ग्लोबल स्क्वैश में भारत की लगातार भूमिका
भारत लगातार तीसरी बार स्क्वैश विश्व कप 2025 की मेज़बानी करेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय स्क्वैश के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि करता है। यह आयोजन 10-14 दिसंबर 2025 तक चेन्नई के SDAT स्टेडियम में होगा, जो अपनी विश्व स्तरीय सुविधाओं और खेल के साथ लंबे समय से जुड़ाव के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। मेज़बानी का यह लगातार रिकॉर्ड प्रमुख वैश्विक टूर्नामेंटों के एक भरोसेमंद आयोजक के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है।
चेन्नई का “भारतीय स्क्वैश के घर” के रूप में विकास मजबूत प्रशासनिक प्रणालियों और इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा समर्थित है। SRFI और तमिलनाडु के खेल निकाय खेल के इकोसिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
स्टेटिक जीके तथ्य: SRFI की स्थापना 1954 में हुई थी और यह पूरे भारत में स्क्वैश गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
टूर्नामेंट की संरचना
स्क्वैश विश्व कप एक मिक्स्ड-टीम इवेंट है जिसमें चार खिलाड़ियों की टीमें होती हैं, जिसमें प्रत्येक देश से दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल होती हैं। यह संरचना लिंग-संतुलित प्रतिस्पर्धा के प्रति खेल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। टूर्नामेंट में 2023 में पेश की गई एक अभिनव “पहले सात अंक” स्कोरिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जो मैच की अवधि को कम करती है और तीव्रता बढ़ाती है।
2025 संस्करण में कुल 12 देश भाग लेंगे, जिसमें मिस्र मौजूदा चैंपियन के रूप में और मलेशिया मजबूत दावेदार के रूप में शामिल होंगे। भारत युवा प्रतिभा और अनुभवी एथलीटों के मिश्रण को मैदान में उतारेगा, जिसका लक्ष्य अपने पिछले प्रदर्शनों से आगे बढ़ना है।
स्टेटिक जीके टिप: मिस्र ऐतिहासिक रूप से विश्व स्क्वैश में हावी रहा है, जिसने कई विश्व नंबर एक खिलाड़ी दिए हैं।
भारत के लिए महत्व
लगातार तीसरी बार टूर्नामेंट की मेज़बानी करना भारत में स्क्वैश की बढ़ती लोकप्रियता को उजागर करता है। यह रैकेट खेलों और अंतर्राष्ट्रीय इवेंट प्रबंधन में देश के बढ़ते निवेश को भी दर्शाता है। यह दृश्यता एक महत्वपूर्ण समय पर आती है क्योंकि भारत वैश्विक खेल सर्किट में अपनी उपस्थिति को बढ़ाना चाहता है।
पिछले संस्करणों का सफल आयोजन दुनिया भर से खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों को आकर्षित करने की भारत की क्षमता को दर्शाता है।
स्टेटिक जीके तथ्य: पहला स्क्वैश विश्व कप 1996 में मलेशिया में आयोजित किया गया था, जहाँ ऑस्ट्रेलिया पहला चैंपियन बना था। यह ऐतिहासिक संदर्भ मेज़बान के तौर पर भारत की लगातार भागीदारी के महत्व को बढ़ाता है।
प्रदर्शन का इतिहास और भविष्य की संभावनाएं
2023 एडिशन में, मिस्र ने मलेशिया को हराकर खिताब जीता, जबकि भारत तीसरे स्थान पर रहा, जो अब तक का उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है। बेहतर ट्रेनिंग सुविधाओं और उभरते टैलेंट के साथ, उम्मीद है कि भारत 2025 एडिशन में टॉप टीमों को चुनौती देगा। पिछले कुछ सालों में बनी गति अंतरराष्ट्रीय स्क्वैश में भारत की लंबी अवधि की संभावनाओं को मज़बूत करती है।
प्रतिस्पर्धी फॉर्मेट, 6-6 पर सडन-डेथ टाईब्रेक, और तेज़ गति वाले मैच इस इवेंट को दुनिया भर के दर्शकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। मेज़बानी में भारत की लगातार भागीदारी ज़मीनी स्तर और एलीट दोनों स्तरों पर स्क्वैश को मज़बूत करने के प्रति उसकी रणनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम | स्क्वैश विश्व कप 2025 |
| मेज़बान देश | भारत |
| मेज़बानी की निरंतरता | लगातार तीसरी बार |
| आयोजन स्थल | एसडीएटी स्टेडियम, चेन्नई |
| तिथियाँ | 10 से 14 दिसंबर 2025 |
| टीमों की संख्या | 12 |
| स्कोरिंग प्रारूप | सात अंकों का खेल, 6–6 पर सडन डेथ |
| भारत का 2023 प्रदर्शन | तीसरा स्थान |
| डिफेंडिंग चैंपियन | मिस्र |
| पहला स्क्वैश विश्व कप | 1996, मलेशिया |





