महिलाएं ले रही हैं अपने वित्तीय भविष्य की बागडोर
भारत में वित्तीय परिदृश्य में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है—और इस परिवर्तन की अगुआई महिलाएं कर रही हैं। नीति आयोग की 2025 रिपोर्ट “From Borrowers to Builders” के अनुसार, 2024 के अंत तक 2.7 करोड़ महिलाएं सक्रिय रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी कर रही थीं, जो कि 2023 की तुलना में 42% की वृद्धि है। यह आंकड़े महिला वित्तीय जागरूकता और आत्मविश्वास में हो रही प्रगति को दर्शाते हैं।
ग्रामीण भारत में तेज़ी से बढ़ रही है भागीदारी
रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि 60% महिला उधारकर्ता ग्रामीण और अर्ध–शहरी क्षेत्रों से आती हैं। 2019 से 2024 के बीच, महिलाओं की क्रेडिट से जुड़ी गतिविधियों में भागीदारी तीन गुना हो गई है। अब महिलाएं केवल घरेलू खर्चों के लिए नहीं, बल्कि कृषि, संपत्ति और व्यवसाय के लिए भी ऋण ले रही हैं।
क्रेडिट स्कोर ट्रैकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि
दिसंबर 2024 तक, 19.43% महिला उधारकर्ता सक्रिय रूप से क्रेडिट स्कोर की निगरानी कर रही थीं, जो 2023 में 17.89% थी। गैर–मेट्रो क्षेत्रों में 48% की वृद्धि देखी गई, जो मेट्रो शहरों के 30% से कहीं अधिक है। यह दर्शाता है कि वित्तीय साक्षरता अभियानों का प्रभाव ग्रामीण और छोटे शहरों में अधिक है।
दक्षिण भारत आगे, मध्य भारत पकड़ बना रहा है
पांच राज्य—महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना—मिलकर देश की लगभग आधी महिला क्रेडिट स्कोर मॉनिटरिंग का प्रतिनिधित्व करते हैं। दक्षिण भारत में 10.2 मिलियन महिलाएं सक्रिय क्रेडिट प्रबंधन कर रही हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य तेजी से उभर रहे हैं, जो व्यापक भौगोलिक वित्तीय समावेशन की ओर संकेत करता है।
विकासोन्मुख ऋणों की ओर महिलाओं का रुझान
2024 में महिलाओं द्वारा लिए गए ऋणों में से 36% संपत्ति के लिए, 26% कृषि के लिए, और 25% व्यवसाय के लिए थे। 2019 से अब तक महिला व्यापार ऋणों में 14% की वृद्धि हुई है और अब भारत के 35% व्यापारिक उधारकर्ता महिलाएं हैं। यह रुझान महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और उद्देश्यपूर्ण निवेश को दर्शाता है।
युवा महिलाओं के लिए अवसर और चुनौतियाँ
हालांकि प्रगति हो रही है, 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं की भागीदारी केवल 27% है। गिरवी की शर्तें, वित्तीय साक्षरता की कमी, और लैंगिक पक्षपात अब भी बड़ी बाधाएं हैं। रिपोर्ट में युवाओं के लिए विशेष वित्तीय टूल और जागरूकता कार्यक्रमों की सिफारिश की गई है।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | विवरण |
रिपोर्ट का नाम | From Borrowers to Builders |
जारीकर्ता | नीति आयोग |
प्रकाशन तिथि | 4 मार्च 2025 |
क्रेडिट स्कोर ट्रैकिंग करने वाली महिलाएं | 2.7 करोड़ (2024 में 42% वृद्धि) |
व्यापारिक ऋण लेने वाली महिलाएं | 35% (2019 से 14% वृद्धि) |
प्रमुख राज्य | महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना |
ग्रामीण भागीदारी दर | 60% |
पहल | Financing Women Collaborative |
संभावित रोजगार सृजन | 17 करोड़ तक महिलाओं के उद्यम से |