लोक कलाओं की शिक्षा के लिए नई पहल
तमिलनाडु ने मदुरै के थिरुपरनकुंद्रम के वलयांगुलम गाँव में पारंपरिक लोक-कला रूपों के लिए एक खास ट्रेनिंग स्कूल की घोषणा की है। यह फैसला देसी कला रूपों की सुरक्षा के लिए राज्य की लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता को और मज़बूत करता है। इस पहल का मकसद उन छात्रों को स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग देना है जो इन सांस्कृतिक परंपराओं में स्पेशलाइज़ेशन करना चाहते हैं।
पॉलिसी सपोर्ट में कलाकारों की भूमिका
स्कूल का प्रस्ताव पद्म श्री अवॉर्डी आर. वेलमुरुगन, जो एक मशहूर पराई कलाकार हैं, के अनुरोध के बाद स्वीकार किया गया था। लोक संगीत में उनके योगदान ने फॉर्मल जगहों की ज़रूरत को हाईलाइट करने में मदद की जहाँ युवा सीखने वाले एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग ले सकें।
स्टेटिक GK फैक्ट: पराई तमिल कल्चर के सबसे पुराने परकशन इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है।
एकेडमिक विस्तार और फंडिंग में बढ़ोतरी
फोक आर्ट्स में एक नया पोस्टग्रेजुएट कोर्स 2026-27 में शुरू होगा, जो राज्य के आर्ट्स एजुकेशन सेक्टर में एक बड़ा एकेडमिक विस्तार होगा। साथ ही, यूनिवर्सिटी को फाइनेंशियल मदद ₹3 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ कर दी जाएगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और करिकुलम डेवलपमेंट को सपोर्ट मिलेगा।
स्टेटिक GK फैक्ट: हायर एजुकेशन पर पब्लिक खर्च के मामले में तमिलनाडु लगातार भारत के टॉप राज्यों में शुमार है।
स्किल डेवलपमेंट इनिशिएटिव्स से बढ़ावा
नान मुधलवन स्कीम, जो असल में एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स को बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी, अब म्यूजिक और फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए बढ़ाई जाएगी। इस विस्तार से डिजिटल टूल्स, परफॉर्मेंस मैनेजमेंट और क्रिएटिव इंडस्ट्री स्किल्स में स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग मिलने की उम्मीद है।
स्टेटिक GK टिप: नान मुधलवन स्कीम 2022 में युवाओं को 200 से ज़्यादा स्किल कैटेगरी में ट्रेन करने के लिए शुरू की गई थी। मशहूर हस्तियों को पहचान
तमिलनाडु डॉ. जे. जयललिता म्यूज़िक एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी के तीसरे कॉन्वोकेशन के दौरान, जाने-माने एक्टर शिवकुमार और मशहूर आर्टिस्ट चंद्रू को डॉक्टरेट की ऑनरेरी डिग्री दी गई। यह पहचान फाइन आर्ट्स में योगदान देने वालों को सम्मानित करने की तमिलनाडु की परंपरा को दिखाती है। मुख्यमंत्री, जो यूनिवर्सिटी के एक्स-ऑफिशियो चांसलर हैं, ने इस इवेंट की अध्यक्षता की।
आर्ट इंस्टीट्यूशन को मज़बूत करना
नए स्कूल और करिकुलम में बढ़ोतरी, लोक कलाओं को मेनस्ट्रीम हायर एजुकेशन में शामिल करने की राज्य की बड़ी कोशिश को दिखाती है। उम्मीद है कि इससे युवा कलाकारों को स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग, रिसर्च के रास्ते और कल्चरल बचाव की कोशिशों तक एक्सेस मिलेगा।
स्टेटिक GK फैक्ट: मदुरै को तमिलनाडु की कल्चरल कैपिटल के तौर पर जाना जाता है, जो अपने लोक संगीत, मंदिर कलाओं और त्योहारों के लिए मशहूर है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| नए विद्यालय का स्थान | वालयंगलम गांव, तिरुपरंकुंड्रम, मदुरै |
| स्थापना का कारण | परई कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता आर. वेलमुरुगन का अनुरोध |
| निधि वृद्धि | ₹3 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ |
| नया पीजी कोर्स शुरू होने का वर्ष | 2026–27 |
| योजना विस्तार | संगीत और फाइन आर्ट्स छात्रों के लिए नान मुदलवन |
| सम्मानित व्यक्ति | अभिनेता शिवकुमार और कलाकार चंद्रु |
| अवसर | तमिलनाडु डॉ. जे. जयललिता संगीत एवं ललित कला विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह |
| मुख्यमंत्री की भूमिका | विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति |
| नए विद्यालय का उद्देश्य | पारंपरिक लोक कलाओं का संरक्षण और संवर्धन |
| राज्य का फोकस | सांस्कृतिक शिक्षा और कौशल विकास को सुदृढ़ करना |





