जुलाई 18, 2025 10:32 अपराह्न

आयकर विधेयक 2025: कर बचाव रोकने हेतु GAAR और पुनर्मूल्यांकन शक्तियों का विस्तार

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Income Tax Bill 2025: Expanding GAAR and Reassessment Powers in Anti-Tax Avoidance Drive

GAAR क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों है

GAAR (जनरल एंटीअवॉइडेंस रूल्स) एक कानूनी ढांचा है जो जटिल कर बचाव योजनाओं पर लगाम लगाने के लिए 2017 में भारत में लागू किया गया था। यदि कोई लेनदेन केवल कर बचाने के उद्देश्य से किया गया हो और उसका कोई वास्तविक वाणिज्यिक उद्देश्य न हो, तो उसे अस्वीकार्य बचाव व्यवस्था” (Impermissible Avoidance Arrangement – IAA) घोषित किया जा सकता है। ऐसे मामलों में आयकर विभाग को कर योग्य आय का पुनः मूल्यांकन करने का अधिकार होता है, भले ही लेनदेन तकनीकी रूप से वैध हो। इस शक्ति का दुरुपयोग न हो, इसके लिए GAAR अनुमोदन पैनल, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करते हैं, पहले इसकी स्वीकृति देता है।

आयकर विधेयक 2025 में लाए गए मुख्य परिवर्तन

2025 का आयकर विधेयक अब GAAR से जुड़े मामलों में 5 वर्षों की समयसीमा से बाहर भी पुनर्मूल्यांकन की अनुमति देता है। पहले केवल ₹50 लाख से अधिक की अघोषित आय होने पर ही समय-सीमा के भीतर पुनर्मूल्यांकन होता था, लेकिन अब यदि मामला GAAR पैनल द्वारा स्वीकृत हो गया है, तो समय-सीमा लागू नहीं होगी। इससे बहुवर्षीय कर बचाव योजनाओं की जांच करना संभव होगा जो पहले समयसीमा की वजह से बच जाती थीं।

संस्थागत नियंत्रण के साथ पुनर्मूल्यांकन शक्तियों को बल

हालाँकि पुनर्मूल्यांकन की शक्ति को विस्तार मिला है, लेकिन कानून में GAAR पैनल की स्वीकृति को अब भी अनिवार्य रखा गया है। अब पूर्वश्रोता (pre-hearing) की आवश्यकता नहीं है—यानी जैसे ही GAAR पैनल मामले को स्वीकार करता है, कर अधिकारी सीधा नोटिस जारी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि 2015 से 2020 के बीच की किसी विदेश आधारित संरचना के जरिए छुपाई गई आय को 2017–18 के वर्ष में GAAR के अंतर्गत चिह्नित किया गया, तो अब उस वर्ष को पुनः खोला जा सकता है, चाहे सामान्य समयसीमा समाप्त हो चुकी हो।

भारत की कर व्यवस्था के लिए इसका महत्व

यह संशोधन भारत की कर जांच प्रणाली की एक बड़ी खामी को दूर करता है, जहाँ पहले GAAR मामलों की देर से जांच के कारण पुनर्मूल्यांकन समय से बाहर हो जाता था। यह अब कर अधिकारियों को शक्तिशाली बनाता है, ताकि वे लंबी अवधि की बचाव योजनाओं का पता लगा सकें, साथ ही GAAR पैनल की निगरानी के तहत पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है।

करदाताओं और सलाहकारों के लिए इसके मायने

अब जो भी व्यक्ति या संस्था आक्रामक कर योजना में शामिल हैं, उन्हें अब सभी आकलन वर्षों के लिए पूरी पारदर्शिता और दस्तावेज़ीकरण बनाए रखना होगा, क्योंकि पांच वर्ष से अधिक पुराने वर्षों को भी खोला जा सकता है। लेकिन ईमानदार करदाताओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि केवल पैनल द्वारा स्वीकृत मामलों में ही आगे कार्रवाई होगी।

STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु संक्षिप्त जानकारी

विषय विवरण
GAAR का पूरा नाम जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल्स
भारत में लागू 2017
कब लागू होता है जब लेन-देन का वाणिज्यिक उद्देश्य नहीं हो और केवल कर बचाने हेतु हो
2025 का प्रमुख संशोधन GAAR मामलों में 5 वर्षों के बाद भी पुनर्मूल्यांकन संभव
स्वीकृति प्राधिकरण उच्च न्यायालय की अध्यक्षता वाला GAAR पैनल
हटाई गई प्रक्रिया नोटिस जारी करने से पहले सुनवाई की आवश्यकता नहीं
व्यावहारिक उदाहरण असेसमेंट वर्ष 2017–18 जैसे पुराने मामलों को फिर से खोला जा सकता है
मुख्य लाभ कर अधिकारियों को बहुवर्षीय कर बचाव की जांच में मदद
Income Tax Bill 2025: Expanding GAAR and Reassessment Powers in Anti-Tax Avoidance Drive
  1. आयकर विधेयक 2025 में GAAR (सामान्य कर बचाव विरोधी नियम) का दायरा बढ़ाया गया है।
  2. GAAR का लक्ष्य ऐसे लेनदेन हैं जिनका वाणिज्यिक उद्देश्य नहीं होता लेकिन वे कर बचाने के लिए बनाए जाते हैं।
  3. ऐसे लेनदेन को अस्वीकार्य बचाव व्यवस्था (Impermissible Avoidance Arrangements – IAA) कहा जाता है।
  4. GAAR पैनल, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करते हैं, को इन मामलों को स्वीकृति देनी होती है
  5. नया कानूनGAAR-स्वीकृत मामलों में 5 वर्ष से परे कर पुनर्मूल्यांकन की अनुमति देता है।
  6. पहले पुनर्मूल्यांकन केवल ₹50 लाख से अधिक की आय वाले मामलों तक सीमित था।
  7. यह संशोधन वर्षों से चल रही कर बचाव योजनाओं की जाँच को संभव बनाता है।
  8. GAAR से जुड़े मामलों में पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने से पहले सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।
  9. अबAY 2017–18 जैसे पुराने वर्षों की आय भी पुनः खोली जा सकती है, यदि वह चिन्हित हो।
  10. GAAR का आवेदन तभी होता है जब पैनल द्वारा सत्यापन हो — इससे मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा मिलती है।
  11. CBDT को अब आक्रामक कर योजना के खिलाफ पूर्व प्रभाव से कार्यवाही का अधिकार है।
  12. ईमानदार करदाताओं को सुरक्षा दी गई है — केवल पैनल स्वीकृत मामलों में ही कार्रवाई होगी।
  13. 2025 संशोधन कई वर्षों में कर प्रवर्तन की खामियों को भरता है।
  14. यह उच्च-मूल्य कर मूल्यांकन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है।
  15. टैक्स योजनाकारों को अब 5 वर्षों से अधिक की रिकॉर्ड व्यवस्था बनाए रखनी होगी।
  16. GAAR प्रणाली को भारत में 2017 में पेश किया गया था।
  17. यह कानून आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण (BEPS) से निपटने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
  18. ऑफशोर ढांचे और शेल ट्रांजैक्शन अब लंबी समीक्षा अवधि के अधीन होंगे।
  19. यह संशोधन भारत की कर बचाव विरोधी कानूनी व्यवस्था को मज़बूत बनाता है।
  20. Static GK: GAAR (2017), उच्च न्यायालय पैनल, IAA अवधारणा, 2025 पुनर्मूल्यांकन नियम, पूर्व-श्रवण की आवश्यकता नहीं

 

 

 

Q1. भारतीय कर प्रणाली में GAAR का पूरा अर्थ क्या है?


Q2. भारत में GAAR किस वर्ष से लागू हुआ था?


Q3. नए विधेयक के तहत 5 वर्षों से अधिक पुराने मामलों में पुनर्मूल्यांकन की अनुमति किस प्राधिकरण की मंजूरी से दी जा सकती है?


Q4. GAAR के तहत कर चोरी पर केंद्रित लेन-देन को किस नाम से जाना जाता है?


Q5. GAAR से जुड़े मामलों में पुनर्मूल्यांकन के लिए किस प्रक्रिया को हटा दिया गया है?


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