देवराय प्रथम के राज्याभिषेक अभिलेखों की पुनः खोज
1406 ईस्वी में देवराय प्रथम के राज्याभिषेक के दौरान जारी की गई ताम्रपट्टियाँ, हाल ही में खोजी गई हैं। ये पट्टियाँ संस्कृत, कन्नड़ और नागरी लिपियों में अंकित हैं। विशेष बात यह है कि इनमें परंपरागत वराह चिह्न के बजाय वामन की राजमुद्रा दिखाई देती है, जो विजयनगर साम्राज्य की चिह्न परंपरा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
संगम वंश की वंशावली और ग्राम दान की जानकारी
ताम्रपट्टियों में देवराय प्रथम और उनके पांच पुत्रों का उल्लेख है, जिससे संगम वंश की वंशानुक्रमिक निरंतरता की पुष्टि होती है। इसमें गुडीपल्ली ग्राम को ब्राह्मणों को दान में देने की जानकारी भी मिलती है, जो उस युग की वैदिक संस्थागत व्यवस्था को दर्शाता है। दान में गोत्र आधारित वर्गीकरण और सीमा निर्धारण जैसी बातें कन्नड़ भाषा में दर्ज हैं, जो विजयनगर के उच्च प्रशासनिक स्तर को दर्शाता है।
सांस्कृतिक उत्थान और वास्तु संरक्षण
देवराय प्रथम के शासनकाल में कन्नड़ साहित्य और मंदिर वास्तुकला का खूब विकास हुआ। उनके दरबार में मधुरा जैसे कवियों को संरक्षण मिला, जिन्होंने जैन साहित्य में योगदान दिया। हज़ारे राम मंदिर, जो उनके शासन में बना, रामायण की दृश्यों से सुसज्जित दक्कन शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
सिंचाई और नगर विकास की इंजीनियरिंग उपलब्धियाँ
देवराय प्रथम ने राजधानी की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तुङ्गभद्रा नदी पर एक बांध और 25 किलोमीटर लंबी जल नहर का निर्माण करवाया। इन परियोजनाओं ने विजयनगर को 15वीं सदी के सबसे सुनियोजित नगरों में से एक बना दिया और उनके दूरदर्शी नगर प्रबंधन दृष्टिकोण को उजागर किया।
सैन्य रणनीति और कूटनीतिक विस्तार
अपनी शक्ति को मज़बूत करने के प्रयास में, देवराय प्रथम ने बहमनी सल्तनत और वेलामा राजाओं से युद्ध किए और जीत हासिल की। उन्होंने मुस्लिम तीरंदाज़ों और घुड़सवारों को अपनी सेना में शामिल कर, एक व्यावहारिक सैन्य कूटनीति को अपनाया। फिरोज शाह की हार ने विजयनगर की सुपरमैसी स्थापित करने में निर्णायक मोड़ साबित किया।
समावेशी शासन और प्रशासनिक विरासत
देवराय प्रथम का शासन धर्मनिरपेक्ष और समावेशी था। उन्होंने मुस्लिम सैनिकों के लिए सुविधाएं निर्मित कीं और धर्मों के बीच विवादों का समाधान किया। इस प्रकार उन्होंने धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा दिया। उनका प्रशासनिक मॉडल राजनीतिक स्थिरता और विविधतापूर्ण समाज की बुनियाद बना, जिससे विजयनगर एक वैश्विक समृद्ध सांस्कृतिक साम्राज्य बन सका।
STATIC GK SNAPSHOT TABLE
विषय | विवरण |
शासक | देवराय प्रथम (1406–1422 ई.) |
वंश | विजयनगर साम्राज्य का संगम वंश |
प्रमुख खोज | राज्याभिषेक (1406 ई.) के समय की ताम्रपट्टियाँ |
शिलालेख की भाषाएँ | संस्कृत, कन्नड़, नागरी |
राजमुद्रा | वामन (पारंपरिक वराह के स्थान पर) |
दान दिया गया ग्राम | गुडीपल्ली और उसके उपग्राम, ब्राह्मणों को |
प्रमुख निर्माण | हज़ारे राम मंदिर, तुङ्गभद्रा बाँध, जल नहर |
सैन्य सफलता | फिरोज शाह पर विजय, बहमनी और वेलामा संघर्ष |
प्रशासनिक विशेषता | धर्मनिरपेक्ष और समावेशी शासन |
दरबारी कवि | मधुरा (जैन साहित्य) |