जुलाई 20, 2025 12:20 पूर्वाह्न

मातृ-शिशु संक्रमणों से लड़ने के लिए पश्चिम बंगाल की ‘ट्रिपल एलिमिनेशन’ पहल

समसामयिक मामले: पश्चिम बंगाल ने मातृ-शिशु संक्रमणों से निपटने के लिए ‘ट्रिपल एलिमिनेशन’ पहल शुरू की, पश्चिम बंगाल ट्रिपल एलिमिनेशन 2025, माँ से बच्चे में एचआईवी संचरण भारत, गर्भवती महिलाओं में हेपेटाइटिस बी, डब्ल्यूएचओ एचआईवी सिफलिस उन्मूलन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भारत, नाको मातृ स्वास्थ्य

West Bengal Launches ‘Triple Elimination’ Initiative to Combat Maternal-Child Infections

मातृ संक्रमणों के खिलाफ एकीकृत लड़ाई

पश्चिम बंगाल, भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने ट्रिपल एलिमिनेशन’ (त्रिगुण उन्मूलन) कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य HIV, सिफिलिस और हेपेटाइटिस बी को माताओं से नवजात शिशुओं में स्थानांतरित होने से रोकना है। यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विलियम जे. क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है। यह कार्यक्रम बीमारीकेंद्रित उपायों की जगह एक समन्वित, स्क्रीनिंग और समय पर उपचार आधारित मॉडल को अपनाता है।

स्क्रीनिंग और संस्थागत प्रसव अनिवार्य

इस कार्यक्रम के तहत सभी गर्भवती महिलाओं की एंटीनेटल पीरियड के दौरान HIV, सिफिलिस और हेपेटाइटिस बी के लिए जांच की जाती है। पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें तत्काल उपचार और परामर्श दिया जाता है, और प्रसव केवल संस्थागत सुविधाओं में ही कराए जाते हैं। हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव माताओं के शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के भीतरजीरो डोज वैक्सीनऔर HBIG इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

विकेंद्रीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच

स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए, सिफिलिस जांच सेवाओं को जिला अस्पतालों से ब्लॉक स्तर तक स्थानांतरित किया गया है। अब HIV और हेपेटाइटिस बी से ग्रसित माताओं का प्रसव भी ब्लॉक स्तर पर संभव है। यह स्थानीय मॉडल यात्रा बाधाओं को कम करता है, प्रतिक्रिया समय बेहतर बनाता है, और सामुदायिक स्तर पर देखभाल को सामान्य कर कलंक को घटाता है।

पायलट प्रोजेक्ट से राज्यव्यापी विस्तार

यह कार्यक्रम अप्रैल 2024 में चार जिलों (कूचबिहार, रामपुरहाट, दक्षिण 24 परगना और डायमंड हार्बर) में पायलट रूप में शुरू किया गया था। शुरुआती सफलता के बाद, मार्च 2025 तक इसे पश्चिम बंगाल के सभी 23 जिलों में लागू कर दिया गया है। राज्य टास्क फोर्स और तकनीकी सलाहकार समूह इसकी निगरानी कर रहे हैं, जिससे वैज्ञानिक कठोरता और सेवा गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।

राष्ट्रीय मॉडल बनने की संभावना

स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ट्रिपल एलिमिनेशन पहल देशव्यापी मॉडल के रूप में अपनाई जा सकती है। NACO और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समर्थन से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत 2026–2030 तक HIV, सिफिलिस और हेपेटाइटिस बी के मातृशिशु संक्रमण का उन्मूलन कर सकता है। पश्चिम बंगाल की सफलता नीतिगत समन्वय और लक्ष्ययुक्त स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शक्ति को दर्शाती है।

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विषय विवरण
पहल का नाम ट्रिपल एलिमिनेशन पहल
लागू करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल
किसके सहयोग से शुरू WHO, विलियम जे. क्लिंटन फाउंडेशन
पायलट प्रोजेक्ट शुरू अप्रैल 2024 (4 जिले)
राज्यव्यापी विस्तार मार्च 2025 (23 जिले)
लक्षित बीमारियाँ HIV, सिफिलिस, हेपेटाइटिस B (मातृ-से-शिशु संक्रमण)
नवजात हस्तक्षेप हेपेटाइटिस बी जीरो डोज + HBIG (24 घंटे में)
निगरानी संस्था राज्य टास्क फोर्स, तकनीकी सलाहकार समूह
राष्ट्रीय सहयोगी NACO, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
दीर्घकालिक लक्ष्य 2026–30 तक मातृ-शिशु संक्रमण का उन्मूलन
West Bengal Launches ‘Triple Elimination’ Initiative to Combat Maternal-Child Infections
  1. पश्चिम बंगाल 2025 मेंट्रिपल एलिमिनेशनपहल शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य बना।
  2. यह कार्यक्रम एचआईवी, सिफिलिस और हेपेटाइटिस बी के माँ से बच्चे में संक्रमण को रोकने को लक्षित करता है।
  3. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विलियम जे. क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से शुरू किया गया।
  4. यह रणनीति गर्भावस्था के दौरान स्क्रीनिंग और उपचार को एकीकृत करती है
  5. सभी गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच के दौरान तीनों संक्रमणों की जांच की जाती है।
  6. संक्रमित मामलों को तत्काल उपचार और परामर्श प्रदान किया जाता है
  7. संक्रमित महिलाओं का प्रसव केवल संस्थागत स्वास्थ्य केंद्रों में कराया जाता है
  8. हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव माताओं के नवजातों को 24 घंटे के भीतर जीरो डोज वैक्सीन और HBIG इंजेक्शन दिया जाता है।
  9. यह संयोजन पेरिनेटल (जन्म के समय) संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम कर देता है।
  10. सिफिलिस के इलाज को ब्लॉकस्तरीय अस्पतालों तक विकेंद्रीकृत किया गया है।
  11. अब एचआईवी और हेपेटाइटिस बी के मामले भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रबंधित किए जा रहे हैं।
  12. यह स्थानीय मॉडल पहुंच को बढ़ाता है और सामाजिक कलंक को कम करता है।
  13. कार्यक्रम का पायलट अप्रैल 2024 में कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना सहित चार जिलों में शुरू किया गया था।
  14. मार्च 2025 तक यह पहल पूरे पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में विस्तारित की गई।
  15. निगरानी के लिए राज्य टास्क फोर्स और एक तकनीकी सलाहकार समूह का गठन किया गया।
  16. यह पहल NACO और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा समर्थित है।
  17. यह मातृ और बाल स्वास्थ्य सेवाओं के समन्वित प्रबंधन को बढ़ावा देती है।
  18. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने योग्य मॉडल मानते हैं।
  19. दीर्घकालिक लक्ष्य 2030 तक एचआईवी, सिफिलिस और हेपेटाइटिस बी के जन्म के समय संक्रमण को समाप्त करना है।
  20. पश्चिम बंगाल की यह पहल वैज्ञानिक योजना और एकीकृत रोग नियंत्रण नीति का आदर्श उदाहरण है।

 

Q1. किस राज्य ने मां से बच्चे में संक्रमण की रोकथाम के लिए 'ट्रिपल एलिमिनेशन' पहल शुरू की?


Q2. 'ट्रिपल एलिमिनेशन' पहल किन तीन संक्रमणों को समाप्त करने का लक्ष्य रखती है?


Q3. हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव माताओं से जन्मे नवजात शिशुओं को कौन-सा मुख्य हस्तक्षेप दिया जाता है?


Q4. पश्चिम बंगाल में 'ट्रिपल एलिमिनेशन' पहल पहली बार कब शुरू की गई थी?


Q5. पश्चिम बंगाल में 'ट्रिपल एलिमिनेशन' पहल की निगरानी करने वाले दो प्रमुख स्वास्थ्य निकाय कौन-से हैं?


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