जुलाई 18, 2025 9:33 अपराह्न

कवच: भारतीय रेलवे की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता

करेंट अफेयर्स: कवच एटीपी सिस्टम, रेलवे सेफ्टी इंडिया, स्वचालित ब्रेकिंग तकनीक, एसआईएल-4 प्रमाणित रेल प्रणाली, रेल बजट 2025-26, कवच 4.0 अपग्रेड, भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण, आरडीएसओ, सार्वजनिक-निजी रेलवे परियोजनाएं

Kavach: India’s Pledge to Safer Railways

भारत में सुरक्षित रेल यात्रा की दिशा में बड़ा कदम

भारत अब कवच, एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ATP) को पूरे रेलवे नेटवर्क पर लागू करने की योजना बना रहा है। अगले छह वर्षों में देश के सभी प्रमुख मार्गों पर यह सुरक्षा कवच लगाया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सिर्फ तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि मानव जीवन की रक्षा और रेल यात्रियों का विश्वास बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है।

कवच को क्या बनाता है विशेष?

कवच का मतलब ही होता है “ढाल”— यह प्रणाली अपने आप ब्रेक लगाती है, जब ट्रेन गति सीमा पार कर जाती है या लाल सिग्नल को पार करने का खतरा होता है। इसे मिला है SIL-4 (सेफ्टी इंटेग्रिटी लेवल-4) प्रमाणन, जो दुनिया का सबसे उच्चतम सुरक्षा स्तर है— वही जो न्यूक्लियर प्लांट और एयरक्राफ्ट सिस्टम्स में होता है। यानी मानव त्रुटियों को लगभग शून्य कर देने वाली तकनीक।

राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन और योजना

पूरे देश में कवच का कार्यान्वयन पब्लिकप्राइवेट भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत होगा। इसमें निजी कंपनियों की नवाचार क्षमता और सरकार की निगरानी दोनों शामिल होंगे। छह साल की रूपरेखा में हजारों किलोमीटर का कवरेज होगा, विशेष ध्यान हाईडेंसिटी कॉरिडोर पर रहेगा, जहां सुरक्षा सुधारों का त्वरित प्रभाव दिखता है।

सुरक्षा पर मजबूत वित्तीय निवेश

2025–26 के केंद्रीय बजट में रेलवे को ₹2.65 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय आवंटित किया गया है। इसका बड़ा हिस्सा सुरक्षा बुनियादी ढांचे जैसे कवच, विद्युतीकरण, एआई एकीकरण, और यात्री सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। यह दिखाता है कि अब सुरक्षा प्राथमिकता बन चुकी है, न कि बाद में विचार का विषय।

भारतीय भू-भाग और जलवायु के अनुसार तैयार

भारत की रेलवे लाइनें रेगिस्तान, जंगल, समुद्रतट और पर्वतों से होकर गुजरती हैं। कवच 4.0, जो जुलाई 2024 में स्वीकृत हुआ, इन चुनौतियों के अनुसार विकसित किया गया है। इसमें सटीक GPS, कोहरे और बारिश में भी कार्यक्षमता, और सिग्नल के साथ बेहतर संवाद शामिल हैं— जिससे समय की बचत, ईंधन दक्षता, और असाधारण परिस्थितियों में भी सुरक्षित नेविगेशन संभव है।

कौन बनाता है कवच?

कवच का निर्माण भारतीय OEMs जैसे मेदा सर्वो ड्राइव्स, HBL पावर सिस्टम्स, और कर्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स द्वारा किया जा रहा है। रेलटेल और क्वाड्रंट फ्यूचरटेक जैसे भागीदारों के साथ यह प्रणाली तैयार की गई है। इसकी तकनीकी जांच और मान्यता RDSO (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन) द्वारा की गई है, जो भारतीय रेलवे की टेक्निकल इकाई है।

यात्रियों और रेलवे स्टाफ के लिए वास्तविक लाभ

कवच का सबसे बड़ा लाभ हैदुर्घटनाओं की रोकथाम। यदि ड्राइवर गलती से सिग्नल मिस कर दे, तो भी कवच ट्रेन को रोक देता है। यह ईंधन की भी बचत करता है क्योंकि ट्रेनें पूर्व-निर्धारित तरीके से चलती हैं। यात्रियों को मिलती है मानसिक शांति और विश्वास, कि उनकी यात्रा अब और सुरक्षित है।

स्टैटिक GK स्नैपशॉट: कवच और भारतीय रेलवे

तथ्य विवरण
कवच का अर्थ हिंदी में “ढाल”
सुरक्षा प्रमाणन स्तर SIL-4 (Safety Integrity Level-4)
राष्ट्रीय रोलआउट की घोषणा 2025 (6 वर्षों में पूर्ण कार्यान्वयन)
रेल बजट (2025–26) ₹2.65 लाख करोड़
नवीनतम संस्करण कवच 4.0 (जुलाई 2024 में स्वीकृत)
प्रमुख निर्माता मेदा सर्वो, HBL पावर, कर्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स
प्रमाणन संस्था RDSO (अनुसंधान डिजाइन व मानक संगठन)
Kavach: India’s Pledge to Safer Railways
  1. कवच भारत की स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली है, जिसे रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  2. कवचशब्द का अर्थ हिंदी मेंढाल होता है।
  3. यदि कोई ट्रेन अत्यधिक गति पकड़ती है या रेड सिग्नल पार करती है, तो कवच स्वतः ब्रेक लगा देता है।
  4. इसे SIL-4 प्रमाणन प्राप्त है, जो वैश्विक स्तर पर सर्वोच्च सुरक्षा स्तर है।
  5. SIL-4 प्रणाली का उपयोग परमाणु संयंत्रों और विमानन जैसी शून्य विफलता क्षेत्रों में किया जाता है।
  6. 2025 में कवच के राष्ट्रीय कार्यान्वयन की घोषणा की गई, जो छह वर्षों में पूरा होगा।
  7. इसे उच्चघनत्व रेलवे कॉरिडोर में प्राथमिकता दी जाएगी।
  8. पब्लिकप्राइवेट साझेदारी (PPP) के माध्यम से कवच पूरे नेटवर्क में लागू किया जाएगा।
  9. केंद्रीय बजट 2025–26 में रेलवे क्षेत्र के लिए ₹2.65 लाख करोड़ आवंटित किए गए।
  10. इस पूंजी का एक बड़ा हिस्सा सुरक्षा अवसंरचना, विशेष रूप से कवच के लिए है।
  11. कवच0, जिसे जुलाई 2024 में स्वीकृति मिली, भारत के जलवायु और भूआकृति के अनुसार तैयार किया गया है।
  12. यह प्रणाली कोहरे, बारिश और पहाड़ी इलाकों में GPS आधारित ट्रैकिंग के साथ प्रभावी कार्य करती है।
  13. यह ईंधन दक्षता बढ़ाती है और दुर्घटनाओं से संबंधित विलंब को कम करती है।
  14. Medha Servo Drives, HBL Power Systems और Kernex Microsystems जैसी कंपनियाँ कवच का निर्माण करती हैं।
  15. इसका तकनीकी मूल्यांकन और अनुमोदन RDSO (अनुसंधान डिज़ाइन और मानक संगठन) द्वारा किया जाता है।
  16. RailTel और Quadrant FutureTek भी कवच के कार्यान्वयन में शामिल हैं।
  17. यह प्रणाली प्रतिदिन भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले 2 करोड़ से अधिक यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  18. यदि ड्राइवर प्रतिक्रिया देने में विफल होता है, तब भी कवच दुर्घटना रोकने में सक्षम है।
  19. यह परियोजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देती है और देशी सुरक्षा तकनीकों पर आधारित है।
  20. कवच जनता का भरोसा बढ़ाता है, और ट्रेन यात्रा को सुरक्षित और आत्मविश्वासपूर्ण बनाता है।

Q1. हिंदी में "कवच" शब्द का क्या अर्थ है?


Q2. जुलाई 2024 में कवच का कौन-सा संस्करण स्वीकृत हुआ था?


Q3. कवच प्रणाली को किस प्रमाणन संस्था ने मंजूरी दी है?


Q4. कवच के राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन की योजना की अवधि क्या है?


Q5. केंद्रीय बजट 2025–26 में भारतीय रेल के लिए पूंजीगत व्यय कितना निर्धारित किया गया है?


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