भेदभाव के खिलाफ एक वैश्विक संदेश
हर साल 1 मार्च को मनाया जाने वाला शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day) दुनिया को यह याद दिलाने के लिए होता है कि हर व्यक्ति को बिना किसी पक्षपात के गरिमा के साथ जीने का अधिकार है। इस दिवस की शुरुआत 2014 में UNAIDS द्वारा की गई थी और इसका उद्देश्य है—लिंग, एचआईवी स्थिति, यौन अभिविन्यास या जातीयता के आधार पर होने वाले भेदभाव को समाप्त करना।
2025 की थीम क्यों महत्वपूर्ण है?
इस वर्ष का विषय है: “We Stand Together” (हम एक साथ खड़े हैं)। यह थीम समुदाय–आधारित HIV सेवाओं की भूमिका को रेखांकित करती है, जो परामर्श, परीक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण और कमजोर क्षेत्रों में अहम योगदान देती हैं। लेकिन इन संगठनों को अब वित्तीय कठिनाइयों, कानूनी अड़चनों और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। UNAIDS ने इन्हें समर्थन और कानूनी पहचान देने की अपील की है।
भारत में HIV और कानूनी प्रगति
भारत ने 2018 में धारा 377 (Section 377) को हटाकर LGBTQ+ समुदाय को एक ऐतिहासिक कानूनी जीत दिलाई। लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यस्थलों और शिक्षा संस्थानों में भेदभाव आज भी जारी है। शून्य भेदभाव दिवस हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कानून बदलने के बाद भी समाज को बदलना जरूरी है।
UNAIDS के सुझाव क्या हैं?
UNAIDS का मानना है कि बदलाव के लिए ज़रूरी हैं:
- स्थानीय HIV सेवा संगठनों को कानूनी दर्जा मिले
- लंबे समय तक वित्तीय सहयोग सुनिश्चित किया जाए
- न्यायप्रिय कानून बनाए जाएं जो किसी भी समूह को अपराधी न ठहराएं
- निर्णय लेने की प्रक्रिया में स्थानीय नेताओं और समुदायों की भागीदारी हो
आज 41 देश इस वैश्विक साझेदारी का हिस्सा हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इसे लागू करना अब भी एक चुनौती है।
इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?
Michel Sidibé, जो उस समय UNAIDS के प्रमुख थे, उन्होंने 27 फरवरी 2014 को बीजिंग में इस दिन की परिकल्पना रखी। तब से लेकर आज तक, यह दिन दुनिया भर में मानवाधिकारों और गरिमा के लिए लड़ाई का प्रतीक बन गया है। भारत, लाइबेरिया, अमेरिका जैसे देशों में इस दिन पर कानूनी और सामाजिक सुधारों की मांग की जाती रही है।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु
विषय | विवरण |
दिवस की तिथि | 1 मार्च (प्रति वर्ष) |
आरंभकर्ता | UNAIDS, 2014 (Michel Sidibé द्वारा प्रस्तावित) |
2025 की थीम | We Stand Together |
उद्देश्य | समानता, गरिमा और समावेशिता को बढ़ावा देना |
फोकस 2025 | HIV के लिए समुदाय-नेतृत्व वाली पहल |
प्रमुख समस्याएं | कलंक, आर्थिक सहायता की कमी, कानूनी बाधाएं |
वैश्विक साझेदार देश | 41 देश UNAIDS Global Partnership में शामिल |
भारत से जुड़ा उदाहरण | धारा 377 हटाना, LGBTQ+ अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम |