दिसम्बर 19, 2025 2:07 अपराह्न

नेशनल फाइनेंशियल इन्क्लूजन रोडमैप 2025–2030

करंट अफेयर्स: RBI, नेशनल फाइनेंशियल इन्क्लूजन स्ट्रैटेजी, पंच ज्योति, फाइनेंशियल लिटरेसी, NSFI 2025–30, डिजिटल इन्क्लूजन, जेंडर-सेंसिटिव फाइनेंस, माइक्रो एंटरप्राइजेज, शिकायत निवारण, मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन

National Financial Inclusion Roadmap 2025–2030

इन्क्लूजन फ्रेमवर्क को मजबूत करना

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल फाइनेंशियल इन्क्लूजन स्ट्रैटेजी 2025–2030 के जरिए फाइनेंशियल इन्क्लूजन को नए सिरे से बढ़ावा दिया है। रोडमैप सर्विस डिलीवरी की क्वालिटी और भरोसे को बेहतर बनाते हुए जरूरी फाइनेंशियल सर्विसेज तक पहुंच बढ़ाने पर फोकस करता है। यह एक इकोसिस्टम-बेस्ड मॉडल अपनाता है जो इंस्टीट्यूशन, कंज्यूमर और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन प्लेटफॉर्म को जोड़ता है।

यह स्ट्रैटेजी लास्ट-माइल डिलीवरी को मुख्य प्राथमिकता के तौर पर हाईलाइट करती है। दूर-दराज के इलाकों और कम सेवा वाले इलाकों में पहुंच को मजबूत करके, यह पहुंच को फाइनेंशियल सिस्टम में एक्टिव पार्टिसिपेशन में बदलने की कोशिश करती है।

स्टेटिक GK फैक्ट: RBI की स्थापना 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट के तहत हुई थी, जिससे यह भारत की सेंट्रल मॉनेटरी अथॉरिटी बन गई। एक्सेस और इस्तेमाल पर फोकस

फ्रेमवर्क का एक खास हिस्सा एक्सेस और इस्तेमाल पर बराबर ज़ोर देना है। प्लान का मकसद यह पक्का करना है कि लोग न सिर्फ बैंकिंग सुविधाएं पाएं, बल्कि सेविंग्स, क्रेडिट, इंश्योरेंस और पेंशन सर्विसेज़ के लिए उनका असरदार तरीके से इस्तेमाल भी करें। यह यूनिवर्सल फाइनेंशियल एम्पावरमेंट के बड़े नेशनल लक्ष्य से मेल खाता है।

यह तरीका आसान ट्रांज़ैक्शन को सपोर्ट करने के लिए डिजिटल सॉल्यूशंस को इंटीग्रेट करता है।

स्टैटिक GK टिप: भारत का पहला पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक, 2017 में लॉन्च किया गया था, जो कम लागत वाली फाइनेंशियल एक्सेस में एक बड़ा कदम था।

पंच ज्योति के मकसद

फ्रेमवर्क के सेंटर में पांच स्ट्रेटेजिक पिलर हैं जिन्हें पंच ज्योति कहा जाता है। ये मकसद फाइनेंशियल रेजिलिएंस, सस्ती और ज़िम्मेदार फाइनेंशियल सर्विसेज़, जेंडर-इनक्लूसिव आउटरीच, कमज़ोर समुदायों के लिए सपोर्ट और ज़्यादा कंज्यूमर प्रोटेक्शन पर फोकस करते हैं।

स्ट्रेटेजी में 47 टारगेटेड एक्शन पॉइंट शामिल हैं जो इंस्टीट्यूशनल जिम्मेदारियों और टाइमलाइन को गाइड करते हैं। ये उपाय सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाने, मॉनिटरिंग को मज़बूत करने और कम इनकम वाले ग्रुप्स के लिए सही फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

रोज़ी-रोटी को फाइनेंस से जोड़ना

स्ट्रेटेजी एक स्किल-लिंक्ड और रोज़ी-रोटी-सपोर्टिव इकोसिस्टम को बढ़ावा देती है। यह फाइनेंशियल एक्सेस, इनकम जेनरेशन और इकोनॉमिक स्टेबिलिटी के बीच कनेक्शन पर ज़ोर देता है। फाइनेंशियल एजुकेशन के ज़रिए फाइनेंशियल बिहेवियर को मज़बूत करना प्लान का एक और बुनियादी हिस्सा है।

यह तरीका एक कोऑर्डिनेटेड मॉडल के ज़रिए माइक्रो एंटरप्राइज़, किसान परिवारों और इनफॉर्मल सेक्टर के वर्कर्स को सपोर्ट करता है।

स्टैटिक GK फैक्ट: NABARD को 1982 में एग्रीकल्चर और रूरल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, जो इनक्लूजन स्ट्रेटेजी में अहम भूमिका निभाता है।

मिलकर लागू करना

यह रोडमैप कई नेशनल इंस्टीट्यूशन के साथ मिलकर बनाया गया था। कंट्रीब्यूटर में मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस, SEBI, IRDAI, PFRDA, NABARD और नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन शामिल हैं। यह मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन अलग-अलग फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने की स्ट्रेटेजी की क्षमता को मज़बूत करता है।

RBI कस्टमर प्रोटेक्शन और शिकायत निवारण पर ज़्यादा फोकस पर ज़ोर देता है। विवाद सुलझाने के तरीकों को मज़बूत करने का मकसद कस्टमर का भरोसा बढ़ाना और फाइनेंशियल इकोसिस्टम में लगातार भागीदारी बढ़ाना है।

Static Usthadian Current Affairs Table

Topic Detail
रणनीति अवधि 2025–2030
प्रमुख अवधारणा पंच ज्योति उद्देश्यों
कार्य बिंदु 47 लक्षित उपाय
प्रमुख संस्था भारतीय रिज़र्व बैंक
सहायक एजेंसियाँ SEBI, IRDAI, PFRDA, NABARD
मुख्य फोकस पहुंच, उपयोग और उपभोक्ता संरक्षण
समावेशन प्राथमिकता महिलाओं पर आधारित और लैंगिक-संवेदनशील पहुँच
डिजिटल प्रोत्साहन उन्नत डिजिटल वित्तीय सेवाएँ
परामर्श मॉडल बहु-एजेंसी राष्ट्रीय समन्वय
ढाँचे का लक्ष्य पूरे भारत में वित्तीय भागीदारी को सुदृढ़ करना
National Financial Inclusion Roadmap 2025–2030
  1. RBI ने नेशनल फाइनेंशियल इन्क्लूजन स्ट्रैटेजी 2025–30 लॉन्च की।
  2. एक्सेस, इस्तेमाल और कंज्यूमर प्रोटेक्शन पर फोकस करता है।
  3. पंच ज्योति नाम के पांच पिलर्स पर आधारित है।
  4. इसमें 47 टारगेटेड एक्शन पॉइंट्स शामिल हैं।
  5. लास्टमाइल फाइनेंशियल कनेक्टिविटी को प्रायोरिटी देता है।
  6. देश भर में डिजिटल फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा देता है।
  7. महिलाओं के नेतृत्व वाले और जेंडरसेंसिटिव फाइनेंस को सपोर्ट करता है।
  8. रोजीरोटी को फाइनेंशियल एम्पावरमेंट से जोड़ता है।
  9. दूरदराज और कम सुविधा वाले इलाकों तक पहुंच को मजबूत करता है।
  10. फाइनेंशियल लिटरेसी और कंज्यूमर राइट्स पर जोर देता है।
  11. इसमें SEBI, IRDAI, PFRDA और NABARD शामिल हैं।
  12. जिम्मेदार क्रेडिट और इंश्योरेंस एक्सेस को बढ़ावा देता है।
  13. माइक्रो एंटरप्राइजेज और इनफॉर्मल वर्कर्स को सपोर्ट करता है।
  14. शिकायत सुलझाने और विवाद सुलझाने में सुधार करता है।
  15. डिजिटल फाइनेंशियल सिस्टम में भरोसा मजबूत करता है।
  16. कम लागत वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में इनोवेशन को बढ़ावा देता है।
  17. बचत, पेंशन और छोटे निवेश को बढ़ावा देता है।
  18. एक कोऑर्डिनेटेड मल्टीएजेंसी इकोसिस्टम बनाता है।
  19. इन्क्लूजन के लिए मॉनिटरिंग मैकेनिज्म को बेहतर बनाता है।
  20. 2030 तक पूरे देश में फाइनेंशियल पार्टिसिपेशन का लक्ष्य रखता है।

Q1. राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन रणनीति 2025–2030 किस संस्था द्वारा जारी की गई है?


Q2. लेख में उल्लिखित रणनीति का केंद्रीय अवधारणात्मक ढांचा किस नाम से जाना जाता है?


Q3. रणनीति के कार्यान्वयन हेतु कुल कितने लक्षित क्रियात्मक बिंदु निर्धारित किए गए हैं?


Q4. भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना किस वर्ष हुई थी?


Q5. समावेशन ढांचे में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी गई वह कौन-सी संस्था है, जिसकी स्थापना 1982 में हुई थी?


Your Score: 0

Current Affairs PDF December 7

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.