इन्सेफलाइटिस: एक नजरअंदाज की गई आपात स्थिति
भारत में इन्सेफलाइटिस आज एक ऐसी बीमारी बन गई है, जो धीरे-धीरे सैकड़ों बच्चों की जान ले रही है, लेकिन इस पर ध्यान बहुत कम है। यह बीमारी मस्तिष्क की सूजन से जुड़ी है, और इसके सबसे आम कारणों में शामिल है जापानी इन्सेफलाइटिस वायरस (JEV) और हाल में चर्चा में आया चंडीपुरा वायरस (CHPV)।
2024 का चौंकाने वाला प्रकोप
पिछले साल, चंडीपुरा वायरस से 245 बच्चों को नुकसान पहुंचा, जिनमें से ज़्यादातर 15 साल से कम उम्र के थे। बुखार, दौरे, उलझन और चेतना में गिरावट जैसे लक्षण सामान्य थे। खास बात यह है कि यह सब ग्रामीण इलाकों में हुआ, जहां स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही कमजोर हैं।
क्यों नहीं दिख रही बीमारी की गंभीरता?
कई बार छोटे अस्पतालों में डॉक्टरों को इन्सेफलाइटिस का सही निदान करने के लिए जरूरी टेस्ट उपलब्ध नहीं होते। ऊपर से यह बीमारी अक्सर सिर्फ बड़े प्रकोपों के दौरान रिपोर्ट होती है। साल भर निगरानी रखने वाली कोई प्रणाली नहीं है। इसी कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता और बच्चों की जान खतरे में पड़ जाती है।
लक्षण जल्दी पहचानना क्यों जरूरी है?
इन्सेफलाइटिस की शुरुआत सामान्य वायरल बुखार जैसी लग सकती है—जैसे सिरदर्द, रोशनी से चिढ़, उल्टी, थकान। लेकिन अगर इसे गंभीरता से न लिया जाए, तो यह कुछ ही दिनों में जानलेवा हो सकती है। गांवों में ASHA कार्यकर्ता और प्राथमिक डॉक्टरों को इन लक्षणों की पहचान का प्रशिक्षण दिया जाना बेहद जरूरी है।
मच्छरों से जुड़ी बीमारी, लेकिन जागरूकता कम
भारत में JEV जैसे वायरस मच्छरों से फैलते हैं, खासकर मानसून में। लेकिन बहुत से घरों में मच्छरों से बचाव के लिए बुनियादी उपाय जैसे मच्छरदानी, साफ पानी की टंकियों की सफाई या फॉगिंग की सुविधा भी नहीं है। स्वच्छता और मच्छर नियंत्रण जैसे उपाय कई बार सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं।
अब वक्त है एक समर्पित योजना का
जैसे टीबी के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम है, वैसे ही इन्सेफलाइटिस के लिए भी एक राष्ट्रीय नियंत्रण कार्यक्रम की मांग उठ रही है। इसमें टीकाकरण, डेटा निगरानी, इलाज की उपलब्धता और मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग शामिल होनी चाहिए। अगर यह लागू हुआ, तो यह बच्चों की जान बचाने में क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु
विषय | विवरण |
रोग का नाम | इन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) |
प्रमुख वायरस | जापानी इन्सेफलाइटिस वायरस (JEV), चंडीपुरा वायरस |
प्रभावित राज्य | उत्तर प्रदेश, बिहार, असम |
सामान्य लक्षण | सिरदर्द, भ्रम, रोशनी से डर, दौरे |
संचरण माध्यम | मच्छरों से (विशेषकर मानसून में) |
निगरानी संस्था | NCVBDC – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय |
WHO की घोषणा | गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता |
प्रमुख प्रकोप | 2024 – चंडीपुरा वायरस (बच्चों में) |
रोकथाम रणनीति | मच्छर नियंत्रण, स्वच्छता, शीघ्र लक्षण पहचान |
प्रमुख मांग | समर्पित राष्ट्रीय इन्सेफलाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम |