लैंगिक समानता और हिंदू-मुस्लिम एकता का ज़ोरदार समर्थन किया। इसने जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक राजनीति का विरोध किया, ऐसे समय में जब सामाजिक सुधार राजनीतिक स्वतंत्रता से अलग नहीं था।

केरल में, ए.के. गोपालन और पी. कृष्णा पिल्लई जैसे नेताओं ने गुरुवायूर सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जिसमें दलित जातियों के लिए मंदिर में प्रवेश की मांग की गई। इसने कम्युनिस्ट आंदोलन को सामाजिक न्याय के संघर्षों से जोड़ा।

स्टैटिक GK तथ्य: केरल बाद में 1957 में लोकतांत्रिक रूप से कम्युनिस्ट सरकार चुनने वाला दुनिया का पहला राज्य बना।

संवैधानिक दृष्टिकोण और पूर्ण स्वराज

CPI उन शुरुआती राजनीतिक ताकतों में से थी जिसने पूर्ण स्वराज की मांग की। इसने 1921 और 1922 में INC सत्रों में अपने घोषणापत्रों में यह मांग उठाई, जो 1929 में लाहौर में इसे औपचारिक रूप से अपनाने से कई साल पहले था।

एम.एन. रॉय ने 1934 में एक मसौदा संविधान प्रस्तावित किया और भारत के भविष्य के शासन को बनाने के लिए एक संविधान सभा के लिए तर्क दिया। इस संवैधानिक दृष्टिकोण ने लोकतंत्र और अधिकारों पर बाद की बहसों को प्रभावित किया।

स्टैटिक GK टिप: संविधान सभा का विचार भारत में आधिकारिक तौर पर 1940 के दशक में ही स्वीकार किया गया।

स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
CPI की स्थापना का वर्ष 1925
औपचारिक स्थापना का स्थान कानपुर
CPI की उत्पत्ति 1920 में ताशकंद बैठक
CPI के प्रथम अध्यक्ष Singaravelu Chettiar
जन-संगठन All India Trade Union Congress (AITUC), All India Kisan Sabha (AIKS)
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका श्रमिकों और किसानों का व्यापक संगठन
सामाजिक सुधार फोकस जाति-विरोधी और सांप्रदायिकता-विरोधी आंदोलन
संवैधानिक योगदान संविधान सभा की माँग
Centenary of the Communist Party of India
  1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) 1925 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रही है।
  2. CPI भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टियों में से एक है।
  3. इसकी वैचारिक जड़ें 1917 की रूसी क्रांति के बाद उभरीं
  4. CPI का प्रारंभिक गठन 1920 में ताशकंद में हुआ था।
  5. एम.एन. रॉय और अन्य नेताओं ने निर्वासन में पार्टी की रचना की।
  6. CPI की औपचारिक स्थापना कानपुर कम्युनिस्ट सम्मेलन में हुई।
  7. यह सम्मेलन 26 दिसंबर 1925 को आयोजित हुआ था।
  8. सिंगारवेलु चेट्टियार पहले CPI अध्यक्ष बने।
  9. CPI का विस्तार मजदूरों और किसानों के जन संगठनों के माध्यम से हुआ।
  10. AITUC और AIKS प्रमुख लामबंदी मंच थे।
  11. CPI ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई।
  12. पार्टी ने भूमि सुधारों और श्रम अधिकारों का समर्थन किया।
  13. CPI ने जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक राजनीति का विरोध किया।
  14. पार्टी नेताओं ने दलित अधिकारों और लैंगिक समानता का समर्थन किया।
  15. केरल में 1957 में दुनिया की पहली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार बनी।
  16. CPI ने INC द्वारा अपनाने से पहले ही पूर्ण स्वराज की मांग की थी।
  17. एम.एन. रॉय ने 1934 में एक मसौदा संविधान प्रस्तावित किया।
  18. CPI ने संविधान सभा के विचार का समर्थन किया।
  19. पार्टी ने संवैधानिक और लोकतांत्रिक बहसों को प्रभावित किया।
  20. CPI आज भी भारत की वामपंथी राजनीतिक परंपरा में एक प्रमुख शक्ति बनी हुई है।

Q1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की औपचारिक स्थापना किस वर्ष हुई थी?


Q2. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की औपचारिक स्थापना कहाँ हुई थी?


Q3. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पहले अध्यक्ष कौन बने?


Q4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की प्रारंभिक जड़ें भारत के बाहर किस शहर से जुड़ी हैं?


Q5. किस जनसंगठन ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के श्रमिक आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?


Your Score: 0

Current Affairs PDF December 31

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.