भारत के प्रदूषण चार्ट में गाजियाबाद सबसे ऊपर
नवंबर 2025 में गाजियाबाद भारत का सबसे प्रदूषित शहर बना, जहाँ PM2.5 का लेवल 224 µg/m³ दर्ज किया गया। CREA की लेटेस्ट रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रदूषण का लेवल नेशनल सेफ्टी बेंचमार्क से कहीं ज़्यादा था। यह बढ़ोतरी सर्दियों के स्मॉग के समय हुई, जो आमतौर पर हर साल उत्तर भारत को अपनी गिरफ़्त में ले लेता है।
कुछ समय के लिए हवा का रुकना और तापमान में तेज़ गिरावट ने प्रदूषकों के जमाव को और बढ़ा दिया।
स्टैटिक GK फैक्ट: नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (NAAQS) 24 घंटे की PM2.5 लिमिट 60 µg/m³ तय करते हैं, जिससे गाजियाबाद की रीडिंग तय लिमिट से तीन गुना ज़्यादा हो गई। NCR के शहरों में खतरनाक एयर क्वालिटी
पूरे नेशनल कैपिटल रीजन में, 29 में से 20 शहरों में नवंबर 2024 के मुकाबले PM2.5 का लेवल ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया। नोएडा, बहादुरगढ़, दिल्ली, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर लगातार खतरनाक कैटेगरी में रहे। कई शहरों ने पूरे महीने में एक भी दिन साफ या ठीक-ठाक एयर क्वालिटी की रिपोर्ट नहीं दी।
सबसे ज़्यादा प्रभावित शहरों में एक जैसी चुनौतियाँ हैं—घना ट्रैफिक, कंस्ट्रक्शन की धूल और सर्दियों की रुकी हुई हवा। स्टेटिक GK टिप: NCR में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाके आते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े शहरी क्लस्टर में से एक बनाता है।
CREA स्टडी से खास बातें
CREA स्टडी ने खेत में आग लगने की घटनाओं में कमी के बावजूद सर्दियों के प्रदूषण में चिंताजनक बढ़ोतरी पर ज़ोर दिया। शहरी एमिशन प्रदूषण का मुख्य सोर्स बना रहा। गाजियाबाद का 224 µg/m³ कंसंट्रेशन देश भर में मॉनिटर की गई सभी जगहों में सबसे ज़्यादा था।
फरीदाबाद, भिवाड़ी, सोनीपत और मेरठ जैसे दूसरे NCR शहरों में भी बहुत खराब एयर क्वालिटी की रिपोर्ट मिली। यह पैटर्न दिखाता है कि सर्दियों में प्रदूषण के ट्रेंड तय करने में शहरी स्ट्रक्चरल मुद्दे, मौसमी खेती में आग लगने से ज़्यादा अहम हैं।
एयर क्वालिटी में नेशनल ट्रेंड
पूरे भारत में, प्रदूषण की चिंता NCR से आगे तक फैली हुई है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों में ज़्यादातर मॉनिटर किए गए शहर PM2.5 स्टैंडर्ड को तोड़ रहे थे। यह देश भर में एयर क्वालिटी की चुनौती की ओर इशारा करता है, खासकर गंगा के मैदानी इलाकों में।
स्टेटिक GK फैक्ट: गंगा का मैदानी इलाका दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है, जिससे सर्दियों में ठंडी हवा के ज्योग्राफिकल ट्रैपिंग के कारण प्रदूषण बढ़ने का खतरा ज़्यादा होता है।
नवंबर 2025 में भारत के सबसे साफ़ शहर
दूसरी तरफ, शिलांग ने सिर्फ़ 7 µg/m³ की रिपोर्ट दी, जिससे यह भारत का सबसे साफ़ शहर बन गया। दूसरे साफ़ शहरी सेंटर में कर्नाटक के शहर और सिक्किम, तमिलनाडु और केरल के कुछ शहर शामिल थे। इन इलाकों को अच्छी टोपोग्राफी, जंगल और कम इंडस्ट्रियल डेंसिटी का फ़ायदा मिलता है। PM2.5 के संपर्क में आने से सेहत पर असर
PM2.5 के कण बहुत बारीक होते हैं और खून में जा सकते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। WHO की सुरक्षित 24 घंटे की लिमिट 25 µg/m³ है, जिसका मतलब है कि गाजियाबाद की हवा स्वीकार्य लेवल से लगभग नौ गुना ज़्यादा थी।
स्टेटिक GK टिप: भारत ने 2019 में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) शुरू किया था, जिसका लक्ष्य 2026 तक नॉन-अटेनमेंट शहरों में पार्टिकुलेट प्रदूषण में 40% की कमी लाना है।
नवंबर में प्रदूषण क्यों बढ़ता है
नवंबर में तापमान में उलटफेर, हवा की स्पीड कम होना और घना कोहरा होता है, जिससे प्रदूषक ज़मीन के पास फंस जाते हैं। गाड़ियों का ज़्यादा इस्तेमाल, इंडस्ट्रियल एक्टिविटी और खुले में कचरा जलाने से यह लोड और बढ़ जाता है। पराली जलाने में कमी के बावजूद, शहरी एमिशन प्रदूषण के सोर्स पर हावी रहा।
पॉलिसी पर ज़ोर और पब्लिक हेल्थ की चिंताएँ
डेटा कंस्ट्रक्शन के नियमों का सख्ती से पालन करने, कचरा मैनेजमेंट के मज़बूत तरीकों और क्लीन मोबिलिटी को बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर देता है। शहरी निकायों को असरदार प्रदूषण कंट्रोल के लिए राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। सर्दियों का प्रदूषण एक बार-बार होने वाली पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बनी हुई है, जिसके लिए लंबे समय तक सिस्टम में दखल देने की ज़रूरत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| सबसे प्रदूषित शहर | नवंबर 2025 में गाज़ियाबाद |
| PM2.5 सांद्रता | 224 µg/m³ |
| NCR रुझान | 29 में से 20 शहर 2024 की तुलना में अधिक प्रदूषित |
| सबसे स्वच्छ शहर | शिलांग – 7 µg/m³ |
| WHO PM2.5 सुरक्षित सीमा (24 घंटे) | 25 µg/m³ |
| प्रमुख रिपोर्ट | CREA विश्लेषण |
| मुख्य स्रोत | ट्रैफिक, निर्माण धूल, सर्दियों में इन्वर्शन |
| राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम | 2026 तक कण प्रदूषण में कमी का लक्ष्य |
| अत्यधिक प्रभावित राज्य | राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
| प्रदूषण पैटर्न | NCR में सर्दियों के दौरान गंभीर प्रदूषण जमाव |





