नए CIC की नियुक्ति
पूर्व न्याय सचिव राज कुमार गोयल ने भारत के मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने 15 दिसंबर, 2025 को शपथ ली, जो भारत के पारदर्शिता ढांचे में एक महत्वपूर्ण विकास है।
शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई, जिससे लंबे समय से खाली संवैधानिक पद औपचारिक रूप से भर गया। पिछला CIC का कार्यकाल पूरा होने के बाद सितंबर 2025 से यह पद खाली था।
शपथ ग्रहण समारोह और अधिसूचना
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में वरिष्ठ संवैधानिक और कार्यकारी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हुआ। उपस्थित लोगों में उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा और कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह शामिल थे।
उसी दिन बाद में, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया कि राज कुमार गोयल ने 15 दिसंबर, 2025 की सुबह से पदभार ग्रहण किया।
RTI अधिनियम के तहत कार्यकाल
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अनुसार, मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल तीन साल का होता है। CIC नागरिकों को सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने और जवाबदेही तंत्र को मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभाता है।
स्टेटिक जीके तथ्य: CIC के कार्यकाल और सेवा शर्तें RTI अधिनियम, 2005 की धारा 13 द्वारा शासित होती हैं।
राज कुमार गोयल की प्रशासनिक पृष्ठभूमि
राज कुमार गोयल 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं जिनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है। उन्होंने पहले कानून और न्याय मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने प्रमुख कानूनी और न्यायिक सुधारों को संभाला।
उनकी पिछली पोस्टिंग में गृह मंत्रालय (MHA) और विदेश मंत्रालय (MEA) में कार्य शामिल हैं। वह मूल रूप से जम्मू और कश्मीर कैडर के थे और बाद में उन्हें AGMUT कैडर आवंटित किया गया था।
RTI अधिनियम के तहत नियुक्ति प्रक्रिया
मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। चयन एक उच्च-शक्ति समिति की सिफारिश के आधार पर होता है। समिति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष के तौर पर, केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल हैं। यही समिति सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों की भी सिफारिश करती है।
स्टेटिक जीके टिप: नियुक्ति तंत्र RTI अधिनियम, 2005 की धारा 12(3) के तहत प्रदान किया गया है।
केंद्रीय सूचना आयोग की भूमिका
केंद्रीय सूचना आयोग RTI अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा सूचना से इनकार या देरी से संबंधित अपीलों और शिकायतों का निपटारा करता है।
आयोग का नेतृत्व मुख्य सूचना आयुक्त करते हैं और इसमें 10 तक सूचना आयुक्त हो सकते हैं। वर्तमान में, आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी सूचना आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।
आयोग को मजबूत करना
नए CIC के साथ, कई नामों को सूचना आयुक्तों के रूप में अनुशंसित किया गया है। इनमें जया वर्मा सिन्हा, स्वागत दास, संजीव कुमार जिंदल, सुरेंद्र सिंह मीणा और खुशवंत सिंह सेठी शामिल हैं।
इन नियुक्तियों से RTI अपीलों और शिकायतों के बैकलॉग को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। पारदर्शिता कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक पूरी तरह से कार्यात्मक आयोग महत्वपूर्ण है।
संस्थागत महत्व
राज कुमार गोयल की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब RTI ढांचा लंबित मामलों और प्रशासनिक बाधाओं के कारण बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है। उनकी कानूनी-प्रशासनिक पृष्ठभूमि से संस्था में स्थिरता और दक्षता आने की उम्मीद है।
स्टेटिक जीके तथ्य: केंद्रीय सूचना आयोग ने RTI अधिनियम लागू होने के बाद 2005 में काम करना शुरू किया।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| नियुक्त व्यक्ति | राज कुमार गोयल |
| पद | मुख्य सूचना आयुक्त |
| पदभार ग्रहण की तिथि | 15 दिसंबर 2025 |
| नियुक्ति प्राधिकारी | भारत के राष्ट्रपति |
| शासक कानून | सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 |
| कार्यकाल | तीन वर्ष |
| पूर्व पद | सचिव, विधि एवं न्याय मंत्रालय |
| सीआईसी की अधिकतम संख्या | एक मुख्य सूचना आयुक्त और दस सूचना आयुक्त |





