3 मार्च को प्रकृति की विविधता का उत्सव
हर साल 3 मार्च को दुनियाभर में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है ताकि जंगली पौधों और जानवरों के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। जैसे-जैसे पृथ्वी एक गंभीर विलुप्तिकरण संकट का सामना कर रही है, यह दिन जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा के लिए वैश्विक आह्वान बन गया है। करोड़ों प्रजातियाँ संकट में हैं, इसलिए यह संदेश पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।
2025 का विषय: संरक्षण के लिए वित्तीय समाधान
इस वर्ष का विषय है “वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और ग्रह में निवेश“। यह थीम दर्शाती है कि कैसे वित्तीय रणनीतियाँ संरक्षण प्रयासों को मजबूती प्रदान कर सकती हैं। यह सरकारों, व्यवसायों और नागरिक समाज को प्रेरित करती है कि वे ऐसे कार्यक्रमों में संसाधन लगाएँ जो प्रकृति और स्थानीय समुदायों दोनों को लाभ पहुँचाते हों।
इस दिन की स्थापना कैसे हुई?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में घोषित किया था। पहली बार यह दिन 2014 में मनाया गया। यह तारीख 1973 में हस्ताक्षरित CITES संधि की वर्षगांठ को दर्शाती है, जो संकटग्रस्त वनस्पतियों और जीवों के व्यापार को नियंत्रित करने वाली एक वैश्विक संधि है।
संकटग्रस्त वन्यजीवों के लिए CITES का कानूनी कवच
CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) आज 184 देशों द्वारा हस्ताक्षरित एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संरक्षण संधि है। यह वर्तमान में 38,000 से अधिक प्रजातियों के व्यापार को नियंत्रित करती है और अवैध शिकार और व्यापार को रोकने में मदद करती है। यह संधि वन्यजीवों की सतत सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार बन चुकी है।
जागरूकता अभियान और वैश्विक भागीदारी
इस अवसर पर शिक्षण कार्यक्रम, नीतिगत सेमिनार, विद्यालय गतिविधियाँ, और सामुदायिक रैलियाँ आयोजित की जाती हैं। सोशल मीडिया पर #WorldWildlifeDay2025 और #InvestInNature जैसे हैशटैग से अभियान को बढ़ावा दिया जाता है। विद्यार्थी, कार्यकर्ता और सरकारें इस संवाद में हिस्सा लेते हैं।
वन्यजीवों के लिए फंडिंग क्यों ज़रूरी है?
संरक्षण के किसी भी प्रयास के लिए निरंतर वित्तीय सहायता आवश्यक है। एंटी–पॉचिंग गश्त, आवास पुनर्बहाली, और प्रवासन गलियारे जैसे सभी प्रयासों को स्थिर धन स्रोतों की जरूरत होती है। भारत में बाघ और हाथी संरक्षण जैसे कार्यक्रमों को करोड़ों रुपयों की वार्षिक निवेश की आवश्यकता होती है।
भविष्य के संरक्षण के लिए वित्त पोषण के नए मॉडल
अब ग्रीन बॉन्ड, इको–टूरिज्म आय, और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के ज़रिये वित्तीय सहायता बढ़ाई जा रही है। सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) और सरकार–समर्थित फंड भी एक प्राकृतिक–अर्थव्यवस्था आधारित भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | विवरण |
मनाने की तारीख | 3 मार्च (हर वर्ष) |
2025 की थीम | Wildlife Conservation Finance: Investing in People and Planet |
घोषित किया | संयुक्त राष्ट्र महासभा, 2013 |
पहली बार मनाया गया | 2014 |
CITES पर हस्ताक्षर | 3 मार्च, 1973 |
CITES का पूर्ण रूप | Convention on International Trade in Endangered Species |
संरक्षित प्रजातियाँ | 38,000+ वनस्पतियाँ और जीव |
CITES सदस्य देश | 184 |
भारत की पहल | बाघ अभयारण्य, हाथी गलियारे, आवास संरक्षण |
प्रमुख हैशटैग | #WorldWildlifeDay2025, #FinanceForWildlife, #InvestInNature |