दिसम्बर 17, 2025 12:50 पूर्वाह्न

विज्ञानिका 2025 विज्ञान साहित्य महोत्सव

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Vigyanika 2025 Science Literature Festival

विज्ञानिका के विचार को समझना

विज्ञानिका: विज्ञान साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन 8-9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के हिस्से के रूप में किया गया था।

इसका मुख्य विचार साहित्य, कविता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का उपयोग करके विज्ञान को लोगों के करीब लाना था।

इसने इस बात पर ज़ोर दिया कि विज्ञान संचार तकनीकी होने की ज़रूरत नहीं है और यह भारतीय परंपराओं में निहित हो सकता है।

स्टेटिक जीके तथ्य: भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसे भारत में वैज्ञानिक सोच और विज्ञान के साथ सार्वजनिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।

महोत्सव के पीछे संस्थान

इस महोत्सव की मेज़बानी CSIR–NIScPR ने विज्ञान भारती, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के सहयोग से की।

इन संस्थानों ने भारत में विज्ञान आउटरीच और नीति संचार को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह सहयोग विज्ञान प्रसार के लिए एक अंतर-विषयक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

स्टेटिक जीके टिप: CSIR–NIScPR, CSIR के तहत काम करता है और विज्ञान संचार, अनुसंधान प्रकाशन और सार्वजनिक आउटरीच पर ध्यान केंद्रित करता है।

विज्ञान और साहित्य पर उद्घाटन सत्र

उद्घाटन सत्र में भारतीय वैज्ञानिक सोच में साहित्य और संचार उपकरणों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया। वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैज्ञानिक विचारों को सांस्कृतिक रूप से परिचित कथाओं के माध्यम से प्रस्तुत करने पर उन्हें व्यापक स्वीकृति मिलती है। सत्र में विज्ञान संचार में एक भारतीय दृष्टिकोण विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

वरिष्ठ वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने चर्चा की कि कहानी कहने और भाषा किस तरह विज्ञान के बारे में लोगों की समझ को आकार देती है। जटिल वैज्ञानिक विचारों को सरल बनाने में संस्थानों की भूमिका पर ज़ोर दिया गया।

मीडिया और सार्वजनिक आउटरीच की भूमिका

चर्चाओं में आधुनिक संचार प्लेटफार्मों और विभिन्न दर्शकों तक पहुँचने में उनकी भूमिका को भी शामिल किया गया।

इस बात पर ज़ोर दिया गया कि वैज्ञानिक रूप से जागरूक नागरिक बनाने के लिए विज्ञान को अकादमिक हलकों से परे भी संप्रेषित किया जाना चाहिए।

विज्ञान में जनता का विश्वास बनाने में सुलभ भाषा को एक प्रमुख कारक के रूप में पहचाना गया।

स्टेटिक जीके तथ्य: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत समर्पित विज्ञान संचार निकायों की स्थापना के बाद भारत में सार्वजनिक विज्ञान संचार एक औपचारिक फोकस बन गया।

विज्ञान कवि सम्मेलन और रचनात्मक अभिव्यक्ति

विज्ञानिका 2025 की एक अनूठी विशेषता विज्ञान कवि सम्मेलन था।

विज्ञान कवियों ने ऐसी कविताएँ प्रस्तुत कीं जिन्होंने भावनात्मक और कलात्मक अभिव्यक्ति का उपयोग करके वैज्ञानिक विचारों को समझाया। इस सेशन में दिखाया गया कि कविता साइंटिफिक सोच और इंसानी भावनाओं के बीच एक पुल का काम कर सकती है।

परफॉर्मेंस ने दिखाया कि कैसे क्रिएटिविटी अमूर्त साइंटिफिक कॉन्सेप्ट्स को समझने लायक और यादगार बना सकती है।

इसने इस विचार को मज़बूत किया कि विज्ञान सिर्फ़ लैब्स का नहीं, बल्कि समाज का है।

आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान

दूसरे दिन का फोकस विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत के लिए पर था।

वक्ताओं ने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक सत्यापन के साथ जोड़ने पर ज़ोर दिया।

चर्चा में इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों की रक्षा करने पर ज़ोर दिया गया।

पारंपरिक ज्ञान डॉक्यूमेंटेशन पर काम करने वाले संस्थानों ने दिखाया कि विज्ञान कैसे आत्मनिर्भरता को मज़बूत कर सकता है।

इस सेशन ने विज्ञान संचार को सीधे राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों से जोड़ा।

स्टैटिक GK टिप: भारत स्वदेशी ज्ञान के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एक औपचारिक पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी रखता है।

विज्ञान में भारतीय भाषाओं का महत्व

अपनी भाषा अपना विज्ञान पैनल ने विज्ञान शिक्षा में भारतीय भाषाओं की शक्ति पर प्रकाश डाला।

विशेषज्ञों ने कहा कि जब लोगों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाता है तो वे वैज्ञानिक विचारों को तेज़ी से समझते हैं।

भाषा को समावेशिता और व्यापक वैज्ञानिक भागीदारी के लिए एक उपकरण के रूप में देखा गया।

यह चर्चा भारत के बहुभाषी शिक्षा और ज्ञान के लोकतंत्रीकरण की दिशा में व्यापक प्रयास के अनुरूप थी।

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Topic Detail
कार्यक्रम का नाम विज्ञानिका विज्ञान साहित्य महोत्सव 2025
तिथियाँ 8–9 दिसंबर 2025
आयोजन स्थल नई दिल्ली
का हिस्सा इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल
मुख्य आयोजक CSIR–NIScPR
मुख्य विषय साहित्य और रचनात्मक संप्रेषण के माध्यम से विज्ञान
विशेष आकर्षण विज्ञान कवि सम्मेलन
प्रमुख फोकस क्षेत्र भारतीय भाषाएँ, पारंपरिक ज्ञान, विज्ञान जनसंपर्क
राष्ट्रीय संदर्भ आत्मनिर्भर भारत दृष्टि
Vigyanika 2025 Science Literature Festival
  1. विज्ञानिका 2025 का आयोजन दिसंबर में नई दिल्ली में किया गया था।
  2. यह कार्यक्रम इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का हिस्सा था।
  3. इस महोत्सव का फोकस साहित्य के माध्यम से विज्ञान का संचार करना था।
  4. इसका उद्देश्य विज्ञान को आम जनता तक पहुँचाना था।
  5. साहित्य और रचनात्मकता का उपयोग विज्ञान संचार के साधनों के रूप में किया गया।
  6. इस महोत्सव की मेजबानी CSIR–NIScPR ने की।
  7. विज्ञान आउटरीच गतिविधियों के लिए कई शैक्षणिक संस्थानों ने सहयोग किया।
  8. चर्चाओं में सांस्कृतिक रूप से जुड़ी विज्ञान कथाओं के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
  9. कहानी सुनाना वैज्ञानिक विचारों की सार्वजनिक स्वीकृति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  10. शिक्षा जगत से परे विज्ञान संचार पर ज़ोर दिया गया।
  11. व्यापक पहुँच के लिए सरल भाषा के उपयोग पर प्रकाश डाला गया।
  12. विज्ञान कवि सम्मेलन ने कविता को वैज्ञानिक विषयों के साथ मिलाया
  13. कविता ने जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को रचनात्मक रूप से समझाने में मदद की।
  14. विज्ञान को एक सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधि के रूप में प्रस्तुत किया गया।
  15. विज्ञान से समृद्धि विषय आत्मनिर्भरता पर केंद्रित था।
  16. पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने पर चर्चा की गई।
  17. स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों की सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया।
  18. विज्ञान शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दिया गया।
  19. मातृभाषा में सीखना वैज्ञानिक समझ और समावेशिता को बढ़ाता है।
  20. इस महोत्सव ने भारत में वैज्ञानिक सोच की संस्कृति को मजबूत किया।

Q1. विज्ञानिका 2025 किस राष्ट्रीय विज्ञान आयोजन के अंतर्गत आयोजित की गई थी?


Q2. विज्ञानिका 2025 का प्रमुख आयोजक कौन-सा संस्थान था?


Q3. विज्ञान कवि सम्मेलन (Vigyan Kavi Sammelan) का मुख्य उद्देश्य क्या था?


Q4. कौन-सी थीम ने विज्ञान संचार को भारत की आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों से जोड़ा?


Q5. उत्सव के दौरान भारतीय भाषाओं पर विशेष ज़ोर क्यों दिया गया?


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