दिसम्बर 14, 2025 11:34 अपराह्न

दिल्ली एयर डिफेंस के लिए स्वदेशी शील्ड

करंट अफेयर्स: इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम, दिल्ली NCR, QRSAM, VSHORADS, आत्मनिर्भर भारत, एयर डिफेंस नेटवर्क, दुश्मन के हवाई खतरे, कमांड और कंट्रोल ग्रिड, DRDO सिस्टम, IAF ऑपरेशंस

Indigenous Shield for Delhi Air Defence

राष्ट्रीय एयर डिफेंस को मजबूत करना

भारत दिल्ली NCR को दुश्मन के हवाई खतरों से बचाने के लिए एक स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात करने की तैयारी कर रहा है। यह सिस्टम मिसाइलों, ड्रोन और तेज गति वाले विमानों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो आंतरिक हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने पर बढ़ते फोकस को दिखाता है। यह कदम आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता के व्यापक राष्ट्रीय विजन के अनुरूप है।

मल्टीलेयर्ड आर्किटेक्चर

स्वदेशी IADWS रक्षा की कई परतों को इंटीग्रेट करता है। एक प्रमुख घटक क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) है, जो अपनी उच्च गतिशीलता और त्वरित इंटरसेप्शन क्षमता के लिए जानी जाती है। यह भीड़भाड़ वाले शहरी हवाई क्षेत्र में मध्यम दूरी के खतरों को तेजी से बेअसर करने में मदद करता है।

स्टेटिक GK तथ्य: QRSAM को DRDO द्वारा विकसित किया गया है और इसकी रेंज लगभग 25-30 किमी है।

भारत VSHORADS भी तैनात करेगा, जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन, हेलीकॉप्टर और धीमी गति से चलने वाले विमानों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सिस्टम है। यह बहुत कम दूरी पर कवरेज सुनिश्चित करता है जहां बड़े मिसाइल सिस्टम कम प्रभावी होते हैं। साथ मिलकर, ये परतें राजधानी के चारों ओर एक सहज रक्षा छतरी बनाती हैं।

एकीकृत कमांड और कंट्रोल

IADWS का एक महत्वपूर्ण स्तंभ इसका उन्नत कमांड-एंड-कंट्रोल ग्रिड है, जो सेंसर, लॉन्चर और रडार इकाइयों को जोड़ता है। इसका विचार तेज गति वाली मुठभेड़ों के दौरान त्वरित निर्णय लेने के लिए एक एकल परिचालन तस्वीर बनाना है।

स्टेटिक GK टिप: भारत की प्राथमिक सैन्य रडार विकास एजेंसी डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (DLRL) है, जो DRDO का हिस्सा है।

यह नेटवर्क-केंद्रित दृष्टिकोण आपात स्थिति के दौरान तेजी से पता लगाने, समन्वित प्रतिक्रियाओं और न्यूनतम प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित करता है।

ऑपरेशन सिंदूर से रणनीतिक सबक

ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद इस स्वदेशी तैनाती की आवश्यकता बढ़ गई, जब कथित तौर पर पाकिस्तान ने भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इस घटना ने रणनीतिक क्षेत्रों में कमजोरियों को उजागर किया, जिससे राजधानी के लिए त्वरित सुरक्षा उपायों को बढ़ावा मिला। इसलिए स्वदेशी प्रणाली भारत की तत्परता और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करके परिचालन और प्रतीकात्मक दोनों कार्य करती है। NASAMS-II प्लान से बदलाव

भारत का यह कदम पहले के NASAMS-II खरीदने के प्लान से एक बदलाव है, जो अमेरिका में बना एक डिफेंस सिस्टम है जिसका इस्तेमाल वाशिंगटन D.C. को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। सिस्टम की ज़्यादा कीमत के कारण इसके लिए बातचीत रोक दी गई थी। घरेलू समाधान की ओर यह बदलाव लागत दक्षता, लंबे समय की आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को सपोर्ट करता है।

स्टेटिक GK तथ्य: NASAMS-II को अमेरिका की रेथियॉन और नॉर्वे की कोन्ग्सबर्ग ने मिलकर बनाया है।

रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा

इसका डिप्लॉयमेंट भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा, जबकि DRDO और संबंधित उत्पादन एजेंसियां ​​इंटीग्रेशन को मैनेज करेंगी। यह भारत के रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम को मजबूत करता है और स्वदेशी इनोवेशन को बढ़ावा देता है। यह भारत को महत्वपूर्ण सुरक्षा क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम करने की स्थिति में भी लाता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

Topic Detail
आईएडीडब्ल्यूएस का उद्देश्य दिल्ली एनसीआर को मिसाइल, ड्रोन और शत्रुतापूर्ण विमानों से सुरक्षा
मुख्य घटक QRSAM, VSHORADS, कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क
प्रेरक घटना ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) से जुड़ी सुरक्षा चिंताएँ
नीतिगत परिवर्तन NASAMS -II खरीद से स्वदेशी प्रणाली की ओर बदलाव
संचालन एजेंसी भारतीय वायु सेना
प्रौद्योगिकी विकासकर्ता डीआरडीओ और सहयोगी उत्पादन एजेंसियाँ
रेंज फोकस लघु और अति-लघु दूरी के खतरों का अवरोधन
रणनीतिक लाभ उन्नत वायु रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
समर्थन दृष्टि आत्मनिर्भर भारत पहल
मुख्य क्षमता बहु-स्तरीय हवाई खतरों का निष्प्रभावीकरण
Indigenous Shield for Delhi Air Defence
  1. भारत दिल्ली NCR की सुरक्षा के लिए एक स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात कर रहा है।
  2. यह सिस्टम मिसाइलों, ड्रोन और तेज़ी से उड़ने वाले विमानों का मुकाबला करता है।
  3. यह पहल भारत के आत्मनिर्भर भारत रक्षा लक्ष्यों के अनुरूप है।
  4. यह सिस्टम तेज़ी से मध्यम दूरी के इंटरसेप्शन के लिए QRSAM को इंटीग्रेट करता है।
  5. QRSAM की ऑपरेशनल रेंज 25–30 किमी है।
  6. VSHORADS कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन और छोटी दूरी के खतरों को कवर करता है।
  7. IADWS एक मल्टीलेयर्ड डिफेंस आर्किटेक्चर के ज़रिए काम करता है।
  8. एक कमांडएंडकंट्रोल ग्रिड रडार, सेंसर और लॉन्चर को जोड़ता है।
  9. यह ग्रिड तुरंत फैसले लेने के लिए एक सिंगल ऑपरेशनल पिक्चर देता है।
  10. ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद तैनाती की ज़रूरत बढ़ गई।
  11. इस ऑपरेशन ने राजधानी के आसपास रणनीतिक कमजोरियों को उजागर किया।
  12. लागत संबंधी चिंताओं के कारण भारत ने विदेशी NASAMS-II योजना से किनारा कर लिया।
  13. स्वदेशी विकास लंबे समय तक आत्मनिर्भरता और लागत दक्षता सुनिश्चित करता है।
  14. भारतीय वायु सेना तैनात सिस्टम का संचालन करेगी।
  15. DRDO विकास और इंटीग्रेशन के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।
  16. यह सिस्टम भारत के एयरस्पेस सुरक्षा आर्किटेक्चर को मज़बूत करता है।
  17. IADWS छोटी और बहुत छोटी दूरी की इंटरसेप्शन क्षमता को बढ़ाता है।
  18. यह कदम भारत के रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देता है।
  19. स्वदेशी समाधान विदेशी एयर डिफेंस आयात पर निर्भरता कम करते हैं।
  20. यह तैनाती भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे का आधुनिकीकरण करती है।

Q1. दिल्ली NCR में तैनात की जा रही स्वदेशी IADWS का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. मध्यम दूरी के अवरोधन (interception) के लिए IADWS का प्रमुख घटक कौन-सी मिसाइल प्रणाली है?


Q3. दिल्ली के आसपास IADWS की तैनाती की तात्कालिकता किस कारण से बढ़ी?


Q4. IADWS को अपनाते समय भारत किस विदेशी प्रणाली से आगे बढ़ गया?


Q5. IADWS का संचालन कौन-सी एजेंसी करेगी?


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